Q : जॉन स्टूअर्ट मिल ने स्वतंत्रता के संदर्भ में सभी मानवीय कार्यों का विभाजन किस प्रकार किया है?
- स्व-संबंधित एवं पर संबंधित 
- प्रभावात्मक एवं निष्प्रभावात्मक 
- धार्मिक व नास्तिक 
- उपर्युक्त में से कोई नहीं 
Correct: (A) स्व-संबंधित एवं पर संबंधित
SOLUTIONS:
- मिल व्यक्ति के कार्य को दो भागों में बांटता है- 
- स्व विषयक कार्य 
- पर विषयक कार्य 
- स्व विषयक कार्य- 
- स्व विषयक कार्यों के संदर्भ में जे एस मिल का वैयक्तिकता का सिद्धांत है| 
- ऐसे कार्य जिनका प्रभाव केवल स्वयं व्यक्ति पर पड़ता है| जैसे- कपड़े पहनना, शिक्षा प्राप्त करना, सिगरेट पीना, धार्मिक कार्य आदि| 
- स्व विषयक कार्यों में राज्य का किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए| 
- स्व विषयक कार्यों पर सभी प्रकार के बंधनों का अभाव होना चाहिए| 
- वैयक्तिकता का सिद्धांत- मिल के अनुसार स्वतंत्रता का अंतिम उद्देश्य वैयक्तिकता की प्राप्ति है, बौद्धिक और नैतिक व्यक्तित्व का निर्माण ही स्वतंत्रता का परम लक्ष्य है| 
- पर विषयक या पर संबंधी कार्य (हानि का सिद्धांत)- 
- वे कार्य जिनसे समाज व अन्य व्यक्ति प्रभावित होते हैं| अर्थात अन्य व्यक्तियों को हानि पहुंचती हो, इसे हानि का सिद्धांत भी कहा जाता है 
- ऐसे कार्यों में राज्य हस्तक्षेप कर सकता है, क्योंकि ऐसे कार्य दूसरे की स्वतंत्रता में बाधा पहुंचा सकते हैं| 
- राज्य, पर संबंधी कार्यों पर युक्तियुक्त प्रतिबंध लगा सकता है, अर्थात व्यक्ति के पर विषयक कार्यों पर प्राधिकार (Authority) की सीमा होनी चाहिए| 
- स्वतंत्रता का पूर्व सत्यापित सिद्धांत (Presumption of Liberty)- मिल ने स्वतंत्रता की संकल्पना को अभीष्ट सत्य के रूप में स्वीकार किया है, जिसे सत्य सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि पूर्व सत्यापित है| 
C B मेकफरसन ने मिल की स्वतंत्रता को विकासजनक स्वतंत्रता की संज्ञा दी है, जो बौद्धिकता के निर्माण और संवर्धन के लिए आवश्यक है|
 
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