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संविधान सभा / Sanvidhaan Sabha /Constituent Assembly || In Hindi || BY Nirban PK Sir

 

संविधान सभा (Constituent Assembly)

    सविधान- 

    • संविधान (Constitution) शब्द की उत्पत्ति लेटिन भाषा के Constiture से हुई है, जिसका अर्थ ‘प्रबंध करना’ या ‘व्यवस्था करना’ है|

    • अर्थात संविधान विधि व कानूनो का ऐसा संकलन है, जिसके अनुसार किसी भी देश की शासन व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया जाता है|

    • संविधान में सरकार के सभी अंगों के कार्य और अधिकार तथा नागरिकों के आपसी संबंधों का उल्लेख  होता है| 

    • किसी भी देश के संविधान पर वहां की विशेष परिस्थितियों का प्रभाव पड़ता है| प्रत्येक देश के इतिहास, सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक तथ्यों का संविधान पर प्रभाव अवश्य पड़ता है

    • संविधान शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग ब्रिटिश नागरिक सर हेनरीमैंन ने किया था| इन्होंने संविधानवाद का विचार दिया था|


    सविधान की परिभाषाएं-

    • K.M.मुंशी “सविधान राज्य की आत्मा है|”

    • प्रो. जेलीनेक ”सविधान के बिना राज्य का नहीं, बल्कि अराजकता का शासन होगा|”

    • प्रो. लास्की “नियमों का वह भाग सविधान कहलाता है, जिसके द्वारा यह निश्चित किया जाता है कि-

    1. ऐसे नियम किस प्रकार बनाए जाए| 

    2. नियमों में परिवर्तन किस विधि से किया जाए|

    3. और इस विधि का निर्माण कौन करें|


    • प्रो. डायसी “उन सभी नियमों का समूह जिनके द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से राज्य सत्ता का विभाजन और प्रयोग किया जाता है, उसे राज्य का संविधान कहा जाता है|”

    • अरस्तु “सविधान वह यंत्र है, जो राज्य के कार्यालयो का संगठन निर्धारित करता है|”

    • ब्राइस “सविधान निश्चित नियमों का वह संग्रह है, जिसमें सरकार की कार्यविधि निहित है और जिसके द्वारा सरकार का संचालन होता है|”

    • लेविस ”सविधान से तात्पर्य राज्य के ढांचे से अथवा राज्य में राज्य सत्ता के प्रबंध अथवा वितरण से है|”

    • गेटेल “वे मौलिक सिद्धांत जिनके द्वारा राज्य का स्वरूप निर्धारित होता है, सविधान कहलाता है|”

    • गिलक्राइस्ट “सविधान उन सारे लिखित और अलिखित विधियों एवं नियमों का संग्रह है, जिसके आधार पर किसी देश की शासन व्यवस्था संगठित की जाती है|”



    स्वरूप के आधार पर सविधान दो प्रकार का होता है- 

    1. लिखित संविधान/ निर्मित संविधान

    2. अलिखित संविधान/ विकसित संविधान


    1. लिखित संविधान/ निर्मित संविधान-

    • यह संविधान निश्चित समयावधि में तथा निश्चित लोगों के द्वारा लिखा जाता है|

    • विश्व का सबसे प्राचीन, सबसे छोटा लिखित संविधान अमेरिका है, जिसका निर्माण 1787 ईस्वी में फिलाडेल्फिया में हुआ| (मात्र - 7 अनुच्छेद)


    1. अलिखित संविधान- 

    • यह निश्चित समय में निर्मित या लिपिबद्ध नहीं होता है, इसका धीरे-धीरे विकास होता है| जिसमें अभिसमयो, रूढ़ियो, लोकाचरो, परंपराओं, न्यायिक निर्णयो को ही कानून का रूप दे दिया जाता है|

    • मौखिक व परंपराओं पर आधारित तथा अलिखित संविधान ब्रिटेन का है|

    • ब्रिटेन के संविधान को संयोग और बुद्धिमता का शिशु कहा जाता है|


    Note- भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा व लिखित संविधान है| (कुल- 395 अनुच्छेद)

     

    Note- नेपाल का संविधान लिखित संविधानो में सबसे नवीनतम है| (2015-16 में लिखा गया)


    • भारतीय संविधान का निर्माण संविधान सभा/ संविधान निर्मात्री सभा द्वारा किया गया|



    संविधान सभा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि- 

    • संविधान सभा के सर्वप्रथम दर्शन 1895 में तिलक के निर्देशन में तैयार स्वराज्य विधेयक में होते है|  इसमें तिलक ने स्वराज्य की मांग की थी| स्वराज विधेयक को ‘कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ़ इंडिया बिल’ भी कहा जाता है

    • 5 फरवरी 1922 को महात्मा गांधी ने कहा कि “स्वराज्य ब्रिटिश संसद का उपहार नहीं होगा, वह भारत की पूर्ण अभिव्यक्ति की घोषणा होगा, अर्थात भारतीय संविधान भारतीयों की इच्छा अनुसार होगा|”

    • 1924 में मोतीलाल नेहरू ने स्वराज्य पार्टी की ओर से ब्रिटिश सरकार के सम्मुख संविधान सभा के निर्माण की मांग की|


    • नेहरू रिपोर्ट  (1928)-  

    • इस रिपोर्ट को भारतीय संविधान का ब्लूप्रिंट कहा जाता है|

    • 1927 में साइमन कमीशन की घोषणा सर जॉन साइमन की अध्यक्षता में हुई| 3 फरवरी 1928 को भारत में साइमन कमीशन आया| जिसके विरोध में भारतीयों ने साइमन गो बैक के नारे लगाए तथा इस कमीशन का विरोध किया|

    • इस वजह से भारत राज्य सचिव लॉर्ड बर्किन हैड (साइमन कमीशन के सदस्य) ने भारतीयों को चुनौती दी कि ‘वे ऐसा सविधान बनाकर दिखाएं जो सभी दलों को मान्य हो, और कहा कि सांप्रदायिक मतभेदों के कारण भारतीय स्वयं अपने लिए कोई सविधान बनाने में असमर्थ है इसलिए साइमन कमीशन के विरोध का कोई अर्थ नहीं है|’

    • इसी चुनौती को स्वीकारते हुए 28 फरवरी 1928 को कांग्रेस ने सभी भारतीय राजनीतिक दलों का एक सर्वदलीय सम्मेलन दिल्ली में बुलाया|

    • इस सम्मेलन के आधार पर एक 8 सदस्यीय समिति बनाई जिसके अध्यक्ष मोतीलाल नेहरू थे|

    • इस  समिति को नेहरू समिति तथा समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को नेहरू रिपोर्ट कहा जाता है|


    • 1934 में औपचारिक रूप से सविधान सभा के विचार का प्रतिपादन M.N राय ने पहली बार किया| इसलिए M.N राय को संविधान सभा के विचार का प्रतिपादक कहा जाता है| 


    • लखनऊ अधिवेशन (1936)-

    • अध्यक्ष- पंडित जवाहरलाल नेहरू

    • इस अधिवेशन में कांग्रेस ने पहली बार संविधान सभा के गठन की बात की


    • हीरापुरा अधिवेशन 1938-

    • अध्यक्ष- सुभाष चंद्र बोस

    • इस अधिवेशन में कांग्रेस की तरफ से जवाहर लाल नेहरू ने वयस्क मताधिकार के आधार पर संविधान सभा के गठन की बात कहीं|


    • मुक्ति दिवस- (22 दिसंबर 1939)

    • 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हो गया| इसमें भारतीयों को भी शामिल कर दिया| भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस चाहती थी कि ब्रिटेन भारत को स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा प्रदान कर दे, लेकिन लॉर्ड लिनलिथगो ने ऐसा नहीं किया तो कांग्रेस ने 8 प्रांतों के मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया| इस बात पर मुस्लिम लीग खुश हुई तथा 22 दिसंबर 1939 को मुक्ति दिवस के रूप में मनाया|

    • पंजाब, सिध, बंगाल में गैर कांग्रेसी मंत्रिमंडल कार्य करते रहे|


    • अगस्त प्रस्ताव (8 अगस्त 1940)-

    • 8 अगस्त 1940 को भारत के तत्कालीन वायसराय/ G.G लॉर्ड लिनलिथगो ने एक घोषणा की, जिसे अगस्त घोषणा या प्रस्ताव कहते हैं|

    • इस प्रस्ताव में अंग्रेजों ने पहली बार परोक्ष रूप से संविधान सभा की मांग को स्वीकार किया|

    • पर इस प्रस्ताव में संविधान सभा शब्द का उल्लेख नहीं है|

    • इसमें स्वीकार किया गया कि संविधान निर्माण का काम मुख्य रूप से भारतीयों द्वारा किया जाएगा|

    • पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अगस्त प्रस्ताव को ‘दरवाजे में जड़ी जंग लगी कील’ की तरह बताया|


    • NOTE- इसको भारतीयों ने स्वीकार नहीं किया क्योंकि संविधान सभा में भारतीयों के अलावा अन्य व्यक्ति भी शामिल होंगे अर्थात अंग्रेज शामिल होंगे| 


    • क्रिप्स प्रस्ताव( 30 मार्च 1942)-

    • यह प्रस्ताव ब्रिटिश प्रधानमंत्री चर्चिल के द्वारा ब्रिटिश मंत्रिमंडल के सदस्य तथा मजदूर नेता सर स्टेफोर्ड क्रिप्स के नेतृत्व में 23 मार्च 1942 को भारत भेजा|

    • इस प्रस्ताव का उद्देश्य भारत में राजनीतिक गतिरोध को दूर करना था लेकिन इस प्रस्ताव का वास्तविक उद्देश्य भारतीयों को द्वितीय विश्व युद्ध में शामिल करने के लिए फुसलाना था|

    • इस प्रस्ताव में सर्वप्रथम निर्वाचन के आधार पर संविधान सभा के गठन की बात कही गई|

    • इस प्रस्ताव की घोषणा 29-30 मार्च को हुई, लेकिन विरोध के कारण 11 अप्रैल 1942 को इसे वापस ले लिया गया| 

    • मुस्लिम लीग ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया, क्योंकि वह चाहती थी कि भारत को दो   स्वायत्त हिस्सों में बाटा जाए|

    • कांग्रेस ने जवाहरलाल नेहरू तथा मौलाना आजाद को इस प्रस्ताव की जांच के लिए नियुक्त किया|

    • यह प्रस्ताव द्वितीय विश्व युद्ध के बाद लागू होना था|

    • महात्मा गांधी ने इस प्रस्ताव के बारे में कहा कि “यह एक उत्तर दिनांक (Post Dated) चैक है या आगे की तारीख का चैक है, जो डुबत बैंक पर लिखा गया है|”

    • जवाहरलाल नेहरू ने कहा कि “जिसका बैंक ही नष्ट होने वाला है|”

    • जवाहरलाल नेहरू “उनके पुराने मित्र क्रिप्स शैतान के वकील बनकर आए हैं|”


    • कैबिनेट मिशन योजना- (1946)

    • भारतीयों को सत्ता हस्तांतरण करने के लिए ब्रिटिश प्रधानमंत्री एटली ने 3 सदस्यीय ब्रिटिश मंत्रिमंडल का शिष्टमंडल भारत भेजने की घोषणा 19 फरवरी 1946 को लंदन में की|

    • 24 मार्च 1946 को यह मिशन भारत (दिल्ली) पहुंचा|

    • 16 मई 1946 को इसने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की|


    • 3 सदस्य-

    1. सर पैथिक लोरेंस (कैबिनेट मिशन के अध्यक्ष) (भारत के सचिव)

    2. A.V. अलेक्जेंडर (व्यापार बोर्ड के अध्यक्ष)

    3. सर स्टेफोर्ड क्रिप्स (नौ सेना मंत्री/ एडमिरोलिटी के प्रथम लॉर्ड) 


                       NOTE- इस योजना के आधार पर संविधान सभा गठन हुआ| 


    प्रमुख सिफारिश -

    1. एक भारत संघ का गठन किया जायेगा, जो ब्रिटिश प्रांतों व देशी रियासतों से मिलकर बनेगा|

    2. संघ के पास केवल विदेशी मामले, रक्षा व संचार के साधनों की देखभाल संबंधी मामले तथा कर से धन जुटाने का अधिकार होगा, बाकि सभी शक्तियां (अवशिष्ट शक्तियां) प्रांतों के पास होगी|

    3. इस योजना में मुस्लिम लीग को संतुष्ट किया गया| मुस्लिम अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा की गई तथा पाकिस्तान के विचार को पूर्णतया छोड़ दिया| 


    • महात्मा गांधी “कैबिनेट मिशन योजना उन परिस्थितियों में ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली श्रेष्ठ योजना थी|”



    संविधान सभा का गठन- 

    • संविधान सभा के चुनाव जुलाई- अगस्त 1946 में हुए|

    • 10 लाख जनसंख्या पर एक सदस्य लिया गया|


    • कुल सदस्य- 389 (तीन तरह के प्रांतों से) कैबिनेट मिशन योजना के आधार पर-

    • ब्रिटिश प्रांतों से- 292

    • चीफ कमिश्नर क्षेत्रों से- 4

    • देशी रियासतों से- 93

     

    • 4 चीफ कमिश्नर क्षेत्र थे-

    1. दिल्ली

    2. अजमेर- मेरवाड़ा

    3. कुर्ग (कर्नाटक )

    4. ब्रिटिश बलूचिस्तान (पाकिस्तान )


    • निर्वाचित सदस्य- 389 सदस्यों में से 292 (ब्रिटिश प्रांतों)+4 (चीफ कमिश्नर क्षेत्र)= 296 सदस्यों का चुनाव हुआ अर्थात 296 सदस्य निर्वाचित थे|

    • चुनाव- सदस्यों का चुनाव प्रांतीय असेंबली के सदस्यों द्वारा, सांप्रदायिक आधार पर अप्रत्यक्ष चुनाव द्वारा किया गया| 

    • चुनाव प्रक्रिया- एकल संक्रमणीय आनुपातिक प्रतिनिधित्व मतदान प्रणाली के द्वारा|

    • मनोनीत सदस्य- देसी रियासतों के 93 सदस्यों का मनोनयन रियासतों के प्रमुख द्वारा किया गया अर्थात 93 सदस्य मनोनीत थे|


    Note- देसी राज्यों के प्रतिनिधित्व का तरीका देसी राज्यों व संविधान सभा के सदस्यों से बनी वार्तालाप समिति द्वारा किया गया| देसी राज्यों के प्रतिनिधित्व के लिए दोनों तरीके मनोनयन  व निर्वाचन को स्वीकार किया गया|


    NOTE- इस प्रकार हमारी संविधान सभा आंशिक रूप से निर्वाचित व आंशिक रूप से मनोनीत थी| 


    • ब्रिटिश प्रांत व चीफ कमिश्नर क्षेत्र (296 सीट) की सीटों का निर्धारण तीन समुदायों के बीच उनकी जनसंख्या के आधार पर किया गया तथा प्रत्येक समुदाय के सदस्यों का चुनाव उसी समुदाय के मतदाता द्वारा किया गया


    • तीन समुदाय-

    • सामान्य- 213

    • मुस्लिम- 79

    • सिक्ख- 4 


    • NOTE- एकमात्र हैदराबाद ऐसी रियासत थी, जिसने संविधान सभा में भाग नहीं लिया|


    • कुल ब्रिटिश प्रांत- 11-

         कैबिनेट मिशन योजना के द्वारा इन प्रांतों को तीन श्रेणियों में बांटा गया-

    • श्रेणी ‘क’- हिंदू बहुमत वाले मद्रास, बम्बई, संयुक्त प्रांत, बिहार, मध्य प्रांत, उड़ीसा प्रांत 

    • श्रेणी ‘ख’- मुस्लिम बहुमत वाले प्रांत- पंजाब, उत्तर- पश्चिम प्रांत, सिंध

    • श्रेणी ‘ग’- बंगाल, असम


    • निर्वाचित सदस्यों में से- 

    • कांग्रेस से- 208

    • मुस्लिम लीग से- 73

    • अन्य-15 

    • यूनियनिस्ट पार्टी- 1

    • यूनियनिस्ट मुस्लिम- 1 

    • कृषक प्रजा पार्टी- 1 

    • अछूत जाति पार्टी- 1

    • यूनियनिस्ट शेड्यूल कास्ट- 1

    • सिख-1

    • साम्यवादी-1

    • निर्दलीय- 8


    • संविधान सभा में शामिल कुल महिलाएं- 15

    • महिलाएं- 1. विजयलक्ष्मी पंडित  2. राजकुमारी अमृत कौर  3, सरोजिनी नायडू   4. सुचेता कृपलानी  5. पूर्णिमा बनर्जी   6. G दुर्गाबाई  7. हंसा मेहता   8. कमला चौधरी  9. रेणुका राय  10. लीला राय  11. मालती चौधरी  12. दक्षयानी वेलायुदन  13. बेगम एजाज रसूल  14. एनी मस्करिनी  15. अम्मू स्वामीनाथन 


    • महिला समूह की अध्यक्षता श्रीमती हंसा मेहता ने की|

    • बेगम एयाज रसूल संविधान सभा में एकमात्र मुस्लिम महिला थी|

    • एनी मस्करिनी (कैथोलिक ईसाई) देशी रियासतों (त्रावणकोर-कोची) से प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र महिला प्रतिनिधि थी|

    • दक्षयानी वेलायुदन एकमात्र दलित महिला प्रतिनिधि थी| 

    • संविधान सभा की अधिकांश महिलाएं कांग्रेस पार्टी की थी|


    • प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस- [16 अगस्त 1946]

    • कैबिनेट मिशन योजना में पाकिस्तान की मांग को स्वीकार न करने व संविधान सभा में मुस्लिम लीग को कम सीटें प्राप्त होने के कारण इसने संविधान सभा का बहिष्कार किया तथा 16 अगस्त 1946 को सुनियोजित तरीके से दंगे करवाए और प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस के रूप में मनाया|


    एटली घोषणा-

    • ऐसे में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री एटली ने 20 फरवरी 1947 को घोषणा की, जिसे एटली घोषणा के नाम से जाना जाता है| इसमें 30 जून 1948 से पहले भारत में ब्रिटिश सत्ता का अंत कर सत्ता भारतीयों को हस्तांतरण करने की घोषणा की गई| 

    • तथा इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए वेवेल की जगह लॉर्ड माउंटबेटन को भारत का वायसराय बनाया| माउंटबेटन ने 23 मार्च 1947 को वायसराय का पदभार संभाल| 


    माउंटबेटन योजना (3 जून 1947)

    • इस योजना के तहत भारत का दो डोमिनियन स्टेट भारत व पाकिस्तान में विभाजन होना था अर्थात इस योजना के आधार पर भारत का विभाजन हुआ था| 


    • Note- बंटवारे पर गांधी ने शुरू में कहा था कि ‘कांग्रेस को बंटवारा मेरी लाश के ऊपर से गुजर कर स्वीकार करना होगा’ पर बाद में मान गए थे| 

    • Note- कांग्रेस के एकमात्र नेता अब्दुल कलाम आजाद ने अंत तक भारत विभाजन को स्वीकार नहीं किया|  

    • Note- बलूचिस्तान (उत्तर पश्चिमी सीमा प्रांत) के जनमत संग्रह द्वारा पाकिस्तान में शामिल किए जाने पर खान अब्दुल गफ्फार खान ने कहा कि “हमें भेड़ियो के आगे फेंक दिया गया है|”


    • इसको जून प्लान भी कहा जाता है| 

    • इसको गुप्त रूप से बाल्कन प्लान भी कहा जाता है| बाल्कन प्लान का अर्थ है- देश को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट देना अर्थात विभाजन कर देना| 

    • माउंटबेटन योजना के बाद संविधान सभा का पुनर्गठन किया गया, जिससे संविधान सभा की कुल सदस्य संख्या 324 रह गई|  [324 - 235 प्रांतों से + 89 देशी रियासतों से]


    • स्वतंत्रता के बाद पुनर्गठित संविधान सभा में 31 अक्टूबर 1947 को सदस्य संख्या 299 रह गई| [229 प्रांतों से +70 देशी रियासतों से]

    • 15 अगस्त 1947 के बाद भारत विभाजन के कारण पश्चिमी बंगाल व पूर्वी पंजाब में संविधान सभा हेतु पुन: निर्वाचन हुए| 


    • सविधान सभा के सभी निर्णय सर्वसम्मति व समायोजन के आधार पर लिए गए |


    • राजस्थान से संविधान सभा में शामिल कुल सदस्य-

    • 12 (देशी रियासतों से 11+ चीफ कमीशन क्षेत्र से 1)

    • 12 सदस्य निम्न है- 

    1. V. T .कृष्णामाचारी 

    2. सरदार सिंह

    3. राजबहादुर सिंह

    4. गोकुल लाल आसावा

    5. बलवंत सिंह मेहता

    6. जयनारायण व्यास

    7. हीरालाल शास्त्री

    8. जसवंत सिंह जी 

    9. मणिक्य लाल वर्मा

    10. रामचंद्र उपाध्याय

    11. दलेल सिंह

    12. मुकुट बिहारी लाल भार्गव  [अजमेर- मेरवाड़ा चीफ कमिश्नर क्षेत्र से]

       

    राजस्थान के देसी रियासतों के निम्न प्रतिनिधियों ने संविधान सभा की बैठकों में भाग लिया-

    • उदयपुर-  1. विजयार्गावचार्य   2. मोहन सिंह मेहता  3. माणिक्य लाल वर्मा

    • जयपुर- 1. VT कृष्णामाचारी   2. हीरालाल शास्त्री    3. सरदार सिंह (खेतड़ी)

    • बीकानेर- 1. सरदार K M पणीकर  2. जसवंत सिंह

    • जोधपुर- 1. C S वेंकटाचारी  2. जय नारायण व्यास 

    • अलवर- एन बी खरे 

    • शाहपुरा (भीलवाड़ा)- गोकुल लाल असावा

    • भरतपुर- राजबहादुर

    • कोटा- दलेल सिंह


    NOTE- संविधान सभा प्रभुत्व संपन्न नहीं थी, इसे कैबिनेट मिशन के आधार पर संविधान का निर्माण करना था|



    अंतरिम सरकार (Interim government)

    • कैबिनेट मिशन में प्रावधान था कि संविधान निर्माण होने तक सभी दलों के प्रतिनिधियों को मिलाकर अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा|

    • जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में 2 सितंबर 1946 को गठन किया गया| 

    • कैबिनेट मिशन योजना के अनुसार 2 सितंबर 1946 को अंतरिम सरकार का गठन किया गया| 

    • कुल सदस्य-14 (अध्यक्ष सहित 15)

    1. अध्यक्ष- लॉर्ड वेवेल

    2. उपाध्यक्ष- जवाहरलाल नेहरू (विदेशी मामले व राष्ट्रमंडल विभाग)

    3. वल्लभ भाई पटेल- गृह मंत्री, सूचना एवं प्रसारण विभाग

    4. बलदेव सिंह- रक्षा विभाग

    5. जान मथाई- उद्योग तथा आपूर्ति विभाग

    6. सी. राजगोपालाचारी- शिक्षा विभाग

    7. सी.एच. भाभा- कार्य, खान, बंदरगाह विभाग

    8. राजेंद्र प्रसाद- खाद्य एवं कृषि विभाग

    9. आसिफ अली- रेलवे विभाग

    10. जगजीवन राम- श्रम विभाग


    • 26 अक्टूबर 1946 को अंतरिम सरकार का पुनर्गठन करके मुस्लिम लीग के 5 सदस्य शामिल किए गए जो निम्न है- 

    1. लियाकत अली खान- वित्त मंत्री

    2. आई. चुंदरीगर- वाणिज्य विभाग

    3. अब्दुल रब नश्तर- संचार विभाग

    4. जोगेंद्र नाथ मंडल- विधि विभाग

    5. गजनफर अली खां- स्वास्थ्य विभाग



    संविधान निर्माण से संबंधित तिथियां- 

    • 9 दिसंबर 1946 (संविधान सभा की प्रथम बैठक)-

    • यह बैठक संसद भवन के केंद्रीय कक्ष कौंसिल चेंबर के पुस्तकालय भवन नई दिल्ली में हुई| 

    • अस्थायी अध्यक्ष-

    • डॉ सच्चिदानंद सिन्हा

    • इनको बी एन राव की सलाह पर सबसे वयोवृद्ध होने के के आधार पर (फ्रांस की प्रणाली की तरह) अध्यक्ष बनाया गया|

    • कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष ‘J.B. कृपलानी’ ने इनका नाम प्रस्तावित किया|

    • सरदार पटेल ने इसका अनुमोदन किया|


    • अस्थाई उपाध्यक्ष-

    • 9 दिसंबर 1946 को डॉ सच्चिदानंद सिन्हा के आग्रह पर फ्रैंक एंथोनी को उपसभापति मनोनीत किया गया था| 


    • बैठक में उपस्थित कुल सदस्य- 211

    • बैठक में उपस्थित कुल महिलाएं- 9

    • मुस्लिम लीग ने पाकिस्तान के लिए अलग संविधान सभा की मांग करते हुए इस बैठक का बहिष्कार किया|

    • इस वजह से ब्रिटिश प्रधानमंत्री चर्चिल ने कहा कि “संविधान सभा की प्रथम बैठक एक ऐसा विवाह है, जिसकी दुल्हन ही गायब है|”

    • संविधान सभा का उद्घाटन 9 दिसंबर 1946 को प्रातः 11:00 बजे आचार्य कृपलानी द्वारा डॉ. सच्चीदानंद का परिचय कराने से हुआ|


    Note- संविधान सभा में बोलने वाले पहले वक्ता आचार्य जे बी कृपलानी थे|


    Note- संविधान सभा की पहली बैठक में राजस्थान के चीफ कमिश्नर क्षेत्र अजमेर-मेरवाड़ा से मुकुट बिहारी लाल भार्गव ने भाग लिया था|

     


    • 11 दिसंबर 1946-

    • स्थायी अध्यक्ष- डॉ राजेंद्र प्रसाद (संविधान सभा ने इनको निर्विरोध निर्वाचित किया)

    • उपाध्यक्ष- H.C मुखर्जी (राज बोर्ड की बुक के अनुसार) , ये प्रथम निर्वाचित उपाध्यक्ष थे|

    • संवैधानिक सलाहकार- B.N  राव

    • सविधान सभा के सचिव- K.M मुंशी


    • Note- वी टी कृष्णामाचारी भी संविधान सभा के उपाध्यक्ष बने थे| 

    Note- B.N राव संविधान सभा के सदस्य नहीं थे| इन्होंने बिना वेतन कार्य किया था| अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भारत की ओर से प्रथम न्यायाधीश थे| 


    NOTE- कुछ पुस्तकों में H.C मुखर्जी को संविधान सभा का अध्यक्ष बनाये जाने का उल्लेख 24 - 25 जनवरी 1947 को मिलता है| 


    • 13 दिसंबर 1946 ( उद्देश्य प्रस्ताव बैठक)-

    • इस दिन जवाहरलाल नेहरू ने उद्देश्य प्रस्ताव पेश किया|

    • जिसको राधाकृष्णन ने पढ़कर सुनाया| 

    • 13 दिसंबर से 19 दिसंबर तक उद्देश्य प्रस्ताव पर संविधान सभा में विचार-विमर्श हुआ| 



    • 22 जनवरी 1947- 

    • इस दिन उद्देश्य प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया| 

    • उद्देश्य प्रस्ताव में संविधान के उद्देश्य, भारत की प्रकृति, भारत राज्य में शामिल क्षेत्र आदि का वर्णन था|



    • 22 जुलाई 1947

    • इस दिन सविधान सभा के द्वारा राष्ट्रीय ध्वज को स्वीकार किया गया| 

    • राष्ट्रीय ध्वज के अभिकल्पना कर्ता- पिंगली वेकेया

    • पंडित गोविंद मालवीय के प्रस्ताव पर 22 जुलाई को झंडा दिवस के रूप में मनाया जाता है| 


    • राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास- 

    • प्रथम बार तिरंगा 7 अगस्त 1906 को पारसी बागान चौक (ग्रीन पार्क) कलकत्ता में फहराया गया| इसको हरा, पीला, लाल क्षैतिज पट्टियों से बनाया था

    • विदेश में सर्वप्रथम तिरंगा पेरिस में मेंडम कामा द्वारा 1907 में फहराया गया|

    • 1917 में होमरूल आंदोलन के समय तिलक व श्रीमती एनी बेसेंट ने तिरंगा फहराया

    • 1921 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सत्र के दौरान बीजवाड़ा में तिरंगा फहराया गया|

    • 1931 में कांग्रेस के कराची अधिवेशन (अध्यक्ष- सरदार पटेल) में तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाने का प्रस्ताव पारित किया इसमें चक्र की जगह चरखा था|

    • 22 जुलाई 1947 को वर्तमान राष्ट्रीय ध्वज अपनाया गया|

    • ध्वज में रंग- तीन रंग

    1. केसरिया- शक्ति, साहस का प्रतीक

    2. सफेद- शांति, सत्य का प्रतीक

    3. हरा- वृद्धि, खुशहाली, पवित्रता का प्रतीक 


    चक्र-

    1. रंग- नीला

    2. 24 तिलिया 

    3. गतिशीलता/ न्याय का प्रतीक, समय की महत्वता को दर्शाता है|

    4. अशोक के सारनाथ स्तंभ से लिया गया है|


    • राष्ट्रीय ध्वज का अनुपात- 



    • 26 नवंबर 1949- 

    • संविधान संविधान बनकर तैयार हो गया|

    • निर्माण में लगा समय- 2 वर्ष 11 माह 18 दिन  [राज्यसभा की वेबसाइट के अनुसार (2 वर्ष 11 माह 17 दिन)]

    • इस दिन सविधान को अंगीकृत, अधिनियमित, आत्मार्पित किया गया|

    • सविधान को आंशिक रूप से लागू किया गया

    • नागरिकता, निर्वाचन, राष्ट्रपति की शपथ, तदर्थ  संसद, अस्थायी व संक्रमणकारी उपबंधो से संबंधित 16 अनुच्छेद लागू किए गए|


    अनुच्छेद- 394- स्वयं व अनुच्छेद 5, 6, 7, 8, 9, 60, 324, 366, 367, 379, 380, 388, 391, 392, 393 तुरंत लागू व शेष अनुच्छेद 26 जनवरी 1950 को लागू होंगे|

    • संविधान भारत की जनता के नाम से स्वीकार किया गया तथा इसकी अंतिम शक्ति भी भारत की जनता में निहित की गई|

    • मूल संविधान अंग्रेजी भाषा में एवं प्रति हिंदी भाषा में लिखी गई है|

    • यह हस्तलिखित है| इसको ‘प्रेम बिहारी नारायण रायजादा’ ने इटैलिक स्टाइल में लिखा था| 

    • संविधान के प्रत्येक पेज को चित्रों से आचार्य नंदलाल बोस ने सजाया था| 

    • इसके प्रस्तावना पेज को सजाने का कार्य राम मनोहर सिन्हा ने किया, जो आचार्य बोस के शिष्य थे

    • संविधान की मूल प्रति को भारतीय संसद की लाइब्रेरी में हीलियम से भरे केस में रखा गया |

    • 26 नवंबर लक्ष्मीमल सिंघवी की सलाह पर विधि दिवस के रूप में मनाया जाता था|

    • 2015 से B.R अंबेडकर की 125 वीं जयंती पर 26 नवंबर को सविधान दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई|


    • 24 जनवरी 1950- (अंतिम अधिवेशन/ बैठक या विशेष अधिवेशन)

    • इस दिन 284 सदस्यों द्वारा (जिसमें 8 महिलाएं शामिल) संविधान पर हस्ताक्षर किए|

    • प्रथम हस्ताक्षर करता- जवाहरलाल नेहरू 

    • अंतिम हस्ताक्षर कर्ता- राजेंद्र प्रसाद

    • राजस्थान की तरफ से प्रथम हस्ताक्षर कर्ता- बलवंत राय मेहता

    • इस दिन डॉ राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा ने प्रथम राष्ट्रपति निर्वाचित किया|

    • इस दिन राष्ट्रीय गीत व राष्ट्रीय गान को संविधान सभा ने स्वीकार किया| 



    • राष्ट्रीय गीत- (वंदे मातरम)-

    • रचना- बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा 7 नवंबर 1875 को|

    • यह इनके उपन्यास आनंद मठ से 1882 में लिया गया|

    • भाषा- इसके प्रथम दो पद संस्कृत में व अन्य पद बांग्ला भाषा में है|

    • पहली बार 1896 में कांग्रेस के  कलकत्ता अधिवेशन में रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा गाया गया|

    • अरबिंदो घोष ने इसका अनुवाद अंग्रेजी में किया|

    • आरिफ मोहम्मद खान ने इसका अनुवाद उर्दू में किया|

    • गाने का समय- 65 सेकंड 


    • राष्ट्रीय गान- (जन गण मन)

    • रचना- रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा 1911 में गीतांजलि पुस्तक में|

    • भाषा- बांग्ला

    • सर्वप्रथम 27 दिसंबर 1911 को कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में रविंद्र नाथ टैगोर के द्वारा गाया गया|

    • इसका सर्वप्रथम प्रकाशन 1912 में ‘तत्व बोधिनी पत्रिका’ में भारत विधाता शीर्षक से हुआ

    • इसको गाने में 52 सेकंड लगते हैं|

    • आबिद अली ने इसका अनुवाद हिंदी और उर्दू में किया|

    • रविंद्र नाथ टैगोर ने इसका अनुवाद अंग्रेजी में किया|

    • इसकी पहली व अंतिम पंक्ति राष्ट्रीय ज्ञान का लघु संस्करण कहलाता है, जिसको गाने में 20 सेकंड का समय लगता है|


    • 26 जनवरी 1950- 

    • इस दिन सविधान को पूर्ण रूप से लागू किया गया|

    • भारत को गणतंत्रात्मक राष्ट्र घोषित किया गया|

    • राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ को स्वीकार किया गया| 

    • 26 जनवरी 1950 को तत्कालीन गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी ने भारत को संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने की घोषणा की| उसके पश्चात डॉ राजेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली| 


    अशोक स्तंभ- यह सम्राट अशोक के सारनाथ स्तंभ से लिया गया है|



    डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का संविधान निर्माण में योगदान- 

    • इनको संविधान का पिता कहा जाता है|

    • संविधान सभा के सदस्य K.V राव ने इनको संविधान का जनक व जननी कहा है|

    • इनको आधुनिक मनु भी कहा जाता है|

    • राजेंद्र प्रसाद ने इनको कुशल (Skilled) पायलट कहा है|

    • अंबेडकर बॉम्बे से सविधान सभा के लिए चुनाव लड़ते हैं, लेकिन हार जाते हैं|

    • अंबेडकर फिर बंगाल से मुस्लिम लीग की सहायता से चुनाव जीतकर संविधान सभा के सदस्य बनते हैं|

    • विभाजन के बाद जैसूर कुलना (बंगाल) जहां से अंबेडकर ने चुनाव जीता था पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) मे चला जाता है, जिससे अंबेडकर संविधान सभा के सदस्य नहीं रहते हैं|

    • B.N राव के कहने पर राजेंद्र प्रसाद ने बॉम्बे के प्रधानमंत्री B.G खैर को पत्र लिखा गया तथा B.G खैर ने M.R जयकर की सीट रिक्त कराकर B.R अंबेडकर को संविधान सभा का सदस्य चुना|

    • इस प्रकार आंबेडकर पहले बंगाल फिर बॉम्बे से संविधान सभा के सदस्य बनते हैं|

    • अंबेडकर स्वतंत्र भारत की पहली सरकार मे विधि मंत्री थे|


    • प्रारूप समिति (Drafting Committee)-

    • B.N राव (बेनेगल नरसिंह रामा राव) द्वारा तैयार प्रारूप (240 अनुच्छेद, 13 अनुसूचिया) पर विचार करने के लिए प्रारूप समिति का गठन किया गया| 

    • संविधान का पहला प्रारूप संवैधानिक सलाहकार B N राव की देखरेख में संविधान सभा के सचिवालय की परामर्श शाखा ने तैयार किया था| इस प्रथम प्रारूप पर विचार करने के लिए सत्यनारायण सिंह के प्रस्ताव पर संविधान सभा ने 7 सदस्यीय प्रारूप समिति गठित की थी|

    • गठन- 29 अगस्त 1947 (सत्यनारायण सिंह की प्रस्ताव पर)

    • अन्य नाम- पांडूलेखन समिति

    • पूरा नाम- प्रारूप संविधान की समीक्षा समिति

    • कुल 7 सदस्यीय समिति थी

    1. डॉ B.R अंबेडकर- अध्यक्ष (निर्विरोध निर्वाचित)

    2. N गोपालस्वामी आयंगर

    3. अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर

    4. डॉ.K.M मुंशी (मुलत: कांग्रेसी एकमात्र)

    5. सैयद मोहम्मद सादुल्ला (एकमात्र मुस्लिम लीग से)

    6. N. माधवराव (B.L मित्र के स्वास्थ्य कारणों से त्यागपत्र देने पर इनको शामिल किया गया)

    7. T.T. कृष्णामाचारी (D.P खेतान की मृत्यु के बाद 1948 में इनको शामिल किया गया)

           

    • प्रारूप समिति की प्रथम बैठक 30 अगस्त 1947 को हुई|

    • प्रारूप समिति की कुल 141 दिन बैठक हुई|

    • प्रारूप समिति ने प्रथम प्रारूप 21 फरवरी 1948 को संविधान सभा में पेश किया|

    • तथा सुझावो के बाद दूसरा प्रारूप अक्टूबर 1948 में पेश किया गया |

    • संविधान के प्रारूप पर तीन वाचन हुए 

    • प्रथम वाचन- 4 नवंबर से 9 नवंबर 1948 (आम चर्चा हुई)

    • द्वितीय वाचन- 15 नवंबर 1948 से 17 अक्टूबर 1949 तक (खंडवार चर्चा हुई)

    • तृतीय वाचन- 14 नवंबर 1949 से 26 नवंबर 1949 तक 

    • 26 नवंबर 1949 को सविधान को पारित कर दिया|

    • तीसरे वाचन पर अंबेडकर ने ‘द कॉन्स्टिट्यूशन इज सैटल्ड बाइ द असेंबली पास्ट’ प्रस्ताव पेश किया, जो 26 नवंबर 1949 को पारित हुआ|


    • संविधान सभा के कार्य- 

        दो कार्य-

    1. संविधान निर्माण- बैठक की अध्यक्षता राजेंद्र प्रसाद

    2. विधायिका (संसद) के रूप में कानून निर्माण का कार्य- बैठक की अध्यक्षता G.V मावलंकर


    अन्य कार्य-

    1. संविधान सभा ने 16 मई 1949 को राष्ट्रमंडल में भारत की सदस्यता का सत्यापन किया|

    2. मुंशी-अयंगर फार्मूला के अंतर्गत 14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा को राज्य भाषा के रूप में स्वीकृत किया|


    • संविधान सभा से संबंधित तथ्य- 

    • संविधान सभा के कुल अधिवेशन- 11 (सामान्य अधिवेशन) + 1(विशेष अधिवेशन 24 जनवरी 1950)

    • संविधान निर्माताओं में लगभग 60 देशों के संविधानो का अवलोकन किया| 

    • संविधान निर्माण पर लगभग 64 लाख (6396729) रुपए का खर्चा हुआ|

    • सविंधान सभा की 165 दिन की बैठक हुई|

    • प्रारूप पर 114 दिन तक विचार हुआ|

    • 26 जनवरी 1950 को संविधान सभा का अस्तित्व समाप्त हो गए और इसका रूपांतरण 1952 में नई संसद के गठन तक अस्थायी/ अंतरिम या अंतरकालीन संसद के रूप में हो गया|

    • संविधान सभा के सबसे ज्यादा सदस्य संयुक्त प्रांत से थे (55 सदस्य), द्वितीय मद्रास से 49 तृतीय बिहार से 36

    • रियासतों में सबसे ज्यादा सदस्य मैसूर सियासत से थे (7 सदस्य)

    • संविधान सभा के चौथे अधिवेशन में यह तय किया गया कि वर्तमान संविधान सभा भारत की संविधान सभा होगी तथा पाकिस्तान अपनी संविधान सभा की स्थापना करें| 

    • 15 अगस्त 1947 को भारत की आजादी के बाद संविधान सभा प्रभुत्व संपन्न बन गई थी| 

    • संविधान सभा के पांचवें अधिवेशन में संविधान सभा ने पूर्ण प्रभुता शक्ति प्राप्त कर ली, इसके बाद वह पूर्ण प्रभुत्व संपन्न संस्था बन गई| 

    • संविधान सभा के सातवें अधिवेशन में डॉ अंबेडकर ने संविधान सभा के सामने प्रारूप संविधान पेश किया इस प्रारूप में 395 अनुच्छेद में आठ अनुसूचियां थी| 

    • संविधान सभा के दसवें अधिवेशन में प्रस्तावना को अंतिम रूप से स्वीकार किया गया| 

    • संविधान सभा का 12वा व अंतिम अधिवेशन 24 जनवरी 1950 को हुआ तथा इस दिन दो सदस्यों ने संविधान सभा की सदस्यता ली-

    1. रत्नप्पा भरमप्पा कुमार (मुंबई)

    2. डॉ Y S परमार (हिमाचल प्रदेश)

    • संविधान सभा में न्यूनतम बहस से पारित प्रस्ताव ‘सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार’ था जबकि सर्वाधिक विवादित विषय राजभाषा था| 

    • मौलाना आजाद ने वयस्क मताधिकार वाले प्रावधान को 15 साल के लिए स्थगित करने का सुझाव दिया था| 

    • 17 अक्टूबर 1949 को संविधान सभा में राजेंद्र प्रसाद ने संविधान सभा के सामने प्रस्ताव रखा कि उद्देशिका संविधान का अंग बने| 



    • संविधान सभा के सत्र/ अधिवेशन- 

    • प्रथम अधिवेशन-        9-23 दिसंबर 1946

    • द्वितीय अधिवेशन-    20-25 जनवरी 1947

    • तीसरा अधिवेशन-      28 अप्रैल- 2 मई 1947

    • चतुर्थ अधिवेशन-       14 जुलाई- 31 जुलाई 1947

    • पांचवा अधिवेशन-      14 अगस्त- 30 अगस्त 1947

    • छठा अधिवेशन-         27 जनवरी 948

    • सातवां  अधिवेशन-     4 नवंबर 1948- 8 जनवरी 1949

    • आठवां अधिवेशन-      16 मई- 6 जून 1949 

    •  नोवा अधिवेशन-        30 जुलाई- 18 सितंबर 1949

    •  दसवां अधिवेशन-       6- 17 अक्टूबर 1949

    •  ग्यारवा अधिवेशन-     14-26 नवंबर 1949

    •  बारहवा अधिवेशन-      24 जनवरी 1950


    • संविधान सभा से संबंधित कथन- 

    • ग्रेनविल ऑस्टिन “संविधान सभा एक दलीय देश की एक दलीय निकाय है| संविधान सभा ही कांग्रेस है और कांग्रेस ही भारत|”

    • लॉर्ड विस्कांउट “सविधान सभा हिंदुओं की निकाय है|”

    • विंस्टन चर्चिल “संविधान सभा ने भारत के केवल एक बड़े समुदाय का प्रतिनिधित्व किया है|”

    • डॉ राजेंद्र प्रसाद ने आलोचकों को नकारते हुए इनके कथनों को दृष्टतापूर्ण निष्कर्षों की संज्ञा दी है|

    • जयप्रकाश नारायण “संविधान सभा एक प्रतिनिधि संस्था नहीं थी|”

    • जवाहरलाल नेहरू ने संविधान सभा को एक ‘चलायमान राष्ट्र’ या ‘राह पर चल पड़ा राष्ट्र’ कहा| 

     

                 NOTE- संविधान सभा के आलोचक इसे प्रतिनिधि संस्था नहीं मानते हैं| 



    सविधान सभा के प्रमुख निर्वाचित नेता-

    • डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी- अध्यक्ष, अखिल भारतीय हिंदू महासभा (कांग्रेस पार्टी द्वारा नामांकित), बंगाल से

    • पंडित जवाहरलाल नेहरू- अध्यक्ष, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, संयुक्त प्रांत से

    • मोहम्मद अली जिन्ना- अध्यक्ष, ऑल इंडिया मुस्लिम लीग, पंजाब प्रांत से (सामान्यत यह कह दिया जाता है कि जिन्ना संविधान सभा के सदस्य नहीं थे, जो गलत है| यह बात अलग है कि जिन्ना ने मुस्लिम लीग के अन्य सदस्यों के साथ संविधान सभा का बहिष्कार कर रखा था)

    • डॉक्टर भीमराव अंबेडकर- अध्यक्ष, ऑल इंडिया शेड्यूल कास्ट फेडरेशन, बंगाल से

    • फ्रैंक एंथोनी अध्यक्ष, एंग्लो इंडियन एसोसिएशन (कांग्रेस द्वारा नामांकित, बंगाल से)

    • जगजीवन राम- अध्यक्ष, ऑल इंडिया डिप्रेसड क्लासेज लीग (कांग्रेस द्वारा नामांकित, बिहार से)

    • हंसा मेहता- अध्यक्ष ऑल इंडिया वुमन कॉन्फ्रेंस (कांग्रेस द्वारा नामांकित, बंबई से) 

    • कामेश्वर सिंह- दरभंगा का महाराजा, अध्यक्ष, ऑल इंडिया लैंड होल्डर एसोसिएशन, स्वतंत्र सदस्य के रूप में बिहार से निर्वाचित)

    • महात्मा गांधी, सर तेज बहादुर सप्रू, जयप्रकाश नारायण ने संविधान सभा के सभा का चुनाव नहीं लड़ा लेकिन महात्मा गांधी ने 16 प्रमुख व्यक्तियों की सूची कांग्रेस कार्य समिति को दी और सिफारिश की कि इन लोगों को कांग्रेस के टिकट पर संविधान सभा के लिए चुना जाए|


    स्वतंत्र भारत की प्रथम सरकार व मंत्रिमंडल-

    • पहले मंत्रिमंडल में कुल 14 मंत्रियों को शामिल किया गया था|

    1. जवाहर लाल नेहरु                -      प्रधानमंत्री

    2. सरदार बल्लभ भाई पटेल      -      गृह मंत्री ,सूचना व प्रसारण मंत्री 

    3. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद                 -      खाद्य एवं कृषि मंत्री 

    4. मौलाना अबुल कलाम आजाद -      शिक्षा मंत्री 

    5. डॉ. जॉन मथाई                    -      रेलवे एवं परिवहन मंत्री 

    6. सरदार बलदेव सिंह              -      रक्षा मंत्री 

    7. आर.के. शणमुखम शेट्टी        -      वित्त मंत्री 

    8. डॉ. बी आर अम्बेडकर           -      विधि मंत्री 

    9. जगजीवन राम                    -      श्रम मंत्री 

    10. राजकुमारी अमृत कौर          -      स्वास्थ्य मंत्री 

    11. सी.एच. भाभा                     -      वाणिज्य मंत्री 

    12. रफी अहमद किदवई            -       संचार मंत्री 

    13. डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी      -       उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री 

    14. वी.एन. गाडगिल                 -      कार्य, खनन एवं  ऊर्जा मंत्री



    संविधान सभा की समितियां-  

    • कुल 8 बड़ी तथा 13 छोटी समितियां थी-


    संघ शक्ति समिति   - J.L.नेहरू
    संघीय संविधान समिति     - J.L.नेहरू
    राज्यों से समझौता करने वाली समिति  - J.L.नेहरू
    प्रांतीय संविधान समिति    - सरदार पटेल
    मौलिक अधिकार एव अल्पसंख्यक परामर्श समिति - सरदार पटेल
    प्रारूप समिति  - B.R. अंबेडकर
    प्रक्रिया नियम समिति - डॉ. राजेंद्र प्रसाद                                                       
    संचालन समिति  - डॉ. राजेंद्र प्रसाद                                                              
    राष्ट्रीय ध्वज संबंधी तदर्थ समिति - डॉ. राजेंद्र प्रसाद                                        
    रियासत समिति  - डॉ. राजेंद्र प्रसाद                                                          
    झंडा समिति  - J.B कृपलानी                                                                  
    मौलिक अधिकार उपसमिति - J.B कृपलानी                                            
    अल्पसंख्यक उपसमिति - H.C. मुखर्जी                                                        
    कार्यकारी समिति - K.M मुंशी                                                                    
    राज्य समिति  - नेहरू                                                                  
    सर्वोच्च न्यायालय उप समिति - एस. बारदाचारियार                                              
    संविधान सभा के कार्यों के लिए समिति - G.V. मावलंकर                                   


    कार्य संचालन नियम निर्माण समिति-

    • यह संविधान सभा की पहली समिति थी, जो पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को गठित की गई

    • अध्यक्ष- राजेंद्रप्रसाद

    • 15 सदस्यों वाली समिति में जी दुर्गाबाई एकमात्र महिला सदस्य थी| 

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