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प्लेटो का साम्यवाद का सिद्धांत/ Plato ka samywad ka siddhant / Plato Theory of Communism By Nirban P K Yadav Sir || In Hindi

     प्लेटो का साम्यवाद का सिद्धांत (Plato Theory of Communism)

    • प्लेटो ने साम्यवाद सिद्धांत का वर्णन रिपब्लिक में किया है|

    • आदर्श राज्य में न्याय की स्थापना के लिए प्लेटो ने शिक्षा योजना के साथ-साथ साम्यवाद का सिद्धांत दिया है|

    • शिक्षा मानसिक रोग का मानसिक इलाज है, जबकि साम्यवाद मानसिक रोग का भौतिक इलाज है|

    • शिक्षा योजना जहां सकारात्मक साधन है वही साम्यवाद नकारात्मक साधन है|

    • प्लेटो का साम्यवाद का सिद्धांत उसकी शिक्षा सिद्धांत का पूरक है|

    • नैटलशिप “प्लेटो का साम्यवाद शिक्षा द्वारा उत्पन्न की हुई विचारधारा को प्रभावी बनाने वाला, उसे नव जीवन व शक्ति प्रदान करने वाला अनुपूरक यंत्र है|”

    • हैकर “प्लेटोवादी आदर्श राज्य की विशेषताएं थी- वर्ग, साम्यवाद, नागरिकता, नियंत्रण, संतोष, सहमति

    • प्लेटो का साम्यवाद केवल संरक्षक वर्ग (सैनिक वर्ग व दार्शनिक वर्ग) के लिए ही है| यह उत्पादक वर्ग के लिए नहीं है| अर्थात यह अल्पसंख्यक वर्ग के लिए है|

    • साम्यवाद का उद्देश्य संरक्षक वर्ग (सैनिक वर्ग व शासक वर्ग) को बाह्य आकर्षण कंचन व कामिनी (संपत्ति व परिवार) से दूर रखना है, ताकि ये उनके मार्ग में बाधा न बन सके|


    प्लेटो की साम्यवादी विचारधारा के स्रोत-

    • प्लेटो की साम्यवादी विचारधारा पूर्णतया नवीन तथा मौलिक नहीं थी|

    • इनके पहले साम्यवाद के निम्न उदाहरण मिलते हैं-

    1. स्पार्टा में स्त्रियों तथा 7 वर्ष की आयु में बालकों को राज्य को सोंप दिया जाता था| 

    2. क्रिट नामक नगर में सहकारी खेती की व्यवस्था की थी|

    3. एथेंस में भी राज्य का व्यक्तिगत संपत्ति पर नियंत्रण था|

    4. पाइथागोरस का मत था कि “मित्रों की संपत्ति पर सबका समान रूप से अधिकार है|”

    5. प्लेटो से पूर्व युरोपाइड्ज ने अपनी रचना ‘प्रोटेसिलास’ में स्त्रियों के साम्यवाद का समर्थन किया है|


    प्लेटो के साम्यवाद के रूप-

    • प्लेटो ने साम्यवादी योजना को दो भागों में बांटा है-

    1. संपत्ति का साम्यवाद       

    2. परिवार अथवा स्त्रियों का साम्यवाद


    1. संपत्ति का साम्यवाद-

    • प्लेटो अभिभावक/ संरक्षक वर्ग (शासक और सैनिक) के लिए संपत्ति का निषेध करता है, क्योंकि निजी संपत्ति इनको पथभ्रष्ट कर सकती है|

    • संपत्ति का साम्यवाद उत्पादक वर्ग के लिए नहीं है, क्योंकि प्लेटो राजनीति से आर्थिक शक्ति को अलग करता है|

    • संरक्षक वर्ग के पास निजी संपत्ति, निजी घर, सोना-चांदी व इसके आभूषण नहीं होने चाहिए तथा अभिभावक वर्ग को शिविरों में रहना चाहिए|


    Note- प्लेटो के संपत्ति के साम्यवाद का उद्देश्य राजनीतिक है न कि आधुनिक साम्यवाद की तरह आर्थिक समानता है|


    • सेबाइन “प्लेटो के संपत्ति के साम्यवाद का उद्देश्य मात्र राजनीतिक था तथा सरकार के ऊपर धन के भयानक प्रभाव का प्लेटों को इतना दृढ़ विश्वास था कि उसे दूर करने के लिए उसे स्वयं संपत्ति का ही विनाश करना पड़ा|”

    • प्लेटो का साम्यवाद स्पार्टा व क्रिट की पद्धतियों से मिलता था| इस संदर्भ में प्रोफेसर बार्कर का कहना है कि “स्पार्टा तथा क्रिट की परिस्थितियों में तथा प्लेटो के संपत्ति विषयक विचारों में बहुत गहरा साम्य है|”

    • फॉस्टर “प्लेटो के संरक्षक वर्ग को सामूहिक रूप से संपत्ति का स्वामित्व ग्रहण करना नहीं, वरन इसका त्याग करना है|”


    1. परिवार अथवा स्त्रियों का साम्यवाद

    • प्लेटो ने अभिभावक वर्ग के लिए निजी संपत्ति के निषेध के साथ-साथ निजी परिवार का भी निषेध किया है|

    • प्लेटो का मत है कि परिवार का मोह, धन के मोह से अधिक प्रबल होता है| 

    • सेबाइन “संपत्ति की भांति प्लेटो विवाह का उन्मूलन भी करता है|”


    प्लेटो के परिवार साम्यवाद योजना के उद्देश्य-

    1. संरक्षक वर्ग को परिवारिक मोह से मुक्त रखना|

    2. राज्य में एकता स्थापित करने हेतु-

    • बार्कर “इसके (परिवार के) उन्मूलन का दिन, राज्य की एकता के उद्घाटन का दिन होगा| व्यक्ति के लिए स्वतंत्रता और दोनों के लिए न्याय का दिन होगा|”


    1. नारियों की मुक्ति तथा समानाधिकार- 

    • प्लेटो “परिवार एक ऐसा स्थान है जहां मनुष्य की प्रतिभा का हनन होता है तथा पत्नी की मानसिक शक्ति चौके-चूल्हे में बर्बाद हो जाती है|”


    1. श्रेष्ठ संतान की प्राप्ति-

    • उत्तम संतान पाने के लिए प्लेटो ने संतानोत्पत्ति की आयु निश्चित की है- स्त्रियां 20 से 40 वर्ष की आयु में तथा पुरुष 25 से 55 वर्ष की आयु में राष्ट्र के लिए संतान पैदा करेंगे| 


    1. विवाह संस्था में सुधार-

    • क्रासमैन ने विवाह संस्था की समाप्ति को स्त्रियों के लिए अधिकारों की प्राप्ति की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण कदम माना है|

    • फिटे ने विवाह संस्था की समाप्ति का उद्देश्य कुछ खास नस्ल (Stock Breeder) पैदा करना तथा सामाजिक अच्छाई की प्लेटों की योजना को कम्युनिस्ट रूप में ‘लोहे के घेरे में बंद व्यवस्था’ (Ironclad System) कहा है| 


    प्लेटो के शब्दों में साम्यवादी योजना-

    • “संरक्षक स्त्री-पुरुष में कोई भी अपना निजी घर (परिवार) नहीं बनाएगा| कोई भी किसी के साथ व्यक्तिगत रूप से सहवास नहीं करेगा| शासक स्त्रियां सब शासक पुरुषों की समान रूप से पत्नियां होंगी, इनकी संताने भी समान रूप से सबकी होंगी और दार्शनिक शासक को छोड़ न तो माता-पिता अपनी संतान को जान सकेगा और न संतान माता-पिता को|” 

    • प्लेटो के अनुसार स्थायी विवाह न करके केवल सुंदर स्वस्थ और बलशाली व्यक्ति ही राज्य की आवश्यकतानुसार संतान उत्पादन के लिए सहवास कर सकेंगे तथा इनसे उत्पन्न संतान राज्य द्वारा पाली जाएगी|

    • बच्चों की देखभाल राज्य द्वारा निर्मित शहर के एक अलग हिस्से में प्रशासित नर्सों द्वारा की जाती थी| जिसे प्लेटो यूजेनिक्स कहता है| यहां निम्नतर गुण वाले व अपंग बच्चों को चुपचाप गुप्त रूप से समाप्त कर दिया जाएगा|

    • प्लेटो ने माता और पुत्र, पिता और पुत्री के बीच योन संबंधों पर पाबंदी लगा दी थी|


    प्लेटो के साम्यवाद की विशेषताएं-

    1. प्लेटो का साम्यवाद एक साध्य न होकर न्याय पर आधारित आदर्श राज्य की स्थापना का एक साधन है|

    2. प्लेटो के साम्यवाद का चरम लक्ष्य आध्यात्मिक उत्कर्ष है|

    3. प्लेटो का साम्यवाद राज्य का हित साधन है, न कि संबंधित वर्ग का|

    4. यह उत्पादक वर्ग के लिए नहीं है|

    5. प्लेटो का साम्यवाद मनोवैज्ञानिक आधार पर आधारित है, जिसका उद्देश्य मानव को पथभ्रष्ट की ओर ले जाने वाली बाह्य संस्थाओं, भौतिक सुखों का निषेध करना है|


    प्लेटों के साम्यवाद की आलोचना- 

    1. अरस्तु “प्लेटो का साम्यवाद अध्यात्मिक बुराइयों का भौतिक निदान है, जिसके परिणाम आशानुकूल नहीं हो सकते हैं|” अरस्तु के मत में आध्यात्मिक/ नैतिक बुराइयों का नैतिक निदान होना चाहिए| 

    2. प्लेटो परिवार साम्यवाद की योजना में स्त्री-पुरुष के आधारभूत अंतर को दृष्टि में नहीं रखता है|

    • जैसा कि बार्कर ने भी लिखा है कि “स्त्री की प्रकृति में लिंग ही एकमात्र तथ्य नहीं है केवल जिसमें वह पुरुष से भिन्न है, अपितु वह तो उसके समस्त जीवन को प्रभावित करता है|”

    1. प्लेटो का साम्यवाद अमनोवैज्ञानिक व अव्यवहारिक है क्योंकि यह पति-पत्नी के संबंध की पवित्रता को भुला देता है|

    2. प्लेटो के साम्यवाद में बच्चे अनाथ की तरह होते है| अरस्तु इसी संबंध में लिखता है कि “प्लेटोवादी पुत्र होने की अपेक्षा तो निकट संबंधी होना कही अधिक उत्तम है|”

    3. अभिभावक वर्ग को पारिवारिक सुख से वंचित करना उचित नहीं है|

    4. प्लेटो की संपत्ति विषयक साम्यवाद की योजना समाज में संघर्ष और फूट की प्रवृत्ति बढ़ाने वाली है|

    5. प्लेटो का साम्यवाद ऐतिहासिक आधार पर भी सही नहीं है, क्योंकि ऐसे ऐतिहासिक प्रमाण नहीं मिलते हैं|

    6. स्त्रियों के साम्यवाद से यौन अराजकता उत्पन्न हो जाएगी|

    7. यदि साम्यवाद अच्छी व्यवस्था है तो सभी वर्गों पर लागू होनी चाहिए, केवल संरक्षक वर्ग पर नहीं|

    8. प्लेटो का साम्यवाद व्यक्ति के व्यक्तित्व को समाप्त कर उसे एक स्वचालित यंत्र मात्र बना देगा|

    9. प्लेटो का साम्यवाद प्रतिक्रियागामी है|

    10. ग्रुब और टेलर ने प्लेटो के प्रस्ताव को घृणास्पद बताते हुए कहा कि, वे विवाह और परिवार संबंधी मानवीय भावनाओं का ध्यान नहीं रखते| 


    प्लेटो के साम्यवाद और आधुनिक साम्यवाद की तुलना-

    • मैक्सी “प्लेटो साम्यवादी विचारों का प्रेरणा स्रोत है और रिपब्लिक में सभी साम्यवादी विचारों के मूल बीज मिलते हैं|”

    • प्रो. बार्कर तथा प्रो.नैटलशिप “प्लेटो का संपत्ति का साम्यवाद अर्द्ध साम्यवाद है| क्योंकि समाज के सभी वर्गों पर लागू नहीं होता है|”

    • प्रो जॉयली “आभासी रूप से सभी समाजवादियों और साम्यावादियों की जड़ प्लेटो है|”

    • साम्यवाद के संबंध में प्लेटो के विचारों को शुरुआती समाजवादियों से काफी समर्थन मिला जैसे- क्लॉड हेनरी, रॉबेर्ट ओवन, चार्ल्स फुरिये|


    समानताएं-

    1. दोनों में व्यक्ति को राज्य की तुलना में गोण माना है|

    2. दोनों ही व्यक्ति के कर्तव्यों पर अधिक बल देते है, अधिकारों पर नहीं|

    3. दोनों ही आर्थिक प्रतियोगिता को समाप्त करते हैं|

    4. दोनों की योजना काल्पनिक व अव्यवहारिक है|

    5. दोनों निजी संपत्ति के विरोधी है|

    6. दोनों अधिनायकवाद में विश्वास रखते है| प्लेटो का साम्यवाद दार्शनिक राजा के अधिनायकवाद में तथा आधुनिक साम्यवाद सर्वहारा वर्ग के अधिनायकवाद में|

    7. दोनों स्त्री-पुरुष समानता के समर्थक हैं|


    असमानताएं-

    1. प्लेटो के साम्यवाद का दृष्टिकोण अध्यात्मिक निराशावादी और विरक्तिमुलक है, जबकि आधुनिक साम्यवाद का दृष्टिकोण भौतिकवादी, क्रांतिकारी, प्रगतिशील है|

    2. प्लेटो का साम्यवाद वर्ग विशेष के लिए है, जबकि आधुनिक साम्यवाद संपूर्ण समाज के लिए है|

    3. प्लेटो के साम्यवाद में राज्य निहित है, जबकि आधुनिक साम्यवाद में तानाशाही के बाद राज्य के लोप होने की परिकल्पना है| 

    4. प्लेटो का साम्यवाद वर्ग पर आधारित है, जबकि आधुनिक साम्यवाद वर्गविहीन, राज्यविहीन है|

    5. प्लेटो का साम्यवाद राजनीतिक है, जबकि आधुनिक साम्यवाद आर्थिक है|

    6. प्लेटो का साम्यवाद उच्च वर्गों को प्रधानता देता है, जबकि आधुनिक साम्यवाद निम्न व श्रमिक वर्ग को|

    7. प्लेटो का साम्यवाद यूनानी नगर राज्यों तक सीमित है, जबकि आधुनिक साम्यवाद अंतरराष्ट्रीय है|

    8. प्लेटो का साम्यवाद विभिन्न वर्गों में एकता स्थापित करता है, तो आधुनिक साम्यवाद वर्ग संघर्ष पर आधारित है|


    • टेलर “रिपब्लिक में साम्यवाद और समाजवाद के संबंध में बहुत कहा जाने के बावजूद वस्तुत: इस ग्रंथ में न तो समाजवाद पाया जाता है और न ही साम्यवाद पाया जाता है|

    • बार्कर “प्लेटो का समाजवाद वैराग्यवाद का मार्ग है| इस समाजवादी व्यवस्था द्वारा प्लेटो ने राज्य के संरक्षक वर्ग के लिए वैराग्यवाद का मार्ग खोल दिया|” 

    • नैटार्प (Netarp) “इन्होंने प्लेटों के साम्यवाद को अर्द्धसाम्यवाद कहा है|

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