रॉबर्ट नॉजिक (स्वेच्छातंत्रवादी विचारक) के न्याय संबंधी विचार-
रॉबर्ट नॉजिक ने अपना न्याय सिद्धांत अपनी पुस्तक ‘एनार्की स्टेट एंड यूटोपिया’ 1974 में दिया है|
ये जॉन रॉल्स के न्याय सिद्धांत के आलोचक है तथा कहते हैं कि जॉन रॉल्स के न्याय सिद्धांत में राज्य का कार्य क्षेत्र बहुत बढ़ जाता है|
नॉजिक राज्य के न्यूनतम कार्य क्षेत्र का समर्थन करता है तथा आरक्षण के बजाय प्रगति पर बल देता है|
नॉजिक के न्याय सिद्धांत को हकदारी सिद्धांत/ न्याय का अधिकारिता का सिद्धांत/ परिष्कार सिद्धांत कहते हैं|
नॉजिक पर भी जॉन लॉक का प्रभाव था|
नॉजिक के अनुसार व्यक्ति परिश्रम से तथा वैधानिक सीमाओं में रहकर जो धन अर्जित करता है उसी का हकदार होता है|
योग्यता से कमाए धन का पूर्ण रूप से हकदार होता है, सरकार समाज कल्याण के नाम पर उससे वह धन नहीं छीन सकती है, अर्थात सरकार अमीरों पर टैक्स लगाकर गरीबों में वितरण नहीं कर सकती है|
नॉजिक ने न्याय के 2 सिद्धांतों में अंतर किया है-
साध्य मूलक सिद्धांत-
इस सिद्धांत के अनुसार लोगों के अधिकार किन्ही विशेष लक्ष्यों की पूर्ति के उद्देश्य निर्धारित करने चाहिए|
यह सिद्धांत बेंथम के उपयोगितावाद पर आधारित है| नॉजिक इसका आलोचक है|
ऐतिहासिक सिद्धांत-
अन्य नाम- न्याय का हकदारी सिद्धांत, न्याय का अधिकारिता सिद्धांत, न्याय का पात्रता या योग्यता सिद्धांत, परिष्कार का सिद्धांत
नॉजिक ऐतिहासिक सिद्धांत का समर्थन करता है|
परिष्कार का सिद्धांत- इसके अनुसार यदि व्यक्ति की संपत्ति की वर्तमान व्यवस्था अतीत के उचित अभिग्रहण या हस्तांतरण का परिणाम है अर्थात इसमें छल कपट का प्रयोग नहीं हुआ है तो उसे न्यायपूर्ण मान लेना चाहिए| यदि संपत्ति के अनुचित अभिग्रहण के कारण कोई अन्याय हुआ है तो उसका परिष्कार करना चाहिए|
न्याय का अधिकारिता सिद्धांत- नॉजिक के अनुसार यदि पुरानी सारी त्रुटियों को दूर करने की कोशिश करेंगे तो अनेक विवाद पैदा हो जाएंगे, इसलिए प्रचलित व्यवस्था के अंतर्गत जो व्यक्ति जिस-जिस वस्तु का अधिकारी है, उसे उसकी सहमति के बिना किसी दूसरे को हस्तांतरित नहीं किया जाए| इसे अधिकारिता का सिद्धांत कहते हैं|
ऐतिहासिक सिद्धांत की तीन मान्यताएं हैं-
न्यायपूर्ण अधिग्रहण का सिद्धांत-
व्यक्ति अपनी योग्यता के उचित उपयोग से मनचाहा धन कमा सकता है|
न्यायपूर्ण हस्तांतरण का सिद्धांत-
सही तरीके से कमाए गए धन का व्यक्ति जिसे चाहे हस्तांतरण कर सकता है या खर्च कर सकता है|
अन्याय के परिष्कार का सिद्धांत-
अन्याय पूर्ण कमाए गए धन का उचित प्रतिकार किया जाना चाहिए|
नॉजिक के अनुसार न्यायपूर्ण वितरण के लिए यह सूत्र अपनाना चाहिए “हर एक से उतना जितना वह देना चाहिए, हर एक को उतना जितना, उसे कोई देना चाहे|”
नॉजिक “समाज के स्तर पर जो असमानताएं पाई जाती हैं, उन्हें वितरण के स्तर पर बदलने का प्रयास विनाशकारी होगा|”
नॉजिक की आलोचना-
मैकफ़र्सन, हेयक जैसे पूंजीवादी समर्थक नॉजिक को स्वत्वमूलक व्यक्तिवादी कहकर आलोचना करते हैं|
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