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स्विट्जरलैण्ड की व्यवस्थापिका : संघीय सभा/ संसद / Svitzaralaind Kee Vyavasthaapika : Sangheey Sabha/Sansad (The Swiss Legislature: Federal Assembly) BY n

 स्विट्जरलैण्ड की व्यवस्थापिका : संघीय सभा/ संसद  (The Swiss Legislature: Federal Assembly)


    • स्विस संविधान (1848 में निर्मित संविधान) के अनुच्छेद 71 के अनुसार संघीय व्यवस्थापिका, जिसे संघीय सभा के नाम से सम्बोधित किया जाता है, शासन का संचालन करने में सर्वोच्च सत्ता का उपभोग करती है। 

    • इसका स्वरूप द्वि-सदनात्मक है|   

    • 1848 में निर्मित संविधान में संघीय व्यवस्थापिका को संघीय सभा नाम दिया गया था तथा इसके दो सदन थे-

    1. राष्ट्रीय परिषद् (National Council)- यह निचला सदन है।

    2. राज्य परिषद् (Council of State)- यह उच्च सदन है। 


    • 1998 में निर्मित तथा 1999 में लागू नवीन संविधान के अंतर्गत संघीय व्यवस्थापिका को संघीय संसद नाम दिया गया है तथा इसके दो सदन निम्न है-

    1. प्रतिनिधि सभा- यह निचला सदन है।

    2. सीनेट- यह उच्च सदन है। 


    • देश की शासन-व्यवस्था में इसकी स्थिति केन्द्रीय है| 

    • संघीय संसद एक शक्तिशाली संगठन है, शासन के अन्य दो अंगों, अर्थात संघीय परिषद् (कार्यपालिका) तथा संघीय न्यायालय की सत्ता उससे निम्न है। 

    • लेकिन संघीय संसद ब्रिटिश संसद की भांति प्रभुत्व संपन्न नहीं है, कारण-

    1. संघात्मक व्यवस्था और कठोर संविधान के कारण इसकी शक्ति सीमित हो गई है| 

    2. स्विस संविधान में लोक निर्णय और आरंभक की व्यवस्था के कारण कानून निर्माण और संवैधानिक संशोधन के संबंध में अंतिम शक्ति जनता को प्राप्त हो गई है, न की विधानमंडल को| 


    संघीय व्यवस्थापिका या विधानमण्डल की विशेषताएँ-

    1. सत्ता की सर्वोपरिता-

    • स्विट्जरलैण्ड में व्यवस्थापिका की सर्वोच्चता है

    • न्यायपालिका को व्यवस्थापिका द्वारा पारित कानून के पुनरावलोकन (Judicial Review) का अधिकार प्राप्त नहीं है। 

    • कुछ मामलों में व्यवस्थापिका को संघीय न्यायपालिका के निर्णयों को रद्द करने का अधिकार है। 

    • संघीय संसद ही स्विस कार्यपालिका अर्थात् संघीय परिषद् Frodent Council) के सदस्यों का निर्वाचन करती है तथा संघीय न्यायालय के न्यायाधीशों का चयन करती है। 

    • लेकिन संघ की सर्वोच्च शक्ति का उपभोग संघीय-सभा नागरिकों और कैण्टनों के अधिकारों के अधीन करती है। 


    1. समानपदीय द्वि-सदनीय व्यवस्था-

    • स्विस संघीय सभा के दोनों सदन प्रतिनिधि सभा तथा सीनेट समकक्षीय है। 

    • संविधान के अनुच्छेद 148 में कहा गया है “जहां तक जनता के तथा कैंटनो के अधिकारों का अतिक्रमण नहीं होता है, राज्य मंडल की सर्वोच्च सत्ता का प्रयोग संसद करेगी, संसद के दो सदन प्रतिनिधि सभा और सीनेट होंगे तथा इन दोनों सदनों को समान शक्तियां प्राप्त होंगी|”

    • प्रो स्ट्रांग “स्विट्जरलैंड की कार्यपालिका की तरह वहां की व्यवस्थापिका भी विशिष्ट है| विश्व में वही एक ऐसी व्यवस्थापिका है, जिसके उच्च सदन की शक्ति निम्न सदन की शक्ति से किसी भी प्रकार भिन्न नहीं है|”


    1. विविध भाषाओं का प्रयोग-

    • स्विस व्यवस्थापिका के सदस्य देश की विविध भाषाओं का प्रयोग करने में पूर्ण स्वतंत्र हैं, क्योंकि संविधान के अन्तर्गत उन सभी भाषाओं को राजकीय मान्यता प्राप्त है। 

    • संसदीय कार्यवाही का प्रकाशन भी जर्मन, फ्रैंच तथा कभी-कभी इटालियन भाषा में किया जाता है। 



    संघीय सभा का संगठन-

    • स्विस व्यवस्थापिका अथवा संघीय संसद के दो सदन हैं -

    1. प्रतिनिधि सभा- यह निचला सदन है।

    2. सीनेट- यह उच्च सदन है। 


    प्रतिनिधि सभा-

    • रचना- 

    • संविधान के अनुसार प्रतिनिधि सभा की अधिकतम सदस्य संख्या 200 हो सकती है। वर्तमान में इनकी वास्तविक सदस्य संख्या यही है। 

    • प्रतिनिधि सभा का निर्माण जनता के निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा होता है। 

    • प्रत्येक कैण्टन या अर्द्ध-कैण्टन को प्रादेशिक निर्वाचन-क्षेत्रों में विभक्त किया जाता है। 

    • प्रतिनिधित्व का आधार जनसंख्या है।

    • प्रत्येक 40000 हजार व्यक्तियों पर एक प्रतिनिधि चुना जाता है, किन्तु इससे कम जनसंख्या वाले क्षेत्र से भी कम से कम एक प्रतिनिधि को प्रतिनिधि सभा में स्थान दिया जाता है।

    • इसके अतिरिक्त प्रत्येक कैण्टन और अर्द्ध-कैण्टन को कम से कम दो या एक प्रतिनिधि भेजने का अवसर अवश्य दिया जाता है। 


    • कार्यकाल-

    • प्रतिनिधि सभा का कार्यकाल 4 वर्ष है। 

    • संविधान के पूर्ण संशोधन पर, मतभेद की दशा में इस सदन का विघटन 4 वर्ष से पहले भी किया जा सकता है। 


    • बैठकें-

    • प्रतिनिधि सभा की बैठक सीनेट की बैठकों के साथ ही होती हैं ।

    • प्रतिनिधि सभा में निर्णय बहुमत से लिए जाते हैं औगणपूर्ति संख्या 101 (कुल सदस्यों का बहुमत) है।

    • यदि प्रतिनिधि सभा के एक-चौथाई सदस्य या कैण्टनों की सम्पूर्ण संख्या के एक-चौथाई कैण्टनों की ओर से माँग की जाए तो संघीय परिषद् (Federal Council) दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुला सकती है। 

    • प्रतिनिधि सभा और सीनेट के वर्ष में एक साथ चार सत्र होते हैं, जो 3 सप्ताह तक चलते है| 


    • वेतन-

    • प्रतिनिधि सभा के सदस्यों को मासिक वेतन नहीं दिया जाता। सदन की बैठक समय केवल दैनिक भत्ता और मार्ग-व्यय दिया जाता है

    • अतः अपने जीवन-निर्वाह के लिए सदस्यों को प्रायः दूसरे वैतनिक पदों पर कार्य करना पड़ता है | इस व्यवस्था ने प्रतिनिधि सभा में व्यावसायिक राजनीतिज्ञों के वर्ग को जन्म नहीं दिया है। 


    • सदस्यों की योग्यतायें-

    • प्रतिनिधि सभा की सदस्यता के लिए वही योग्यताएँ निर्धारित की गई हैं, जो मतदाताओं के लिए हैं अर्थात मताधिकार प्राप्त प्रत्येक स्विस-नागरिक इसका सदस्य बन सकता है | 

    • इस बारे में प्रतिबन्ध यह है कि धर्माधिकारी (Clergy) तथा सीनेट एवं संघीय-परिषद् के सदस्य प्रतिनिधि सभा के सदस्य नहीं बन सकते हैं|

     

    • मतदान-

    • 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाला प्रत्येक पुरुष/ महिला प्रतिनिधि सभा के निर्वाचन में मतदान कर सकता है। 

    • कैण्टन की नागरिकता से वंचित व्यक्तियों को मताधिकार प्राप्त नहीं है। 

    • 8 फरवरी 1971 से स्त्रियों को भी मताधिकार प्रदान किया गया। विभित्र कैण्टनों में दिवालियों, भिक्षुओं तथा दुष्चरित्र व्यक्तियों को मताधिकार नहीं दिया गया है।

    • प्रत्येक स्विस नागरिक जिसे मताधिकार प्राप्त है, प्रतिनिधि सभा, संघीय सरकार या संघीय सर्वोच्च न्यायालयका सदस्य बन सकता है| 

    • लेकिन एक समय पर एक व्यक्ति प्रतिनिधि सभा, सीनेट, संघीय सरकार या संघीय सर्वोच्च न्यायालय इनमें से किसी एक संस्था का सदस्य ही बन सकता है| 


    • निर्वाचन-प्रणाली-

    • इस सदन का निर्वाचन प्रत्यक्ष रूप से, व्यस्क मताधिकार, गुप्त मतदान द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली (सूची प्रणाली) के आधार पर किया जाता है। 

    • प्रत्येक कैण्टन एक निर्वाचन क्षेत्र है, जिसमें विविध दल अपने प्रत्याशियों की सूची प्रस्तुत करते हैं। 

    • प्रत्येक सूची में उतने ही नाम होते हैं, जितने स्थान उस कैण्टन में हैं| 

    • और मतदाता उतने ही मत देने का अधिकारी होता है, जितने सदस्यों का निर्वाचन उस कैण्टन से होता है| 

    • आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली का प्रयोग उन्हीं कैण्टनों में किया जाता है, जहाँ एक से अधिक सदस्यों का निर्वाचन होना हो। 

    • जिन कैण्टनों में केवल एक सदस्य चुना जाता है, वहाँ मतदान साधारण प्रणाली द्वारा होता है। 


    • अध्यक्ष व उपाध्यक्ष (Chairman & Vice-Chairman)-

    • प्रतिनिधि सभा को प्रत्येक साधारण और असाधारण अधिवेशन के लिए अपने सदस्यों में से एक अध्यक्ष और प्रथम उपाध्यक्ष, द्वितीय उपाध्यक्ष चुनने का अधिकार दिया गया है। 

    • लेकिन अब परम्परा के अनुसार, ये अधिकारी प्रत्येक अधिवेशन में नहीं, वरन् प्रतिवर्ष चुने जाते हैं। 

    • कोई भी सदस्य लगातार दो वर्षों तक अध्यक्ष नहीं बन सकता और न कोई जो एक वर्ष तक अध्यक्ष रह चुका हो, अगले वर्ष के लिए पुनः अध्यक्ष या उपाध्यक्ष निर्वाचित हो सकता है। 

    • अध्यक्ष राष्ट्रीय सभा की अध्यक्षता तथा उसकी कार्यवाही का संचालन करता है। 

    • अध्यक्ष पर सदन में शान्ति और व्यवस्था बनाए रखने तथा सदन के सम्मान, गरिमा और प्रतिष्ठा को बनाये रखने का उत्तरदायित्व होता है। 

    • उसे निर्णायक मत देने का अधिकार है| 

    • सदन में विभिन्न समितियों के निर्वाचन में अध्यक्ष भी साधारण सदस्य के समान मतदान करता है|

    • दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता प्रतिनिधि सभा का अध्यक्ष करता है। 

    • प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष को कोई वेतन नहीं मिलता। 

    • अध्यक्ष का पद उतना निष्पक्ष भी नहीं होता, जितना ब्रिटिश लोकसदन या अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष का होता है, और शक्ति की दृष्टि से भी यह पद विशेष महत्व का नहीं है। फिर भी इस पद के सभी लालायित रहते हैं क्योंकि अध्यक्ष को बहुत ही सम्मान की दृष्टि से देखा जाता 

    • ब्रुक्स (पुस्तक- गवर्नमेंट एंड पॉलिटिक्स ऑफ स्विट्ज़रलैंड) के शब्दों में, "यह पद आदर का है जिसकी आकांक्षा बड़े-बड़े राजनीतिज्ञ नेता करते हैं|”



    सीनेट-

    • सीनेट स्विस संघीय संसद का उच्च या द्वितीय सदन है। 

    • संविधान के अनुसार यह निम्न सदन का अधीनस्थ नहीं, बल्कि समकक्ष सदन है अर्थात् स्विट्जरलैण्ड की संघीय संसद के दोनों सदनों की स्थिति समान है। 


    • रचना (Organisation)-

    • सीनेट की सदस्य संख्या 46 है। 

    • प्रत्येक कैण्टन के दो और प्रत्येक अर्द्ध-कैण्टन का एक प्रतिनिधि होता है। 

    • अतः 20 कैंटनों के दो प्रतिनिधियों के हिसाब से 40 तथा 6 अर्द्ध-कैंटनों के एक प्रतिनिधि के हिसाब से 6 प्रतिनिधि भेजते हैं। 

    • इस तरह से यह सदन कैंटनों का प्रतिनिधित्व करता है। 


    • कार्यकाल व बैठकें-

    • स्विस सीनेट के सदस्यों के कार्यकाल में असमानता है। 

    • विभिन्न कैंटन भिन्न-भिन्न अवधियों के लिए सदस्यों का निर्वाचन करते हैं। 

    • इसके फलस्वरूप सीनेट के सदस्य 1 से 4 वर्ष के लिए चुने जाते हैं। 

    • प्रायः उनका बार-बार पुनर्निर्वाचन होता रहता है। 

    • सीनेट की बैठकें प्रतिनिधि सभा की बैठकों के साथ ही होती हैं। 

    • गणपूर्ति- कुल सदस्यों का बहुमत 

     

    • सदस्यों की योग्यता व प्रतिबंध एवं निर्वाचन 

    • सदस्यों की योग्यताएँ उनकी निर्वाचन-पद्धति, पदावधि आदि का निर्धारण करना कैंटनों का दायित्व माना जाता है। 

    • वेतन और भत्ते भी निश्चित करने के संबंध में कैंटनों को स्वतंत्रता प्राप्त है| 

    • सीनेट के सदस्यों पर यह प्रतिबन्ध है कि संघीय सभा व संघीय परिषद के सदस्य नहीं हो सकते| 

    • उनके संघीय न्यायालय का सदस्य होने पर भी प्रतिबंध है| 


    • अध्यक्ष और उपाध्यक्ष-

    • सीनेट अपने सदस्यों में से ही अपना अध्यक्ष और प्रथम उपाध्यक्ष, द्वितीय उपाध्यक्ष चुनती है|

    • यह चुनाव 1 वर्ष के लिए किया जाता है|

    • किसी एक कैंटन के प्रतिनिधियों में से अध्यक्ष और उपाध्यक्ष लगातार दो वर्ष तक नही चुने जा सकते। 

    • प्रचलित परम्परा के अनुसार एक सत्र का उपाध्यक्ष दूसरे सत्र में अध्यक्ष बना दिया जाता है। 

    • अध्यक्ष सीनेट की बैठकों का सभापतित्व करता है, सदन में शान्ति और सुव्यवस्था स्थापित रखता है, सदन के नियमों का क्रियान्वयन करता है तथा समान मत आने पर निर्णायक मत देता है। 



    संयुक्त बैठक-

    • जब दोनों सदन एक साथ बैठते हैं तो उसे संयुक्त संघीय संसद कहा जाता है|

    • सामान्यतः वर्ष में एक बार दिसंबर में संयुक्त संघीय संसद का अधिवेशन होता है, जिसमें प्रतिनिधि सभा का अध्यक्ष सत्र की अध्यक्षता करता है|

    • दोनों सदनों की संयुक्त बैठक निम्न कार्यों के लिए बुलाई जाती है-

    1. संघीय सरकार के सदस्यों, संघीय न्यायालय के न्यायाधीशों तथा अन्य पदाधिकारियों के चुनाव हेतु|

    2. संघीय इकाइयों के बीच क्षेत्राधिकार संबंधी विवाद के निपटारे हेतु|

    3. क्षमादान के प्रार्थना पत्र पर निर्णय हेतु | 


    • विशेष अवसरों पर और संघीय शासन की घोषणाए सुनने हेतु भी संघीय संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक होगी| 

    • दोनों सदनों की पृथक-पृथक बैठकों में और दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में निर्णय मतदान में भाग लेने वाले सदस्यों के बहुमत से होंगे| 

    • लेकिन संयुक्त बैठक में निम्न विषयों पर निर्णय के लिए दोनों सदनों का अलग-अलग बहुमत आवश्यक होगा-

    1. किन्ही संघीय कानून को अत्यावश्यक घोषित करने हेतु| 

    2. एकमुश्त 20 मिलियन फ्रैंक के खर्च के स्वीकृति देने हेतु या दो मिलियन स्विस फ्रैंक से अधिक आवर्तक (Recurrent) व्यय की स्वीकृति हेतु| 

    3. अनुच्छेद 126(3) के अधीन विशेष भुगतान आवश्यकता को दृष्टि में रखते हुए समस्त व्यय में वृद्धि हेतु| 


    संसदीय समूह-

    • संघीय सभा राजनीतिक दलों में विभाजित ना होकर संसदीय समूहों में विभाजित होती है| प्रतिनिधि सभा में 7 समूह है| 



    संघीय सभा की शक्तियाँ और कार्य-

    • स्विट्जरलैंड में संघीय संसद के दोनों सदनों प्रतिनिधि सभा और सीनेट को विधायी, प्रशासनिक तथा वित्तीय सभी क्षेत्रों में समान शक्तियां दी गई है| 

    • अनुच्छेद 173(2) केअनुसार प्रतिनिधि सदन एवं सीनेट दोनों उन सभी कार्यों को संपन्न करेंगे, जो कि वर्तमान संविधान द्वारा संघीय सरकार क्षेत्र में रखे गए हैं और जो अन्य किसी अधिकारी को नहीं सौंप गए हैं|

    • अनुच्छेद 160 से 173 में संघीय संसद के अधिकारों का उल्लेख किया गया है| 


    • प्रतिनिधि सभा और सीनेट के संयुक्त रूप में संघीय संसद के निम्न शक्तियां व कार्य है-


    1. प्रशासन सम्बन्धी शक्तियों-

    1. संघीय संसद दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन में संघीय परिषद के सदस्यों, उसके अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, संघीय न्यायपालिका के न्यायाधीशों, संघीय बीमा निकाय के सदस्य, सर्वोच सेनापति, विशेष जन-अभियोजक, चांसलर आदि का निर्वाचन करती है।

    2. संघीय संसद संघ-शासन और संघ-न्यायपालिका की कार्यवाहियों पर दृष्टि रखती है।

    3. कैंटनों की शासन-व्यवस्था पर भी संघीय संसद का नियन्त्रण रहता है। उसे यह अधिकार है कि कैंटनों के संविधानों की उचित जाँच करे और उन्हें स्वीकार करे। 

    4. कैंटनों व विदेशों से यदि कोई सन्धि-समझौते हों तो उनकी जाँच करना और उन्हें स्वीकार या अस्वीकार करना संघीय संसद के कार्य-क्षेत्र के अन्तर्गत है | 

    5. आंतरिक शान्ति कायम रखने के लिए वह संघीय सेना का प्रयोग कर सकती है| व्यवहार में यह कार्य संघीय परिषद् द्वारा किया जाता है और संघीय संसद उसके द्वारा किए हुए कार्य पर अपनी स्वीकृति मात्र देती है। 


    1. संघीय सभा के अन्य प्रमुख प्रशासकीय कार्य हैं-

    1. दण्डित अपराधियों को क्षमादान अथवा सामूहिक क्षमादान प्रदान करना, 

    2. संघीय सेना का नियमन व नियंत्रण करना

    3. संघीय प्रशासन का निरीक्षण और निर्देशन करना 

    4. संघीय संसद को यह अधिकार भी है कि वह सरकार के अन्य अंगों के कार्यों के प्रतिवेदन प्राप्त करे। 

    1. वैदेशिक सम्बन्धों पर संघीय संसद का पूर्ण नियंत्रण है| बाह्य आक्रमणों से राष्ट्र की रक्षा करना, उसकी स्वतंत्रता और तटस्थता की रक्षा करना, युद्ध की घोषणा करना, संधियों और समझौतों को सम्पन्न करना आदि सभी कार्य संघीय संसद के अधिकार-क्षेत्र में हैं| 

    2. सन्धि-वार्ता सामान्यतः संघीय परिषद द्वारा की जाती है, परन्तु उसके अन्तिम रूप को संघीय संसद के समक्ष प्रस्तुत करना होता है। 


    1. व्यवस्थापन सम्बन्धी शक्तियाँ- 

    • संघीय संसद संघीय विषयों पर कानून बनाती है। 

    • जनता के आरंभन का अंकुश संघीय संसद की विधायी शक्ति पर रहता है| 

    • जनता अपने वैकल्पिक व्यवस्थापन संबंधी जनमत संग्रह के अधिकार के अंतर्गत संघीय संसद द्वारा पारित कानूनों को अस्वीकार कर सकती है, परंतु ऐसा केवल उसी व्यवस्थापन के विषय में होता है, जिसे नियम के अंतर्गत विधि की संज्ञा दी जाती है|


    • संघीय संसद प्राय: दूसरे प्रकार के व्यवस्थापन का अधिक आश्रय लेती है, जिसे संघीय अध्यादेश कहते हैं। 

    • अत्यावश्यक व्यवस्थापन- उन अध्यादेशों पर वैकल्पिक व्यवस्थापन सम्बन्धी प्रतिबन्ध नहीं होता है, जो सर्वव्यापी रूप से बाध्यकारी न हों अथवा जिन्हें दोनों सदनों के सदस्यों ने 'आवश्यक' घोषित कर दिया हो । 

    • वैकल्पिक व्यवस्थापन प्रतिबन्ध से बचने के लिए व्यवस्थापन का अधिकांश कार्य अध्यादेशों के रूप में होता है| 

    • संघीय संसद के निर्णयों अथवा उसके द्वारा पारित विधेयकों पर कार्यकारिणी अर्थात संघीय परिषद् को निषेध या Veto करने का अधिकार नहीं है| 

    • यद्यपि कार्यकारिणी व्यवस्थापिका के प्रति उत्तरदायी है, तथापि व्यवस्थापिका उसे पदच्युत नहीं कर सकती। 


    1. संविधान में संशोधन की शक्ति-

    • प्रत्येक संशोधन प्रस्ताव इसके दोनों सदनों द्वारा पारित किए जाने पर ही लोक निर्णय के लिए भेजा जाता है|

    • जब संघीय संविधान में पूर्ण संशोधन का प्रस्ताव विचार के लिए आता है, तो संघीय संसद को भंग कर नवीन संघीय संसद का निर्वाचन आवश्यक होता है| 

    • संघीय संसद की संविधान संशोधन की शक्ति पर लोक निर्णय के साथ-साथ आरंभक का नियंत्रण भी है| यदि एक लाख स्विस मतदाता संविधान में संशोधन का प्रस्ताव करते हैं, तो संघीय संसद को उस पर विचार करना होगा|


    1. वित्त-सम्बन्धी अधिकार-

    • संघीय संसद का संघ के वित्त पर पूर्ण नियन्त्र है। 

    • वह संघ के आय-व्यय के लेखे को स्वीकार करती है और संघ की आर्थिक स्थिति पर नियन्त्रण रखती है। 

    • संघीय संसद को करों की मात्रा निश्चिकरने का अधिकार है|

    • संघीय संसद ही संघीय सरकार के प्रमुख पदों का सृजन और उनके वेतन आदि का निर्धारण करती है। 

    • बजट पर संघीय संसद की स्वीकृति अन्तिम होती है| 


    1. न्यायिक शक्तियाँ

    • संघीय संसद ही संघीय न्यायपालिका का निरीक्षण तथा निर्देशन करती है, न्याधिक संगठन सम्बन्धी कानून बनाती है तथा संघीय न्यायालय के न्यायाधीशों को निर्वाचित करती है। 

    • संघीय न्यायालय अपनी वार्षिक रिपोर्ट संघीय संसद के सम्मुख ही प्रस्तुत करता है। 

    • संघीय परिषद् और संघीय न्यायालय अथवा बीमा न्यायालय के मध्य उत्पन्न विवादों पर संघीय संसद का निर्णय अन्तिम होता है | 

    • संघीय संसद प्रशासन विधि सम्बन्धी मामलों में संघीय परिषद के नियमों के विरुद्ध अपीलें सुनती है और उन पर अपना अन्तिम निर्णय देती है। 

    • अपने द्वारा नियुक्त अधिकारियों के विरुद्ध भी यह कार्यवाही कर सकती है। 

    • संघ के न्याय-विभाग के अधिकारियों द्वारा दण्डित व्यक्तियों को यह क्षमादान भी दे सकती है। 

    कैण्टनों की व्यवस्थापिकाएँ (Legislatures of Cantons)-

    • कैण्टनों में एक सदनीय व्यवस्थापिका है, जिसे महापरिषद या कैण्टन परिषद कहा जाता। 

    • इसके सदस्यों की संख्या और उनका कार्यकाल विभिन्न कैण्टनों में भिन्न- भिन्न है। 

    • सदस्य संख्या प्राय 50 से 200 तक होती है। 

    • इनका कार्यकाल 2 से 6 वर्ष तक होता है। 

    • व्यवस्थापिका का संगठन जनसंख्या के आधार पर किया जाता है और अधिकांश कैण्टनों में आनुपातिक प्रतिनिधित्व की निर्वाचन प्रणाली को अपनाया गया है। 



    विधायी प्रक्रिया-


    1. विधेयक प्रस्तुत करना-

    • स्विट्जरलैंड में सदन में विधेयक चार प्रकार से प्रस्तुत होते हैं-

    1. संघीय सरकार द्वारा

    2. संघीय संसद द्वारा

    3. कैंटनो द्वारा

    4. संघीय संसद के किसी सदन के किसी सदस्य द्वारा|


    • लेकिन व्यवहार में संघीय सरकार ही अधिकांश विधेयक तैयार करती है और उन्हें प्रस्तावित करती है|

    • वित्त विधेयक संघीय सरकार द्वारा ही प्रस्तुत किया जा सकता है, किसी सदस्य द्वारा नहीं|

    • विधेयक प्रस्तावित होने पर उसके सिद्धांतों पर विचार किया जाता है यदि उससे सदन सहमत हैं तो विधेयक समिति को विचारार्थ सौंप दिया जाता है| 


    1. समिति अवस्था-

    • समिति प्राय: विधेयक के मूल प्रारूप को नहीं बदलती है, वरन विधेयक में केवल आवश्यक संशोधन का ही सुझाव देती है|


    1. सदन में विधेयक का पारित होना-

    • समिति की रिपोर्ट सदन में आ जाने पर सदन में विधेयक पर विचार आरंभ किया जाता है|

    • विधेयक पर बिंदुवार विचार किया जाता है तथा समिति द्वारा सुझाए गए संशोधनों पर भी विचार किया जाता है|

    • अंत में संपूर्ण विधेयक पर मत संग्रह किया जाता है|

    • और एक सदन द्वारा विधेयकों की स्वीकृति के बाद उसे दूसरे सदन में भेज दिया जाता है| दूसरे सदन में भी विधेयक पर विचार के लिए यही प्रक्रिया अपनाई जाती है|

    1. मतभेदों को दूर करना-

    • यदि किसी विधेयक पर दोनों सदनों में मतभेद उत्पन्न हो जाता है, तो मतभेद दूर करने के लिए संयुक्त सम्मेलन समिति स्थापित की जाती है, जिसमें दोनों सदनों के सदस्य बराबर बराबर होते हैं| इस समिति का अध्यक्ष उस सदन में से कोई व्यक्ति होता है जिसमें विधेयक प्रारंभ हुआ था|


    1. विधेयक का प्रकाशन-

    • यदि विधेयक दोनों सदनों से पारित हो जाए तो उस पर दोनों सदनों के अध्यक्ष तथा सचिव के हस्ताक्षर हो जाते हैं|

    • और इसके बाद विधेयक संघीय सरकार के पास प्रकाशन तथा लागू करने के लिए भेजा जाता है| 

    • यदि विधेयक में दर्ज की गई अवधि तक जनता इस पर लोक निर्णय की मांग ना करें तो कानून की भांति लागू हो जाता है| 

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