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अमेरिका में दबाव समूह/ Pressure Groups in America || BY Nirban PK Sir || In Hindi

 अमेरिका में दबाव समूह

    • पूरे विश्व में दबाव समूहों का प्रभाव सबसे ज्यादा इसी देश में है। 

    • लॉबिंग का प्रयोग भी सर्वाधिक यहीं होता है। 

    • कारण- राजनीतिक दलों का अपने प्रतिनिधियों व सदस्यों पर कठोर नियंत्रण नहीं। 

    • वुडरो विल्सन "कांग्रेस की इच्छाएं मूलतः गुटों की इच्छाएं है|" 

    • वुडरो विल्सन "U.S.A. की सरकार ऐसा शिशु है, जो हित समूहों की देखरेख में पलता है|”

    • अमेरीकन दबाव समुहों के बारे में लास्की का प्रसिद्ध कथन है कि "दबाव डालने वाले ये ग्रुप वास्तव में स्वतः ही कांग्रेस के पीछे कांग्रेस के सदस्यों के लिए, विशेषकर नये व साधारण सदस्यों के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं। ये सदस्यों का भाषण भी तैयार करते हैं और उनके निर्वाचन क्षेत्रों में उनकी प्रशंसा व प्रचार कार्य करते हैं, जिन्हें सदस्यगण स्वयं नहीं कर पाते हैं। वे उक्त सदस्यों की भेंट 'बड़े-बड़े आदमियों' से कराते है। मतदाताओं को यह महसूस करा सकते हैं कि उनके द्वारा निर्वाचित सदस्य, स्थानीय नेता मात्र नहीं, वरन् महान् व्यक्ति है। यदि उचित समय पर किसी सदस्य का उचित ग्रुप (Right Lobbyist) की सहायता मिल जाती है, तो वह उसके राजनीतिक जीवन में निर्णायक सिद्ध हो सकती है।" 



    अमेरीका में दबाव गुटों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि-

    • 1835 में डी. टॉकविले ने कहा था कि "विश्व में अमरीका के अतिरिक्त ऐसा कोई देश नहीं है, जहां संगठनों तथा हितों को स्वीकार किया जाता हो।" 

    • 1961 में अमरीकी राजनीतिशास्त्री वी.ओ. की ने कहा था कि “अमेरीकी राजनीतिक पद्धति को पर्याप्त रूप से समझना है, तो गैर सरकारी संगठनों की गतिविधियों का अध्ययन करना उपयोगी है।" 

    • संयुक्त राज्य अमरीका में दबाव समूहों के विकास के लिए प्रधान रूप से देश का विशाल आकार, राजनीतिक दलों का अस्पष्ट कार्यक्रम एवं संसदीय शासन-व्यवस्था का अभाव उत्तरदायी है। 

    • संयुक्त राज्य अमरीका में ऐसी परिस्थितियाँ उत्पन्न हो गयीं है, कि समान व्यवसाय या उद्योगों से सम्बन्धित व्यक्ति अपने हितों के रक्षार्थ एक समूह में संगठित होने लगे और अपने स्वार्थों के अनुकूल विधियों के निर्माण, विरोधी विधियों के निर्माण को रोकने तथा विधेयकों को प्रभावित करने के प्रयत्न करने लगे है। 

    • ऐसी ही परिस्थितियों में 1823 ई. में संयुक्त राज्य अमरीका में पोर्क बैरल विधान (Pork barrel legislation) का विकास हुआ था। संयुक्त राज्य अमरीका में जब किसी विशेष समूह या क्षेत्र को राजनीतिक उद्देश्य के लिए शासकीय अनुदान या धन प्रदान किया जाता है, तो सम्बन्धित विधेयक को विरोधियों द्वारा पोर्क बैरल विधेयक की संज्ञा दी जाती थी। 


    प्रो. अर्ल लेथम (Earl Latham) ने अमरीका में दबाव गुटों की वृद्धि के चार कारण बताये हैं-

    1. अमरीका की शासन प्रणाली में दबाव समूहों की उपस्थिति का मुख्य कारण संघ ओर राज्यों के बीच शक्ति विभाजन तथा शासन के तीनों अंगों के मध्य शक्तियों का पृथक्करण है।

    2. अमरीका में राजनीतिक दल सुसंगठित एवं अनुशासित नहीं हैं, इन परिस्थितियों में प्रेशर राजनीति की प्रक्रिया सक्रिय हो जाती है, जो स्वाभाविक भी है। 

    3. अमरीका में अपने निर्वाचन के लिए कांग्रेस के सदस्य दल पर नहीं, अपितु स्वयं के प्रयासों पर ही अधिक निर्भर करते हैं। फलतः उन्हें सहायता और जीत के लिए दबाव गुटों पर निर्भर होना पड़ता है। 

    4. इसी तरह कार्यात्मक तथा क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व की आवश्यकता प्रेशर ग्रुपों द्वारा ही पूरी की जाती है। अमरीका में दबाव समूहों के विकास ने भौगोलिक तथा कार्यात्मक प्रतिनिधित्व की समस्या का समाधन किया है। 



    अमरीकी राजनीति में दबाव समूह (Pressure Groups in American Politics)-

    1. व्यापारिक समूह

    • अमरीका में आर्थिक हित समूहों की संख्या सबसे अधिक है। 

    • प्रमुख आर्थिक समूह- वाणिज्य मण्डल (The Chamber of Commerce), निर्माताओं का राष्ट्रीय संघ (The National Association of Manufacturers), औद्योगिक संगठनों की कांग्रेस (The Congress of Industrial Organisation), राष्ट्रीय वाणिज्य संघ (National Federation of Business) 


    1. विशिष्ट व्यावसायिक समूह

    • अमेरिकन बैंकर्स एसोसिएशन (American Bankers Association), दी अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (The American Medical Association), अमेरिकन बार एसोसिएशन (American bar Association) आदि| 

    • ये पेशेवर गुट सम्पूर्ण व्यवसाय की ओर से बोलते हैं तथा यह प्रयास करते हैं कि सरकारी व्यय कम हो तथा सरकार अनियन्त्रित प्रतियोगिता के विरुद्ध व्यवसाय की रक्षा करे। 


    1. किसान संघ

    • उदाहरण- दी अमेरिकन फार्म ब्यूरो फेडरेशन (The American Farm Bureau Federation) एवं राष्ट्रीय कृषक संघ (The National Farmers Union)। 


    1. मजदूर संघ

    • मजदूर संघों में प्रमुख हैं- दी अमेरिकन फेडरेशन ऑफ लेबर (The American Federation of Labour) तथा कांग्रेस ऑफ इण्डस्ट्रियल ऑर्गेनाइजेशन (Congress of Industrial Organisation) । 

    • दोनों ही श्रमिक संघ 'फेडरेशन' हैं तथा शान्तिपूर्ण तरीकों से श्रमिक संघों की मांगों को जनता तथा सरकार के सम्मुख रखते हैं। 


    1. सामरिक महत्व के हित समूह

    • ये वे हित समूह हैं, जिनका सम्बन्ध अत्यन्त अनिवार्य सेवाओं से है। इसलिए वे अपने आपकों अत्यन्त शक्तिशाली मानते हैं।

    • वे अपनी मांगों को मनवाने में अपेक्षाकृत ज्यादा सक्षम हैं। कुछ लोगों ने उनकी शक्ति को 'ब्लैक मेल' की संज्ञा दी है। यानी वे दबाव डालकर अपनी हर बात मनवा सकने की स्थिति में होते हैं। 

    • इस तरह के गुटों में मुख्य हैं- विमान चालक संघ (Air Pilots Association), तेल पाइपलाइन में लगे लोगों का समुदाय (Associations of Oil PipeLines), डाक कर्मचारी संघ (American Postal Workers)। 



    अमरीका में दबाव गुट तथा राजनीतिक प्रक्रिया-

    • अमरीका में दबाव समूह कई तरीकों से राजनीतिक प्रक्रिया में भाग लेते हैं। वे राजनीतिक दलों के राष्ट्रीय सम्मेलनों में अपने प्रतिनिधि भेजते हैं। वे चुनावों में सक्रिय रूप से अपने समर्थकों की सहायता करते हैं तथा उन्हें विजयी बनवाते हैं। 

    • जब कांग्रेस व्यवस्थापन का कार्य करती है, तो दबाव समूह सदस्यों को प्रभावित करते हैं, कांग्रेस की समितियों के समक्ष अपने हितों की जोरदार वकालत करते हैं।

    • हजारों दबाव समूहों ने अमरीकी राजधानी वाशिंगटन में अपने कार्यालयों की स्थापना कर रखी है। इनके द्वारा अपने हितों के संवद्धन के लिए जिन प्रचारकों या अभिकर्ताओं को नियुक्त किया जाता है, वे विधि-निर्माण और प्रशासनिक संगठन एवं कार्यपद्धति की बारीकियों से भली प्रकार परिचित होते हैं। अधिकांश समूहों के अभिकर्ता पत्रकारों, वकीलों, भूतपूर्व कांग्रेसजनों एवं अवकाश प्राप्त उच्च पदाधिकारियों के वर्ग में से चुने जाते हैं और इन्हें पर्याप्त वेतन दिया जाता है। 


    • अमरीका में दबाव समूहों के विकास के लिए उपयुक्त वातावरण है और निम्नांकित तत्वों ने अमरीकी राजनीतिक जीवन में इनके विकास में योगदान दिया है-

    1. शिथिल दलीय संगठन,

    2. विचार एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता,

    3. स्वतंत्र विधि-निर्माण प्रक्रिया यानी सभी के लिए विधि-निर्माण प्रक्रिया को प्रभावित करने के अवसर, 

    4. शासन का व्यापक कार्यक्षेत्र। 

    5. संयुक्त राज्य अमरीका में, संसद प्रधान देश की भांति विधि-निर्माण एवं सार्वजनिक नीतियों पर संसद के बहुमत दल का एकाधिकार नहीं है।


    • अमरीकी राजनीतिक प्रक्रिया में दबाव गुटों का विशेष महत्व है। उन्हें विधानमण्डल के ऐसे तृतीय सदन की संज्ञा दी जाती है, जो संविधान की सीमा के बाहर कार्य करते हैं। 

    • प्रो.डी.एम. बर्मन का तो स्पष्ट कहना है कि "अमरीका में दबाव गुटों और कांग्रेस के सदस्यों में प्रगाढ़ सम्बन्ध होता है। कांग्रेस के सदस्य, खासतौर से प्रतिनिधि सभा के सदस्य, तो यथार्थ में दबाव समूहों की जेबों में रहते हैं" 



    अमरीका में लॉबीबाजी (Lobbying in the U.S.A.) 

    • लॉबी से ‘लॉबीइंग' शब्द बना है। 

    • लॉबी का अर्थ है- संसद भवन में लगा हुआ एक बरामदा। 

    • विधेयक के समर्थन अथवा विरोध करने के संगठित ढंग को लॉबीइंग कहते हैं। 

    • इनका प्रारम्भ अमरीका से हुआ है। आजकल सभी देशों में लॉबीइंग होता है। 

    • अमरीका की राजधानी में, जहां कानून बनाये जाते हैं, विविध हितों के प्रतिनिधि रहते हैं। वे कांग्रेस के सदस्यों पर विभिन्न तरीकों से दबाव डालकर उन कानूनों को बनवाना चाहते हैं जो उनके लिए लाभदायक हों ओर उन कानूनों का विरोध करना चाहते हैं जिनमें उनको हानि पहुंचने की सम्भावना हो। उनकी गतिविधियां लॉबीइंग कहलाती है। 

    • वुडरो विल्सन ने इसे घातक प्रथा कहा था। 



    दबाव समूह तथा लॉबी में अन्तर-

    • ये अन्तर निम्न हैं

    1. दबाव समूह अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए जनमत तथा विधायक दोनों पर निर्भर रहते हैं, परन्तु लॉबी केवल विधायकों पर ही निर्भर रहती है। 

    2. लॉबी तो आवश्यकतानुसार किसी विधेयक को पास कराने या उसका विरोध करने का भरसक प्रयत्न करती है। कुछ दबाव समूह अपनी लॉबी भी रखते हैं और जनमत को भी प्रभावित करने का प्रयत्न करते हैं। 



    अमरीकी दबाव समूहों की विशेषताएं (Salient Features of the American Pressure Groups)-

    1. अमरीका में दबाव समूह अपने सदस्यों की सुरक्षा व अवस्था सुधार का लक्ष्य रखते है। 

    2. कार्यविधि की दृष्टि से अमरीकी दबाव समूह विधिसम्मत प्रक्रियाओं का अनुसरण करने के कारण क्रान्तिकारी परिवर्तनों की कोई आकांक्षा नहीं रखते हैं। 

    3. इस दृष्टि से अमरीकी दबाव समूह विशिष्ट हितवादी कहे जा सकते हैं। 

    4. अमरीका एक विकसित और तकनीकी समाज होने के कारण अधिकतम दबाव समूह संस्थात्मक तथा समुदायात्मक प्रकारों के ही होते हैं। अमरीका में असमुदायात्मक दबाव समूहों के निर्माण का आधार ही नहीं पाया जाता।

    5. अमरीकी समाज की जटिलता के कारण दबाव समूह गहन विशिष्टीकरण के साथ-ही-साथ पेशेवर होते गये हैं। 



    लॉबीबाजी का नियमन (Laws to Curb Lobbying) 

    • 1946 का अमरीकी संघीय 'लॉबीबाजी' विनियमन विधेयक अमरीकी कांग्रेस में 'लॉबी' करने वाले गुटों की सक्रियताओं को जनता के सम्मुख लाने और उनकी रोकथाम करने का प्रयास है। 

    • इस विधेयक ने यह जरूरी बना दिया कि गुटों का पंजीयन कराया जाए। 

    • वस्तुत: ये अधिनियम लॉबीबाजी' या 'दबाव गुटों' पर प्रतिबन्ध नहीं लगाते। वे तो केवल उनकी गतिविधियों को नियमित एवं नियन्त्रित करना चाहते हैं। 


    अमरीकी तथा ब्रिटिश दबाव समूहों की तुलना-

    • अमरीका में दबाव समूह, राजनीतिक व्यवस्था की विशेष प्रकृति के कारण राजनीतिक रिक्तता भरने का अवसर प्राप्त कर लेते हैं। इस प्रकार की राजनीतिक रिक्तता ब्रिटेन की राजनीतिक व्यवस्था में नहीं होने के कारण, दबाव समूह राजनीतिक प्रक्रिया में इस प्रकार का प्रवेश प्राप्त नहीं कर सकते जिस प्रकार अमरीका में दबाव समूह कर पाते हैं।

    • अमरीका में दबाव समूह राजनीतिक प्रक्रिया में नागरिकों को सहभागी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ब्रिटेन में जनता की राजनीतिक सहभागिता दलों के माध्यम से ही अधिक व्यावहारिक बनती है। 

    • ब्रिटेन में सरकार व दबाव समूहों के बीच सम्पर्कता को औपचारिक ढंग से संस्थागत रूप प्राप्त है। एक्सटीन ने इसके चार प्रकार बताये हैं- (अ) औपचारिक दबाव समूह, शिष्टमण्डल और वार्ता समितियां, (ब) अनौपचारिक अर्द्ध-सामाजिक सम्पर्क व्यवस्थापिकाएं, (स) दबाव समूहों के मामलों से सम्बन्धित सरकारी समितियों में उनका प्रतिनिधित्व, (द) दबाव समूहों को सरकारी नीतियों के निश्चय में ही नहीं उनके वास्तविक प्रबन्ध में भी सम्मिलित किया जाता है। इस तरह ब्रिटेन में दबाव समूहों के प्रतिनिधियों तथा प्रशासकीय अधिकारियों के बीच सहयोग को बढ़ावा दिया जाता है जबकि अमरीका में इन दोनों के बीच हर सम्पर्क को शंका की दृष्टि से देखा जाता है। 


    • अमरीका की राजनीतिक संस्कृति में दबाव समूहों को शंका की दृष्टि से देखा जाता है, जबकि ब्रिटेन में इन्हें राजनीतिक प्रक्रिया का स्वस्थ अंग माना जाता है। 

    • किन्तु इससे यह अभिप्राय नहीं है कि दबाव समूहों की भूमिका अमरीका के मुकाबले ब्रिटेन में अधिक है। बल्कि वास्विकता यह है कि अमरीकी में इनकी गतिविधियों में उत्तरोत्तर वृद्धि होती जा रही है। 

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