21वां भारत- आसियान शिखर सम्मेलन
21वें भारत-आसियान शिखर सम्मेलन का आयोजन 10 अक्टूबर 2024 को लाओस की राजधानी विएनतियाने, लाओ पीडीआर में किया गया|
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन व 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दो दिवसीय लाओस की यात्रा की|
21वें भारत-आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि “21वीं सदी, जिसे एशियाई सदी भी कहा जाता है, भारत की और आसियान देशों की है|”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “भारत आसियान की मित्रता ऐसे समय में महत्वपूर्ण है, जब विश्व के कई हिस्से संघर्ष और तनाव का सामना कर रहे हैं|”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “उन्होंने 10 साल पहले एक्ट ईस्ट नीति की घोषणा की थी और पिछले दशक में इसने भारत और आसियान देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को नई ऊर्जा, दिशा और गति दी है|”
आसियान देशों को पड़ोसी और वैश्विक दक्षिण में साझेदार बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि "हम शांतिप्रिय राष्ट्र हैं और एक-दूसरे की राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते हैं तथा क्षेत्र के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं|"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “पिछले दशक में आसियान देशों के साथ भारत का व्यापार लगभग दोगुना होकर 130 अरब डॉलर से अधिक हो गया है|”
इस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘कनेक्टिविटी और लचीलापन’ थीम को ध्यान में रखते हुए 10 सूत्री योजना की घोषणा की, जिसमें निम्न शामिल हैं-
वर्ष 2025 को आसियान-भारत पर्यटन वर्ष के रूप में मनाना, जिसके लिए भारत संयुक्त गतिविधियों के लिए 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर उपलब्ध कराएगा|
युवा शिखर सम्मेलन, स्टार्ट-अप महोत्सव, हैकाथॉन, संगीत महोत्सव, आसियान-भारत थिंक टैंक नेटवर्क और दिल्ली वार्ता सहित कई केंद्रित गतिविधियों के माध्यम से एक्ट-ईस्ट नीति के एक दशक का उत्सव मनाना|
आसियान-भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास निधि के तहत आसियान-भारत महिला वैज्ञानिक सम्मेलन आयोजित करना|
नालंदा विश्वविद्यालय में छात्रवृत्ति की संख्या दोगुनी करना और भारतीय कृषि विश्वविद्यालयों में आसियान छात्रों के लिए नई छात्रवृत्ति का प्रावधान करना|
2025 तक आसियान-भारत माल व्यापार समझौते की समीक्षा करना|
आपदा लचीलापन बढ़ाने के लिए भारत द्वारा 5 मिलियन अमरीकी डॉलर उपलब्ध कराना|
स्वास्थ्य की दिशा में स्वास्थ्य मंत्रियों की नियमित बैठक शुरू करना|
डिजिटल और साइबर नीति मजबूत करने की दिशा में आसियान-भारत साइबर नीति वार्ता का एक नियमित तंत्र शुरू करना|
ग्रीन हाइड्रोजन पर कार्यशाला का आयोजन करना|
जलवायु पुनरुत्थान की दिशा में ‘माँ के लिए एक पेड़ लगाओ’ अभियान में शामिल होने के लिए आसियान नेताओं को आमंत्रित करना|
इस शिखर सम्मेलन में, सदस्य देशों के नेताओं ने एक नई आसियान-भारत कार्य योजना (2026-2030) बनाने पर सहमति व्यक्त की, जो आसियान-भारत साझेदारी की पूरी क्षमता को साकार करने की दिशा में दोनों पक्षों का मार्गदर्शन करेगी|
शिखर सम्मेलन में, सदस्य देशों के नेताओं ने दो संयुक्त वक्तव्यों को स्वीकार किया-
भारत की एक्ट ईस्ट नीति (AEP) के समर्थन से इंडो-पैसिफिक पर आसियान दृष्टिकोण के संदर्भ में क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर संयुक्त वक्तव्य|
डिजिटल परिवर्तन को आगे बढ़ाने पर संयुक्त वक्तव्य|
विश्व शांति पर बल-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आसियान- भारत शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए विश्व शांति की स्थापना पर बल दिया|
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “यूरेशिया हो या पश्चिम एशिया जल्द से जल्द शांति स्थिरता बहाल होनी चाहिए, क्योंकि इन संघर्षों का असर ग्लोबल साउथ पर पड़ रहा है|
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी “मैं बुद्ध की धरती से आया हूं और मैंने बार-बार कहा है कि समस्याओं का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं निकल सकता है|”
प्रधानमंत्री मोदी ने इशारों में चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि “संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करना जरूरी है|
प्रधानमंत्री मोदी ने इशारों में चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि “यह समय विकासवाद का है ना कि विस्तारवाद का| दक्षिणी चीन सागर में शांति और स्थिरता जरूरी है|” “हमारा मानना है कि समुद्री गतिविधियां संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि (UNCLOS) के तहत संचालित की जानी चाहिए|”
संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि (UNCLOS)-
संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि (UNCLOS) एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है|
यह समुद्रों और महासागरों पर देशों के अधिकार और ज़िम्मेदारियों को तय करता है, इसके साथ ही इसमें समुद्री संसाधनों के इस्तेमाल के लिए नियम भी बनाए गए हैं|
इस संधि को 1982 में अपनाया गया था, लेकिन यह नवंबर 1994 में लागू हुई|
अक्टूबर 2024 तक 169 देश और यूरोपीय संघ इस संधि के पक्षकार हैं|
भारत ने 1995 में इस संधि को अपनाया था|
ASEAN-
आसियान दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का एक असैनिक, गैर सुरक्षात्मक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक संगठन व क्षेत्रीय अंतर सरकारी संगठन है|
ASEAN- (Association of South-East Asian Nations)
दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्र संगठन
स्थापना-
8 अगस्त 1967 (बैंकाक घोषणा के द्वारा)
5 देशों ने बैंकाक घोषणा पर हस्ताक्षर करके आसियान की स्थापना की|
8 अगस्त आसियान दिवस
उद्देश्य-
दक्षिणी पूर्वी एशिया के देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक, सुरक्षा और सामाजिक-सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देना|
स्थापना कर्ता देश- 5
इंडोनेशिया
मलेशिया
फिलिपिंस
सिंगापुर
थाईलैंड
वर्तमान सदस्य- 10
(6) बुर्नेई (1984 में सदस्य बना)
(7) वियतनाम (1995 में सदस्य बना)
(8) लाओस (1997 में सदस्य बना)
(9) म्यानमार (1997 में सदस्य बना)
(10) कंबोडिया (1999 में सदस्य बना)
आसियान का मुख्यालय या सचिवालय- जकार्ता (इंडोनेशिया)
आधिकारिक भाषाएं- 10
कार्यकारी भाषा- अंग्रेजी
राष्ट्र वाक्य- एक दृष्टि, एक पहचान, एक समुदाय (One vision, One Identity, One Community)
गान- ‘द आसियान वे’
ध्वज- नीली पृष्ठभूमि में सफेद परिधि वाला लाल रंग का वृत्त है, जिसमें आसियान का प्रतीक पीले रंग के 10 चावल के डंठल है|
आसियान चार्टर-
आसियान चार्टर 15 दिसंबर 2008 को लागू किया गया|
इसके चार्टर में कुल 55 अनुच्छेद है|
भारत व आसियान-
आसियान के साथ संबंधों को बढ़ावा देना भारत की लुक ईस्ट पॉलिसी का महत्वपूर्ण आयाम है|
लुक ईस्ट पॉलिसी (पूरब की ओर से देखो नीति) 1992 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव द्वारा अपनायी गयी| इस नीति का मुख्य उद्देश्य दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के साथ सहयोग बढ़ाना था|
1992 के आसियान के चौथे शिखर सम्मेलन सिंगापुर में भारत को ‘क्षेत्रीय वार्ता साझेदार’ बनाया|
जुलाई 1995 के बैंकाक पांचवें शिखर सम्मेलन में भारत को ‘पूर्ण वार्ता साझेदार’ (Full Dialogue Partner) बनाया गया|
नवंबर 2001 में ब्रूनेई शिखर सम्मेलन में भारत के साथ नियमित शिखर बैठक करने का निर्णय लिया| भारत व आसियान की शिखर बैठक आसियान +1 प्रारूप पर होती है|
2002 से भारत-आसियान शिखर सम्मेलन का प्रारंभ हुआ|
नवंबर 2004 में नोमपेन्ह (कंबोडिया) में संपन्न आठवें शिखर सम्मेलन में भारत को आसियान +3 (जापान, चीन, दक्षिण कोरिया) के समक्ष दर्जा प्राप्त हुआ|
2009 में भारत-आसियान के मध्य मुक्त व्यापार समझौता वस्तुओं को लेकर हुआ|
2012 में भारत-आसियान के मध्य रणनीतिक-भागीदारी समझौता हुआ तथा भारत को रणनीतिक साझेदार का दर्जा दिया गया
2014 में भारत और आसियान के मध्य सेवा और निवेश पर मुक्त व्यापार समझौता हुआ|
आसियान व भारत के बीच छठे दौरे की वार्ता को दिल्ली वार्ता कहते है जो 6-7 मार्च 2014 में संपन्न हुई|
आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति का केंद्र है|
आसियान- भारत शिखर सम्मेलन-
आसियान- भारत शिखर सम्मेलन दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संगठन आसियान और भारत के बीच होने वाली एक महत्वपूर्ण वार्षिक बैठक है|
उद्देश्य- भारत और आसियान देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देना|
आसियान- भारत वस्तु व्यापार समझौता-
2009 में भारत और आसियान के बीच वस्तुओं पर मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर हुए, जो 2010 में लागू हुआ|
2014 में भारत और आसियान के मध्य सेवा और निवेश पर मुक्त व्यापार समझौता हुआ|
भारत और आसियान के बीच एफटीए को आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौता (AITGA) के रूप में भी जाना जाता है|
2024 के शिखर सम्मेलन के तहत दोनों पक्षों ने ‘आसियान-भारत फंड’ की स्थापना की, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय विकास परियोजनाओं को वित्तपोषण प्रदान करना है तथा शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और कृषि जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना है|
एक्ट ईस्ट नीति-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा आधारभूत संरचना के बेहतर विकास के लिए आसियान देशों के साथ संबंधों को सुदृढ़ करने के लिए पूर्व की ओर देखो नीति (1992) के स्थान पर एक्ट ईस्ट पॉलिसी का निर्माण 2014 में किया, जिसमें दक्षिणी कोरिया, जापान जैसे पूर्व में स्थित देशों के साथ संबंधों को बेहतर करने के लिए रणनीति अपनाई|
1992 से लागू लुक ईस्ट नीति को गतिशील और व्यापक बनाने के उद्देश्य से लुक ईस्ट नीति का नामकरण 2014 में एक्ट ईस्ट नीति के रूप में किया गया|
21वां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन व 19वां पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन प्रतिवर्ष होता है, लेकिन 2024 का शिखर सम्मेलन 2014 की एक्ट ईस्ट नीति के 10 वर्ष पूरे होने पर विशेष मायने रखता है|
एक्ट ईस्ट नीति के तहत भारत ने व्यापार, सैन्य और सांस्कृतिक कार्यक्षेत्रों में दक्षिण पूर्वी एशिया (आसियान के 10 सदस्य देश), उत्तरी-पूर्वी एशिया (जापान, कोरिया और मंगोलिया), ओशनिया (ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और प्रशांत द्वीपीय देशों) के साथ संबंधों को प्रगाढ बनाया है|
Social Plugin