भारत का उपराष्ट्रपति
संविधान के भाग 5, में अनुच्छेद 63 से 70 तक उपराष्ट्रपति के बारे में उल्लेख है|
उपराष्ट्रपति का पद देश का दूसरा सर्वोच्च पद है|
आधिकारिक क्रम में उपराष्ट्रपति पद राष्ट्रपति पद के बाद आता है|
यह पद अमेरिका के उपराष्ट्रपति की तर्ज पर बनाया गया है|
अनुच्छेद 63 पद का प्रावधान-
भारत का एक उपराष्ट्रपति होगा|
योग्यता [अनुच्छेद 66 (3)]-
भारत का नागरिक हो|
35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो|
राज्यसभा सदस्य बनने की योग्यता रखता हो
अनुच्छेद 66 (4)- भारत सरकार या राज्य सरकार या स्थानीय या अन्य प्राधिकारी के अधीन लाभ के पद न हो|
अनुच्छेद 66 (2)- संसद या राज्य विधानमंडल का सदस्य न हो
निर्वाचन विधि [66(1)] -
एकल संक्रमणीय आनुपातिक प्रतिनिधित्व मतदान प्रणाली द्वारा गुप्त रूप से
निर्वाचक मंडल [अनु- 66 (1)]
संसद के दोनों सदनों के सभी (निर्वाचित व मनोनीत) सदस्य शामिल होते हैं|
उपराष्ट्रपति के नामांकन के लिए आवश्यकता-
20 प्रस्तावक
20 अनुमोदक होने चाहिए
जमानत राशि-15000
1/6 मत प्राप्त नहीं होने पर जमानत राशि जब्त हो जाती है|
शपथ (अनु 69)-
उपराष्ट्रपति पद ग्रहण करने से पहले राष्ट्रपति या उनके द्वारा नियुक्त व्यक्ति के समक्ष शपथ लेता है|
संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा व निष्ठा की
कर्तव्य पालन की
पदाविधि या कार्यकाल (अनुच्छेद 67)
पद ग्रहण करने की तिथि से 5 वर्ष तक
त्यागपत्र- राष्ट्रपति को अपने हस्ताक्षर सहित लेख के द्वारा|
उपराष्ट्रपति नये उत्तराधिकारी के पद ग्रहण करने तक अपने पद पर बना रहता है, चाहे कार्यकाल पूरा हो गया|
पद से हटाना (अनु 67)-
राज्यसभा के तत्कालीन सदस्यों के बहुमत से पारित संकल्प के द्वारा, जिस पर लोकसभा की सहमति हो, उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है|
लेकिन ऐसा संकल्प लाने से 14 दिन पूर्व उपराष्ट्रपति को सूचना देनी होगी|
Note- उपराष्ट्रपति को पद से हटाने के आधार क्या है इस बात पर सविधान मौन है|
Note- उपराष्ट्रपति की मृत्यु, त्यागपत्र या पद से हटाए जाने या अन्य कारण से पद रिक्त होने पर यथाशीघ्र निर्वाचन किया जाएगा (अनु- 68)
Note- कोई व्यक्ति कितनी बार उपराष्ट्रपति बन सकता है, इस बात पर सविधान मौन है|
चुनाव संबंधी विवाद [अनुच्छेद- 71]
उपराष्ट्रपति के चुनाव से संबंधित सभी विवादों की जांच व निर्णय S.C द्वारा किए जाते हैं, तथा S.C का निर्णय अंतिम होता है|
S.C यदि किसी व्यक्ति के उपराष्ट्रपति पद पर निर्वाचन को अवैध ठहरा दे, तो इस दौरान किया गया कार्य अवैध नहीं होगा|
उपराष्ट्रपति के निर्वाचन से संबंधित विधि संसद बनाएगी|
उपराष्ट्रपति के चुनाव को निर्वाचन मंडल के अपूर्ण होने के आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती है|
उपराष्ट्रपति के कार्य-
अनुच्छेद 64 व 89- उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है|
अनुच्छेद 65- राष्ट्रपति पद रिक्त होने पर कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करेगा|
Note- जब उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है तो वह राज्यसभा का सभापति नहीं रहेगा|
वेतन भत्ते-
उपराष्ट्रपति को वेतन अनुच्छेद 97 के अंतर्गत सभापति के रूप में मिलता है (4 लाख रुपये)
जब कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है तो वेतन राष्ट्रपति के रूप में मिलता है (5 लाख रुपये)
अब तक बने उपराष्ट्रपति-
रा- राधाकृष्णन- (13 मई 1952 से 12 मई 1962)
जा- जाकिरहुसैन- (13 मई 1962 से 12 मई 1967)
गी- V.V गिरी- (13 मई 1967 से 3 मई 1969)
गो- गोपालस्वरूप पाठक (31 अगस्त 1969 से 30 अगस्त 1974)
बी- बी.डी जत्ता (31 अगस्त 1974 से 30 अगस्त 1979)
हि- हिदायतुल्लाह (21 अगस्त 1979 से 30 अगस्त 1984))
वे- रामास्वामी वेंकटरमण (31 अगस्त 1984 से 24 जुलाई 1987)
श- शंकर दयाल शर्मा (3 सितंबर 1987 से 24 जुलाई 1992)
के- के.आर.नारायण (21 अगस्त 1992 से 24 जुलाई 1997)
कृष्ण- कृष्णकांत- (21 अगस्त 1997- 27 जुलाई 2002)
से- भैरों सिंह शेखावत (19 अगस्त 2002 से 21 जुलाई 2007)
अ- मोहम्मद हामिद अंसारी (11 अगस्त 2007 से 10 अगस्त 2017)
ना- वेंकैया नायडू (11 अगस्त 2017 से 11 अगस्त 2022)
जी- जगदीप धनखड़ (11 अगस्त 2022 ....... )
सबसे अधिक कार्यकाल- राधाकृष्णन व मोहम्मद हामिद अंसारी (लगभग 10 वर्ष)
सबसे कम कार्यकाल- V.V गिरी (लगभग 2 वर्ष)
शंकर दयाल शर्मा, राधाकृष्णन, हिदायतुल्लाह निर्विरोध उपराष्ट्रपति बने|
कृष्णकांत की पद पर रहते हुए मृत्यु हुई|
राधाकृष्णन व मोहम्मद हामिद अंसारी दो बार उपराष्ट्रपति बने|
गोपाल स्वरूप पाठक, कृष्णकांत, भैरों सिंह शेखावत, मोहम्मद हामिद अंसारी, वेंकैया नायडू, जगदीप धनखड़ ऐसे उपराष्ट्रपति, जो राष्ट्रपति नहीं बने हैं|
Social Plugin