राजस्थान में शहरी स्वशासन
राजस्थान में प्रथम नगर निगम- जयपुर
राजस्थान में प्रथम नगर पालिका- माउंट आबू
राजस्थान में प्रथम नगर परिषद- अजमेर (1956)
राजस्थान में कुल नगर निगम- 11
(1) जयपुर नगर निगम ग्रेटर, (2) जयपुर नगर निगम हेरिटेज, (3) जोधपुर नगर निगम उत्तर, (4) जोधपुर नगर निगम दक्षिण, (5) कोटा नगर निगम उत्तर, (6) कोटा नगर निगम दक्षिण, (7) अजमेर नगर निगम, (8) बीकानेर नगर निगम, (9) उदयपुर नगर निगम, (10) भरतपुर नगर निगम, (11) अलवर नगर निगम
राजस्थान में कुल नगर परिषद- 38
राजस्थान में कुल नगर पालिका- 218
राजस्थान में कुल नगर निकाय- 267
राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 1959 में बनाया गया
नगर- निगम
शहरी शासन की सर्वोच्च संस्था है|
5 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों में नगर निगम की स्थापना की जाती है|
नगर निगम के सदस्य-
पार्षद
अध्यक्ष- मेयर/ महापौर
उपाध्यक्ष- उपमेयर/ उपमहापौर
पार्षद व मेयर का चुनाव प्रत्यक्ष होता है|
Note- राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 के द्वारा मेयर का चुनाव प्रत्यक्ष होता था|
2014 में इसे अप्रत्यक्ष कर दिया गया|
2018-19 से इसे वापस प्रत्यक्ष कर दिया गहलोत सरकार के द्वारा
प्रशासनिक अधिकारी- आयुक्त या कमिश्नर
शपथ- मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO)
त्यागपत्र- सभी अपना त्यागपत्र जिलाधीश को देते है|
पद से हटाना- मेयर, उपमेयर को अविश्वास प्रस्ताव द्वारा हटाया जा सकता है|
नगर निगम के कार्य-
नगर सुविधाओं का विस्तार करना
नगरीय सौंदर्यीकरण
सड़कों व पुलों का रखरखाव
जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र आदि|
नगर परिषद-
एक लाख से 5 लाख तक आबादी वाले नगरों में नगर परिषद की स्थापना की जाएगी|
वर्तमान में राजस्थान में 38 नगर परिषद है|
नगर परिषद के सदस्य-
पार्षद (नगर परिषद सदस्य)
सभापति
उप उपसभापति
चुनाव- सभी का प्रत्यक्ष
शपथ- E.O (कार्यकारी अधिकारी)
त्यागपत्र- सभी जिलाधीश (कलेक्टर)
पद से हटाना
सभापति (अविश्वास प्रस्ताव)
उपसभापति (अविश्वास प्रस्ताव)
नगरपालिका -
शहरी स्वशासन की सबसे निम्न संस्था है|
20 हजार से एक लाख जनसंख्या वाले शहरों में गठन|
सदस्य-
पार्षद
अध्यक्ष
उपाध्यक्ष
चुनाव- सभी का चुनाव प्रत्यक्ष
शपथ- पीठासीन अधिकारी
त्यागपत्र- सभी जिलाधीश को
पद से हटाना- अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को अविश्वास प्रस्ताव के द्वारा|
Note- तीनों संस्थाओं में पदेन सदस्य नहीं होते हैं
मनोनीत सदस्य होते हैं, जो राजस्थान सरकार द्वारा मनोनीत किए जाते हैं, निम्न है-
नगर पालिका- 4
नगर परिषद- 5
नगर निगम- 6
बैठक- तीनों संस्थाओं की बैठक-
60 दिन में एक बार (कम से कम)
Right to Recall (RTR) (वापस बुलाने का अधिकार)
सबसे अच्छा- स्वीटजरलैंड
भारत में प्रथम- M.P (स्थानीय निकाय)
राजस्थान में राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 के तहत लागू किया गया था, वर्तमान में समाप्त है|
राजस्थान में सर्वप्रथम RTR का प्रयोग 2012 में बारा जिले की मांगरोल नगर पालिका अध्यक्ष अशोक जैन के विरुद्ध हुआ था|
राजस्थान में जिला नियोजन समिति (DPC)
सदस्य संख्या- 25
20 सदस्य निर्वाचित
पंचायतों तथा शहरी निकायों के सदस्य अपने में से 20 को निर्वाचित करेंगे|
पंचायतों व शहरी संस्थाओ के सदस्यो का DPC में प्रतिनिधित्व ग्रामीण व शहरी जनसंख्या के आधार पर होगी|
पदेन सदस्य-
CEO मुख्य कार्यकारी अधिकारी
ACEO (अतिरिक्त कार्यकारी अधिकारी)
जिलाधीश (DC)
मनोनीत सदस्य-
राज्य सरकार द्वारा मनोनीत सदस्य
सांसद या विधायक किसी भी को
राजस्थान में DPC का अध्यक्ष जिलाधीश होता था, लेकिन 2004 से जिला प्रमुख इसका अध्यक्ष तथा जिलाधीश पदेन सदस्य होता है|
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