शीत युद्ध का अंत (End of the Cold War)
शीत युद्ध की समाप्ति की दिशा में निम्नलिखित समझौते, शिखर वार्ताएं और घटनाक्रम उल्लेखनीय है-
जेनेवा वार्ता ( नवंबर 1985)-
रीगन (अमेरिकी राष्ट्रपति) और गोर्बाच्योव (USSR प्रमुख) जेनेवा में मिले
जेनेवा शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों में निम्न सहमति हुई-
परमाणु युद्ध कभी नहीं लड़ा जाना चाहिए|
कोई भी एक पक्ष अपना सैनिक वर्चस्व कायम करने की कोशिश नहीं करेगा|
हथियारों की होड़ पर काबू रखने के लिए दोनों पक्ष वार्ता को तेजी से आगे बढ़ाएं|
अपने-अपने परमाणु हथियारों में 50% कमी करें|
दोनों पक्ष 1968 की परमाणु अप्रसार संधि की पुन: पुष्टि करें|
रासायनिक हथियारों पर पूर्ण प्रतिबंध हो|
यूरोप सेना के मामलों में वियना वार्ता को महत्व दिया जाय|
बल प्रयोग को वर्जित घोषित किया जाय|
दोनों पक्ष सांस्कृतिक, शैक्षिक, वैज्ञानिक और आर्थिक संबंधों को प्रगाढ़ करें|
गोर्बाच्योव अमेरिका की तथा रीगन USSR की यात्रा करें|
सोवियत संघ न्यूयॉर्क में तथा USA कीव में अपना वाणिज्य दूतावास खोलें|
रीगन-गोर्बाच्योव शिखर वार्ता-
11-12 अक्टूबर 1986 को रिकजविक (आईसलैंड) में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड रीगन तथा USSR नेता मिखाइल गोर्बाच्योव के बीच 2 दिन की शिखर वार्ता हुई|
स्टारवार्स कार्यक्रम पर रीगन के अड़े रहने से वार्ता विफल हो गई|
अमेरिका व सोवियत संघ सैन्य जानकारी देने को सहमत-
1987 में किए गए समझौते के द्वारा एक दूसरे को सैन्य जानकारी देने पर सहमत हुए|
पश्चिमी जर्मनी के चांसलर की मास्को यात्रा-
अक्टूबर 1988 में पश्चिमी जर्मनी के चांसलर हेलमुट कोल ने मास्को की यात्रा की, जिससे लगा कि पश्चिमी यूरोप के देश सोवियत संघ तथा गोर्बाच्योव से अपना संबंध स्थापित करना चाहते हैं|
बर्लिन की दीवार का ध्वस्त होना-
नवंबर 1989 में बर्लिन की दीवार को ध्वस्त कर दिया गया, जिसको 1961 में साम्यवादी जर्मनी को पश्चिमी जर्मनी से अलग करने के लिए USSR ने खींचा था|
यह दीवार शीत युद्ध का प्रतीक थी|
जर्मनी का एकीकरण-
1 जुलाई 1990 को दोनों जर्मनी का आर्थिक एकीकरण हुआ|
3 अक्टूबर 1990 में जर्मनी का एकीकरण हो गया तथा यूरोप में शीत युद्ध समाप्त हो गया|
नाटो द्वारा शीत युद्ध की समाप्ति-
5- 6 जुलाई 1990 को लंदन में दो दिवसीय नाटो शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति बुश ने घोषणा की नाटो व वारसा पैक्ट देशों के बीच शीत युद्ध अब समाप्त हो चुका है|
जर्मनी व सोवियत संघ के बीच मैत्री संधि-
9 नवंबर 1990 को बॉन में USSR प्रमुख गोर्बाच्योव व जर्मनी की ओर से चांसलर हेलमुट कोल ने अनाक्रमण व मैत्री संधि पर हस्ताक्षर किए|
वारसा व नाटो में ऐतिहासिक संधि-
19 नवंबर 1990 को पेरिस में नाटो व वारसा के मध्य संधि हुई, जिसने शीत युद्ध को समाप्त कर दिया|
वारसा पैक्ट समाप्त-
1 जुलाई 1991 को वारसा पैक्ट समाप्त कर दिया गया|
START-1 (सामरिक अस्त्र न्यूनीकरण संधि)-
स्ट्रेटजिक आर्म्स रिडक्शन संधि-1
31 जुलाई 1991 को अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश और USSR के प्रमुख गोर्बाच्योव में सामरिक रूप से घातक हथियारों के परिसीमन और उनकी संख्या में कमी लाने से संबंधित संधि पर हस्ताक्षर किए|
इस संधि के अनुसार दोनों महाशक्तियां अपने परमाणु शस्त्रों में स्वेच्छा से 30% कटौती के लिए सहमत हो गई|
START-2-
यह संधि 3 जनवरी 1993 को रूसी राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन और अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के मध्य मास्को में हुई|
उद्देश्य- सामरिक रुप से घातक हथियारों को सीमित करने तथा उनकी संख्या में कमी करना|
कोरिया समझौता-
12 दिसंबर 1991 को उत्तरी व दक्षिण कोरिया में युद्ध की पूर्ण समाप्ति तथा शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए समझौता हुआ |
अफगान समझौता-
,12 सितंबर 1991 को मास्को में USA व USSR के मध्य यह समझौता हुआ|
जिसके द्वारा दोनों महाशक्तियों ने अफगानिस्तान में शांति बहाल करने की गारंटी दी|
1 जनवरी 1992 से दोनों ने अफगानिस्तान में सैन्य सामग्रियों की आपूर्ति पूर्णत बंद कर दी |
अन्य घटनाएं-
फरवरी 1990- गोर्बाच्योव ने संसद ड्यूमा के चुनाव के लिए बहुदलीय राजनीति की शुरुआत की| सोवियत संघ सत्ता पर कम्युनिस्ट पार्टी का 72 वर्ष पुराना एकाधिकार समाप्त हो गया|
मार्च 1990- लिथुआनिया स्वतंत्रता की घोषणा करने वाला पहला सोवियत गणराज्य बना|
जून 1990- रूसी संसद में सोवियत संघ से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा कर दी|
जून 1991- येल्तसिन का कम्युनिस्ट पार्टी से इस्तीफा| रूस के राष्ट्रपति बने|
अगस्त 1991- कम्युनिस्ट पार्टी के गरमपन्थियो ने गोर्बाच्योव के खिलाफ एक असफल तख्तापलट किया|
सितंबर 1991- एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया तीनों बाल्टिक गणराज्य संयुक्त राष्ट्र के सदस्य बने (मार्च 2004 में नाटो के सदस्य बने)
दिसंबर 1991- रूस, बेलारूस, यूक्रेन ने 1922 की सोवियत संघ निर्माण से संबंधित संधि को समाप्त करने का फैसला लिया और स्वतंत्र राष्ट्रों का राष्ट्रकुल बनाया|
26 दिसंबर 1991 सोवियत संघ का अंत- 25 दिसंबर गोर्बाच्योव ने सोवियत संघ के राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया और 26 दिसंबर USSR का अंत हो गया|
संयुक्त राष्ट्र संघ में USSR की सीट रूस को मिली|
शीत युद्ध समाप्ति के कारण-
मिखाईल गोर्बाच्योव का व्यक्तित्व व नीतियां-
मार्च 1985 में सोवियत संघ की सत्ता गोर्बाच्योव के हाथों में आ गयी|
जिस प्रकार स्टालिन को शीत युद्ध का जनक कहा जाता है, उसी प्रकार गोर्बाच्योव को शीत युद्ध का अंत करने वाले नेता के रूप में याद किया जाता है|
गोर्बाच्योव ने शांति स्थापित करने के लिए परमाणुविहीन, हिंसामुक्त, समस्या रहित विश्व की एक नई दृष्टि दी|
1987 में इन्होंने कम व मध्यम दूरी तक मार करने वाले प्रक्षेपास्त्रों को नष्ट करने वाली संधि (INF) पर हस्ताक्षर किए|
गोर्बाच्योव ने ग्लास्नोस्त और पेरेस्त्रोइका नई व्यवस्था का सूत्रपात किया|
ग्लास्तनोत नीति के प्रमुख बिंदु निम्न है-
आलोचना करने की स्वतंत्रता प्रोत्साहित करना|
मीडिया एवं प्रकाशन पर नियंत्रण मे ढील|
उपासना की स्वतंत्रता
पेरेस्त्रोइका के मूल बिंदु निम्न है-
पहली बार नई विधायिका में 2/3 सदस्यों को आम जनता द्वारा निर्वाचन की व्यवस्था, जिससे साम्यवादी दल की अग्रणी भूमिका की समाप्ति|
1/3 सदस्य साम्यवादी दल से मनोनीत किए जाएंगे|
राष्ट्रपति पद का निर्माण|
सोवियत राज्य उद्योगों द्वारा अपने उत्पादनो को खुले बाजारों में बेचने की छूट|
संयुक्त उद्यम के निर्माण की अनुमति और विदेशी कंपनियों के प्रवेश की अनुमति|
सोवियत संघ की आर्थिक मजबूरियां-
1980 के बाद USSR आर्थिक संकट से गुजर रहा था|
अब उसमें सामर्थ्य नहीं था, कि पश्चिमी देशों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकें|
साम्यवादी देशों में लोकतंत्र और बाजार अर्थव्यवस्था
एक दल का कठोर शासन
उपभोक्ता वस्तुओं का आभाव
उद्योग के आधुनिकरण का आभाव
26 दिसंबर 1991 को सोवियत संघ की सुप्रीम ने अपने अंतिम अधिवेशन में सोवियत संघ को समाप्त करने का आदेश पारित कर दिया|
कुछ अन्य महत्वपूर्ण तथ्य-
द्विध्रुवीयता शब्द का सबसे पहले प्रयोग FI श्यूमैन के द्वारा किया गया|
गुटनिरपेक्षता शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग जॉर्ज लिस्का के द्वारा किया गया|
तृतीय विश्व शब्द का सबसे पहले प्रयोग अल्फ्रेड शोबी के द्वारा किया गया|
शीत युद्ध को शस्त्र सज्जित शांति का काल भी कहा जाता है|
प्रोचमा थ्योरी-
अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के समय हेनरी किसिंजर सुरक्षा सलाहकार व विदेश मंत्री था| हेनरी किसिंजर ने प्रोचमा थ्योरी दी है| प्रोचमा फ्रेंच भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है- संकट निवारण राजनय या सुलह की नीति| इस नीति के तहत USSR व चीन से संबंधों में सुधार किया गया|
कगारवाद व व्यापक प्रतिशोध की नीति-
यह दोनों नीतियां अमेरिकी राष्ट्रपति आइजनहावर के विदेश मंत्री जॉन फोस्टर डलास की थी|
कगारवाद से उसका तात्पर्य USSR को युद्ध के कगार पर ले जाना और फिर पीछे हट जाना तथा परमाणु हथियारों के विनाश का आतंक पैदा करना|
व्यापक प्रतिशोध नीति से तात्पर्य साम्यवाद के विरुद्ध परमाणु हथियारों का प्रयोग करना था|
फोस्टर डलास ने गुटनिरपेक्षता को अनैतिक कहकर उसकी निंदा की, जबकि शीत युद्ध उनके लिए नैतिक मूल्यों के लिए नैतिक धर्म युद्ध था|
Package deal 1955-
USSR व USA के मध्य एक समझौता, जिसके तहत 16 राष्ट्रों को UNO की सदस्यता दी गई|
Star wars Programme-
23 मार्च 1983 में अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के द्वारा घोषित अंतरिक्ष युद्ध की नीति|
इसको Strategic Defence initiative (सामरिक सुरक्षा पहल) भी कहते हैं|
एक प्रस्तावित मिसाइल डिफेंस सिस्टम था, जिसका उद्देश्य संयुक्त राज्य अमेरिका को बैलेस्टिक परमाणु हथियारों और पनडुब्बी प्रक्षेपित मिसाइल से बचाना था|
डोमीनो थ्योरी-
जॉन फोस्टर डलास का सिद्धांत
उद्देश्य- दक्षिणी पूर्वी एशिया में साम्यवाद का प्रसार रोकना तथा 1954 में SEATO की स्थापना|
शांति के लिए एकता प्रस्ताव या एचेसन योजना-
कोरिया युद्ध 1950 के समय यह योजना दी गई|
दो तिहाई बहुमत से महासभा द्वारा शांति की पहल करना|
Five Eyes-
5 देश- संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, ब्रिटेन
साम्यवादी देशों पर नजर रखने के लिए खुफिया जानकारी इकट्ठा करना
शटल डिप्लोमेसी-
हेनरी किसिंजर की कूटनीति
इसमें राजदूतो के बजाय मंत्रियों द्वारा कूटनीति की जाती है|
इसके तहत चीन के साथ गुप्त वार्ताएं हेनरी किसिंजर ने की|
ऑस्टपॉलिटिक-
पश्चिमी जर्मनी की शांतिपूर्ण नीति, चांसलर विलिब्रांट की नीति
इसके तहत उसने साम्यवादी देशों से अच्छे संबंध बनाने की कोशिश की तथा शीत युद्ध से दूर हटने लगा|
ऑस्टपॉलिटिक जर्मन भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है- पूर्वोन्मुखी
दो शिविरों का सिद्धांत
स्टालिन
जो हमारे साथ नहीं वह हमारा विरोधी, तीसरा कोई पक्ष नहीं|
मालटोवा योजना व COMECON-
मार्शल योजना के खिलाफ दी गई योजना
पूर्वी यूरोप के पुनर्निर्माण हेतु USSR द्वारा आर्थिक सहायता दी गई|
COMECON- Council of mutual economic assistant
ब्रेजनेव का सिद्धांत-
ब्रेजनेव ने पूर्वी यूरोपीय देशों के लिए सीमित प्रभुसत्ता का सिद्धांत दिया, जिसका अभिप्राय है कि पूर्वी यूरोपीय देश सोवियत संघ के निर्देशों एवं नीतियों का पालन करेंगे|
ब्रेजनेव ने घेरेबंदी की नीति का समर्थन किया, अर्थात वे पूंजीवाद के प्रसार को नियंत्रित करने के बजाय पूंजीवादी व्यवस्था को घेरने के पक्ष में थे|
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