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कार्यपालिका (Executive) BY Nirban PK Sir In Hindi

;"> कार्यपालिका (Executive) 
    • कार्यपालिका सरकार का दूसरा अंग है, जो व्यवस्थापिका द्वारा निर्मित कानूनों को व्यवहारिक रूप में लागू करता हैं|

    • गिलक्राइस्ट “कार्यपालिका वह अंग है, जो कानून में अभिव्यक्त जनता की इच्छा को क्रियान्वित करता है|”

    • आधुनिक राज्यों के अंतर्गत कार्यपालिका की भूमिका इतनी महत्वपूर्ण है, कि आम बोलचाल की भाषा में कार्यपालिका को ही सरकार कहा जाता है|



     कार्यपालिका का अर्थ- 

    • संकुचित अर्थ- संकुचित अर्थ में कार्यपालिका के अंतर्गत केवल राजनीतिक कार्यपालिका को शामिल करते हैं|


    • व्यापक अर्थ- व्यापक अर्थ में कार्यपालिका के अंतर्गत राजनीतिक व प्रशासनिक दोनों कार्यपालिका को शामिल करते हैं|

    • राजनीतिक कार्यपालिका- इसमें देश के प्रधान व मंत्रीपरिषद व प्रधानमंत्री को शामिल करते हैं| राजनीतिक कार्यपालिका अस्थायी होती है|

    • प्रशासनिक कार्यपालिका- इसमें नौकरशाही तंत्र को शामिल करते हैं| प्रशासनिक कार्यपालिका स्थायी होती है|



    कार्यपालिका के प्रकार -

    1. राजनीतिक और प्रशासनिक कार्यपालिका या स्थायी कार्यपालिका और स्थायी कार्यपालिका-

    राजनीतिक कार्यपालिका

    • लोकतांत्रिक प्रणाली के अंतर्गत राजनीतिक निर्णय तथा सर्वोच्च प्रशासनिक निर्णय मुख्य कार्यकारी अथवा मंत्रीपरिषद के द्वारा लिए जाते हैं| इसे राजनीतिक कार्यपालिका कहते हैं| 

    • राजनीतिक कार्यपालिका का आवधिक चुनाव बार-बार होता है तथा कार्यपालिका बदलती रहती है| अतः राजनीतिक कार्यपालिका अस्थायी होती है|


    प्रशासनिक कार्यपालिका-

    • प्रशासन के अधिकारियों की नियुक्ति योग्यता और प्रशिक्षण के आधार पर की जाती है| ये किसी विशेष दल के साथ प्रतिबद्ध नहीं होते है| इनका कार्य राजनीतिक कार्यपालिका के निर्णयो को कार्यान्वित करना है| इसको अधिकारतंत्र (bureaucracy) या प्रशासनिक कार्यपालिका कहते हैं| यह स्थायी कार्यपालिका होती है, क्योंकि राजनीतिक स्थिति में परिवर्तन होने पर इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है|


    1. संसदीय और अध्यक्षीय कार्यपालिका

    • राजनीतिक कार्यपालिका और विधानमंडल के परस्पर संबंधों के आधार पर भी कार्यपालिका के दो प्रकार है-

    1. संसदीय कार्यपालिका

    2. अध्यक्षीय कार्यपालिका


    1. संसदीय कार्यपालिका

    • इसको मंत्रिमंडल या उतरदायी कार्यपालिका भी कहते हैं|

    • इसमें कार्यपालिका के सदस्य विधायिका के सदस्यों में से चुने जाते हैं| 

    • तथा कार्यपालिका अपने कार्यों के लिए विधायिका के प्रति उतरदायी होती हैं|

    • ‘सामूहिक उतरदायित्व सिद्धांत’ के अनुसार व्यवस्थापिका अविश्वास प्रस्ताव के द्वारा संपूर्ण मंत्रिमंडल को भंग कर सकती है|

    • संसदीय कार्यपालिका वाले देश- भारत, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया


    1. अध्यक्षीय कार्यपालिका-  

    • इसको राष्ट्रपति कार्यपालिका भी कहा जाता है| 

    • इसमें कार्यपालिका विधायिका से स्वतंत्र होती है| 

    • कार्यपालिका के सदस्यों का चुनाव विधायिका से नहीं किया जाता है और न ही कार्यपालिका विधायिका के प्रति उतरदायी होती है|

    • अध्यक्षीय कार्यपालिका वाले देश- अमेरिका, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका,

    • अर्द्धअध्यक्षीय कार्यपालिका वाले देश-  फ्रांस, श्रीलंका, रूस


    अर्द्धअध्यक्षीय कार्यपालिका-

    • इसमें संसदीय व अध्यक्षीय दोनों प्रणालियों की विशेषताएं होती हैं| 

    • इसमें राष्ट्रपति प्रणाली के रूप में एक निर्वाचित राष्ट्रपति, जिसे कार्यकारी शक्तियां प्रदान की गई है और संसदीय प्रणाली के रूप में प्रधानमंत्री व मंत्रीमंडल होता है, जो जनता के प्रति उत्तरदायी होता है| 

    • इस प्रणाली में अलग से निर्वाचित राष्ट्रपति विधायिका के बहुमत से तैयार की गई सरकार की अध्यक्षता करता है| 

    • फ्रांसीसी राष्ट्रपति 5 साल के निश्चित कार्यकाल तक शासन करता था तथा वह विधायिका को भंग कर सकता है| उसके पास एक निर्वाचित सम्राट की शक्तिया होती है| 

    • इस प्रणाली में राष्ट्रपति अपने प्रतिद्वंद्वी पार्टी या दलों द्वारा नियंत्रित सरकार और विधायिका के साथ काम करता है, उसे सहवास (Cohabitation) कहा जाता है 


    1. नाममात्र (सांकेतिक) और वास्तविक (यथार्थ) कार्यपालिका-

    • संसदीय शासन प्रणाली मे नाममात्र और वास्तविक कार्यपालिका पाई जाती है|

    1. नाममात्र  की कार्यपालिका वह है, जिसे सविधान ने समस्त कार्यपालिका शक्ति सौंपी है, लेकिन वास्तव में वह प्रयोग नहीं करता है| जैसे- भारत में राष्ट्रपति, इंग्लैंड में महारानी, जापान में सम्राट

    2. वास्तविक कार्यपालिका वह है, जो कार्यपालिका की शक्ति का वास्तव में प्रयोग करता है| जैसे- प्रधानमंत्री


    • वाल्टर बेजहाट ने दोनों को क्रमशः गरिमामय और कुशल कार्यपालिका कहा है|


    • नाममात्र की कार्यपालिका भी दो प्रकार की होती है-

    1. अनुवांशिकी या पैतृक- ब्रिटेन, जापान, नीदरलैंड, नार्वे, स्वीडन, डेनमार्क

    2. निर्वाचित- भारत, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा,


    • Note- अध्यक्षीय शासन प्रणाली में तो एक ही व्यक्ति मुख्य कार्यकारी भी होता है और राज्याध्यक्ष भी|


    1. एकल और बहुल कार्यपालिका

    1. एकल कार्यपालिका

    • इसमें समस्त कार्यपालिका शक्ति एक ही व्यक्ति के हाथों में निहित रहती है|

    • उदाहरण- संयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रपति

    • संघीय सरकार की समस्त शक्तियां राष्ट्रपति के पास होती है| राष्ट्रपति के मंत्रिमंडल के सदस्य उसके सेवक मात्र होते हैं|

    • भारत और ब्रिटेन की संसदीय कार्यपालिका भी एकल कार्यपालिका ,क्योंकि मंत्रीमंडल सामूहिक उत्तरदायित्व के आधार पर कार्य करता है| प्रधानमंत्री की भूमिका मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण होती है तथा उसके त्यागपत्र पर समस्त मंत्रिमंडल भंग हो जाती है|


    1. बहुल कार्यपालिका- 

    • ऐसी कार्यपालिका जहां कार्यपालिका शक्ति अनेक सदस्यों में निहित हो

    • उदाहरण- स्वीटजरलैंड की संघीय परिषद

    • स्विट्जरलैंड की संघीय परिषद में 7 सदस्य है और सभी को बराबर शक्तियां व अधिकार है|

    • इस बहुल कार्यपालिका का कार्यकाल 4 वर्ष होता है|

    • इन 7 सदस्यों में से एक अध्यक्ष होता है, जो राष्ट्रपति कहलाता है|

    • राष्ट्रपति का कार्यकाल 1 वर्ष होता है|

    • स्टालिन ने इस कार्यपालिका को सामूहिक राष्ट्रपति (Colligative President) की संज्ञा दी थी|

    • भारत में संविधान सभा की सदस्य बेगम एजाज रसूल राज्यों में स्विस प्रणाली की कार्यपालिका की समर्थक थी| 



    कार्यपालिका के चयन की प्रणालियां-

    • मुख्य कार्यपालिका के चयन की प्रणालियां निम्न है-

    1. वंशानुगत पद्धति- ब्रिटेन, नार्वे, स्वीडन, डेनमार्क आदि में नाममात्र की कार्यपालिका की नियुक्ति वंशानुगत होती है|

    2. जनता द्वारा प्रत्यक्ष निर्वाचन- ब्राजील, आयरलैंड, बोलीविया, मैक्सिको, पेरू आदि में राष्ट्रपति को सर्वसाधारण द्वारा प्रत्यक्ष रूप से चुना जाता है|

    3. जनता द्वारा अप्रत्यक्ष निर्वाचन- भारत, अमेरिका में राष्ट्रपति का निर्वाचन अप्रत्यक्ष होता है|

    4. व्यवस्थापिका द्वारा निर्वाचन- स्वीटजरलैंड की कार्यपालिका व जापान की कार्यपालिका प्रधान का चुनाव

    5. मनोनयन द्वारा- कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड में गवर्नर जनरल ब्रिटिश सम्राट द्वारा मनोनीत किया जाता है, क्योंकि ये देश राष्ट्रमंडल की परंपरा के अनुरूप ऐसा करते हैं|



    राजनीतिक कार्यपालिका के कार्य-

    • निम्न कार्य हैं

    1. राजनयिक कार्य या कूटनीतिक कार्य

    • राजदूतों की नियुक्ति, विदेशी राजदूतों से भेंट, वैदेशिक संबंधों का संचालन, अंतरराष्ट्रीय संधिया और व्यापारिक अनुबंध, युद्ध और सुलह 


    1. प्रशासनिक कार्य

    • मंत्रियों के माध्यम से प्रशासन के सभी विभाग कार्यपालिका के नियंत्रण में रहते हैं| 

    • सर्वोच्च प्रशासनिक तथा नीति संबंधी निर्णय कार्यपालिका द्वारा ही किए जाते हैं|

    • लोक सेवा आयोग के सदस्य कार्यपालिका द्वारा ही नियुक्त किए जाते हैं|


    1. सैनिक कार्य

    • सैन्य अधिकारियों की नियुक्ति कार्यपालिका द्वारा की जाती है|

    • मार्शल ला (सैन्य कानून) कार्यपालिका द्वारा लागू किया जाता है|

    • राज्याध्यक्ष तीनों सेनाओं का सर्वोच्च कमांडर होता है|


    1. विधायी कार्य

    • संसदीय शासन व्यवस्था में मुख्य कार्यकारी के पास संसद का अधिवेशन बुलाने, सत्रावसान करने तथा विघटन करने का अधिकार होता है|

    • विशेष परिस्थितियों में मुख्य कार्यकारी अध्यादेश जारी कर सकता है|

    • संसद द्वारा पारित विधेयक राज्याध्यक्ष की सहमति के बाद ही कानून बनता है|

    • संसद द्वारा पारित विधेयक पर राज्याध्यक्ष को वीटो प्राप्त होता है|

    • अध्यक्षीय कार्यपालिका के विधायी कार्य संसदीय कार्यपालिका की तुलना में कम होता है| अध्यक्षीय कार्यपालिका को विधायिका में बिल प्रस्तुत करने का अधिकार नहीं होता है|


    1. न्यायिक कार्य -

    • न्यायाधीशों की नियुक्ति, कैदियों की रिहाई, क्षमादान आदि कार्य कार्यपालिका के न्यायिक कार्य हैं|


    1. वित्तीय कार्य-

    • कार्यपालिका द्वारा देश का वार्षिक बजट तैयार किया जाता है, जिससे विधायिका द्वारा पारित किया जाता है|

    • अमेरिका में बजट राष्ट्रपति के निर्देशन में तैयार होता है और इसे कांग्रेस पारित करती हैं|


    1. नेतृत्व कार्य-

    • राजनीतिक कार्यपालिका का कार्य नेतृत्व प्रदान करना भी है| इस अर्थ में कार्यपालिका राज्य में Commanding Height के रूप में कार्य करता है, जो स्वयं राज्य का मूल होता है| 


    • नेतृत्व सम्बन्धी कार्य निम्न है-

    1. औपचारिक नेतृत्व या अनुष्ठानिक कार्य- राज्य के सार्वजनिक समरोहों में भाग लेना, विदेशी दौरे करना, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनो में भाग लेना, संधियों, कानूनो का समर्थन करना आदि इसमें शामिल है|

    2. नीति निर्माण नेतृत्व- नीति प्रक्रिया को निर्देशित व नियंत्रित करना| 

    3. लोकप्रिय राजनीतिक नेतृत्व-राजनीतिक कार्यपालिका की लोकप्रियता शासन की वैधता से जुड़ी है| 

    4. नौकरशाही नेतृत्व- राजनीतिक कार्यपालिका के पास प्रमुख नौकरशाही और प्रशासनिक जिम्मेदारियां है| 

    5. संकट नेतृत्व- घरेलू व अंतरराष्ट्रीय राजनीति में संकट आने पर कार्यपालिका निर्णय करती है| संकट के समय राजनीतिक कार्यपालिका को लगभग तानाशाही शक्ति प्राप्त हो जाती है| 


    1. अन्य कार्य-

    • राष्ट्रीय योजना का निर्माण, उपाधियों का वितरण, विदेशी नागरिकों को नागरिकता के अधिकार देना, व्यक्तियों को उनकी विशिष्ट सेवा के लिए पेंशन आदि कार्य|



     स्थायी कार्यपालिका: अधिकारितंत्र-

    • इसको नौकरशाही या अफसरशाही भी कहते हैं|

    • ये प्रशासनिक सेवा से संबंधित होते हैं|

    • हर्मन फाइनर “प्रशासनिक सेवा ऐसे अधिकारियों का समुच्चय है जो स्थायी, वैतनिक, प्रशिक्षित होते हैं|”

    • आज ब्रिटिश सिविल सर्विस विश्व की सर्वोत्तम प्रशासनिक सेवा मानी जाती है| फाइनर ने इसे संपूर्ण विश्व के लिए स्पर्धा की वस्तु कहा है|

    • ग्रैहम वैलेस “प्रशासनिक सेवा का आरंभ 19वीं शताब्दी के इंग्लैंड का एक महान राजनीतिक अविष्कार था|”



    आधिकारितंत्र के कार्य-

    • निम्न कार्य है -

    1. इसका मुख्य कार्य शासन के तीनों अंगों विधानमंडल, कार्यपालिका, न्यायपालिका के निर्णय को कार्यान्वित करना|

    2. पुलिस राज्य में शांति एवं व्यवस्था बनाए रखना|

    3. कल्याणकारी राज्य में जन हित के कार्य करना|



    नव निरंकुशवाद- 

    • इसका अर्थ है संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में कार्यपालिका की शक्तियों में वृद्धि से है|

    • इसके अलावा आधुनिक समय में कार्यपालिका के सामान्य निरीक्षण के अंतर्गत कार्य करने वाले सरकारी विभागों को अर्द्ध न्यायिक कोटि के व्यापक अधिकार दिए हैं| 

    • कार्यपालिका के इन न्यायिक कार्यों को लार्ड हेवर्ट ने नवीन निरंकुशता कहा है|



    कुछ अन्य तथ्य

    • दो टोपी पहने राष्ट्रपति- अध्यक्षात्मक व अर्द्ध अध्यक्षात्मक देशों में राष्ट्रपति राज्य प्रमुख के साथ-साथ शासन का प्रमुख भी होता है| जबकि संसदीय व्यवस्था में राष्ट्राध्यक्ष व शासनाध्यक्ष अलग-अलग होते हैं| उदाहरण- रूस, अमेरिका, फ़्रांस में कार्यपालिका अध्यक्ष

    • ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का पूरा पदनाम- ‘प्रधानमंत्री व राजकोष का प्रथम लार्ड’

    • क्रोसमैन “द्वितीय विश्व युद्ध के बाद मंत्रिमंडल शासन, प्रधानमंत्री शासन में बदल गया है|” 

    • कनाडा का गवर्नर जनरल नाममात्र कार्यपालिका है, जिसकी नियुक्ति प्रधानमंत्री की सलाह पर ब्रिटिश क्रॉउन द्वारा की जाती है| गवर्नर जनरल ब्रिटिश क्रॉउन का प्रतिनिधि है अर्थात सम्राट का व्यक्तिगत प्रतिनिधि है| इसका कार्यकाल ब्रिटिश क्राउन के प्रसादपर्यंत है, अर्थात मंत्रिमंडल की सिफारिश पर ब्रिटिश क्रॉउन इसे हटा सकता है| सामान्यत: 5 वर्ष होता है|

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