शहरी स्थानीय स्वशासन (Urban local government)
- भारत में सबसे पहले 1687 में मद्रास नगर निगम की स्थापना हुई थी| 
- 1726 में मुंबई व कोलकाता में नगर निगम की स्थापना हुई| 
- अगस्त 1989 में राजीव गांधी सरकार द्वारा 65 वा संविधान संशोधन विधेयक 1989 लोकसभा में पेश किया गया, जो राज्यसभा में पारित नहीं हुआ| 
- V.P सिंह सरकार (राष्ट्रीय मोर्चा सरकार) ने सितंबर 1990 में लोकसभा में पुन: विधेयक पेश किया, लेकिन सरकार गिर गई| 
- सितंबर 1991 P.V नरसिम्हा राव सरकार ने लोकसभा में विधेयक पेश किया, जो 74 वे संविधान संशोधन अधिनियम 1992 के रूप में पारित हुआ| 
- शहरी स्थानीय शासन राज्य सूची का विषय है| 
- भारत में आठ प्रकार का शहरी शासन है- 
- नगर पालिका 
- नगर निगम 
- अधिसूचित क्षेत्र समिति 
- शहरी क्षेत्र समिति 
- छावनी बोर्ड 
- पतन न्यास 
- नगर क्षेत्र 
- विशेष उद्देश्य के लिए गठित समिति 
- 74वां संविधान संशोधन अधिनियम 1992-
- 1 जून 1993 को यह अधिनियम लागू हुआ या प्रभाव में आया| 
- संविधान में भाग 9क जोड़ा गया| 
- एक नई अनुसूची 12 जोड़ी गई| 
- 12वीं अनुसूची में कुल 18 विषय/ मद शामिल है| 
- अनुच्छेद- 243P से अनुच्छेद 243ZG जोड़े गये| कुल 18 अनुच्छेद जोड़े गए| 
- इस अधिनियम द्वारा नगरपालिकाओ को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया| 
- भाग- 9क को ‘नगरपालिकाएं’ नाम दिया गया 
- नगरपालिकाओं का गठन- 243Q 
- नगरपालिका के तीन प्रकार हैं- 
- नगर पंचायत (संक्रमणशील क्षेत्र के लिए) 
- नगरपालिका परिषद (लघुत्तर नगरीय क्षेत्र के लिए) 
- नगर निगम (वृहत्तर नगरीय क्षेत्र के लिए) 
- नगरपालिका की संरचना (अनु- 243R)- 
- तीनों स्तरों के सभी सदस्यों का चुनाव प्रत्यक्ष होंगे| 
- अध्यक्ष (तीनों स्तर) के निर्वाचन के तरीके का निर्धारण विधानमंडल करेगी| 
- अनुच्छेद 243 R(2) के अनुसार किसी राज्य का विधान मंडल विधि द्वारा नगर पालिका में निम्न का प्रतिनिधित्व करने के लिए उपबंध कर सकेगा- 
- नगर पालिका प्रशासन का विशेष ज्ञान या अनुभव रखने वाले व्यक्तियों का| 
- सांसद या विधायक, जो उन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं| 
- राज्यसभा और राज्य विधान परिषद के सदस्यों का जो नगर पालिका क्षेत्र के भीतर निर्वाचकों के रूप में रजिस्ट्रीकृत है| 
- वार्ड समितियों का गठन व संरचना (अनु- 243S)- 
- 3 लाख या अधिक जनसंख्या वाली नगरपालिका में एक या एक से अधिक वार्डो को मिलाकर एक वार्ड समिति का गठन किया जाएगा| 
- स्थानों का आरक्षण (अनु- 243T) 
- S.C व S.T को जनसंख्या के आधार पर आरक्षण होगा| 
- OBC के आरक्षण का निर्धारण राज्य विधानमंडल करेगी| 
- महिलाओं को 1/3 आरक्षण होगा| 
- Note-112 वे संशोधन के द्वारा महिलाओं का आरक्षण 1/2 होगा प्रस्तावित 
- कार्यकाल या अवधि (243U ) 
- प्रथम बैठक से 5 वर्ष तक 
- समय पूर्व विघटन होने पर नयी नगरपालिका शेष कार्यकाल के लिए कार्य करेगी| 
- लेकिन विघटन के समय कार्यकाल 6 माह शेष है, तो शेष कार्यकाल के लिए चुनाव कराना आवश्यक नहीं है| 
- विघटन होने पर 6 माह में चुनाव कराना आवश्यक है| 
- तथा कार्यकाल समाप्ति से पूर्व चुनाव कराना आवश्यक है| 
- सदस्यता के लिए निरहर्ताएं- 243V 
- राज्य विधान मंडल के निर्वाचन के लिए बनाई गई विधि के अंतर्गत निरर्ह है| 
- लेकिन न्यूनतम आयु 21 वर्ष होने पर योग्य है| 
- नगरपालिकाओं की शक्तियां, प्राधिकार, उत्तरदायित्व (243W)- 
- राज्य विधानमंडल, नगरपालिकाओं को ऐसे कार्य सौपेंगी, जो स्वायत्तशासी संस्थाओं के रूप में समर्थ बनाने के लिए आवश्यक है| 
- निम्न कार्य होंगे- 
- आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय के लिए योजनाएं तैयार करना| 
- 12वीं अनुसूची में सम्मिलित 18 विषयों में से, जो विषय विधानमंडल द्वारा सोपे जाये| 
- नगर पालिकाओं द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्ति और उनकी नीधियां (243X)- 
- वित्त आयोग (243Y)- 
- पंचायतों के लिए गठित वित्त आयोग (243 I) नगरपालिकाओं के लिए भी वित्त आयोग होगा| 
- नगरपालिकाओं के लेखाओं की संपरीक्षा (243 Z)- 
- राज्य का विधानमंडल विधि द्वारा नगरपालिकाओं के लेखाओं की संपरीक्षा करने के बारे में उपबंध कर सकेंगा| 
- नगरपालिकाओं के लिए निर्वाचन (243 ZA)- 
- पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचन के लिए गठित आयोग ही नगर पालिकाओं के भी चुनाव करवाएगा| 
- संघ राज्य क्षेत्रो में लागू होना (243 ZB)- 
- इस भाग के उपबंध संघ राज्य क्षेत्र में लागू होंगे तथा राज्य के राज्यपाल या प्रशासक या जहां विधानसभा है, वहां विधानसभा के प्रति निर्देश के रूप में प्रभावी होंगे| 
- परंतु राष्ट्रपति लोक अधिसूचना द्वारा निर्देश दे सकेगा कि इस भाग के उपबंध किसी संघ राज्य क्षेत्र में अपवादों या संशोधनो के अधीन लागू होंगे| 
- जिला योजना समिति (अनु 243ZD)- 
- जिला स्तर पर जिले में पंचायतों और नगरपालिकाओं द्वारा तैयार योजनाओं का समेकन करने के लिए तथा संपूर्ण जिले के लिए एक विकास योजना प्रारूप तैयार करने के लिए एक जिला योजना समिति होगी| 
- सदस्य संख्या- 
- निर्धारित नहीं है| 
- लेकिन कुल सदस्य संख्या के कम से कम 4/5 सदस्य पंचायतों और नगरपालिकाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा अपने में से निर्वाचित किए जाएंगे| 
Note- अन्य बातों का निर्धारण विधानमंडल करेगी|
- महानगर योजना समिति (अनु 243ZE)- 
- प्रत्येक महानगर क्षेत्र में संपूर्ण महानगर क्षेत्र के लिए विकास योजना प्रारूप तैयार करने के लिए एक महासागर योजना समिति का गठन किया जाएगा| 
- सदस्य- 
- कुल सदस्यों का 2/3 सदस्य नगरपालिकाओं के निर्वाचित सदस्यों तथा पंचायतों के अध्यक्षों द्वारा अपने में से निर्वाचित किए जाएंगे| 
- निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालय के हस्तक्षेप का वर्णन (243 ZG)- 
- Note- 73वां / 74वां अधिनियम चुनाव संबंधी मामलों में न्यायालय के हस्तक्षेप पर रोक लगाता है| 
कुछ तथ्य-
- 74वां संविधान संशोधन अधिनियम 1992 संघ शासित क्षेत्रों में भी लागू होता है| 
- अनुसूची 5 में निर्धारित अनुसूचित क्षेत्रों में 74वां संविधान संशोधन लागू नहीं होता है| 
- पश्चिमी बंगाल के दार्जिलिंग के गोरखा हिल परिषद क्षेत्र में यह लागू नहीं होता है| 
- असम, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम के स्वायत्त क्षेत्रों में भी लागू नहीं होता है| 
- नगर विकास प्राधिकरण, यू आई टी तथा छावनी बोर्ड का 74वें संविधान संशोधन में वर्णन नहीं है| 
छावनी मंडल-
- इसकी स्थापना ऐसे क्षेत्रों में की जाती है, जहां सेना निवास करती है| 
- सैनिक स्थलों के आसपास असैनिक नागरिक भी निवास करते हैं, ऐसे क्षेत्रों के प्रशासन के लिए छावनी मंडल की स्थापना की जाती है| 
- छावनी बोर्ड का अध्यक्ष उस छावनी का कमांडिंग ऑफिसर होता है, जबकि उपाध्यक्ष पद पर क्षेत्र के निर्वाचित अधिकारी की नियुक्ति की जाती है| 
- यह केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय के नियंत्रण में कार्य करता है| 
- राजस्थान में केवल (नसीराबाद) अजमेर में सैनिक छावनी में स्थानीय स्वशासन हेतु छावनी मंडल स्थापित है| 
- वर्तमान में इसका प्रशासन छावनी अधिनियम 2006 के अंतर्गत होता है| 

 
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