अरस्तु की शिक्षण संस्थान-
नाम- लिसियम/ लाइसियम(Lyceum)
335 ईसा पूर्व में एथेंस लौटने के बाद अरस्तु ने लिसियम/ लाइसियम नामक शिक्षण संस्थान की स्थापना|
लिसियम में विशेष रुप से दर्शनशास्त्र को पढ़ाया जाता था| दर्शनशास्त्र के अलावा जीव विज्ञान तथा प्राकृतिक विज्ञान को भी पढ़ाया जाता था|
अरस्तु 12 वर्षों तक लिसियम का प्रधान रहा|
एथेंस में लिसियम/ लाइसियम का स्थान 4 बड़े दार्शनिक विश्वविद्यालयों में दूसरा था|
अरस्तु को सिकंदर की सहायता मिलती रही थी, सिकंदर ने 800 बुद्धिमान लोगों को अरस्तु की सहायता के लिए लगा रखा था|
328 ईसा पूर्व में सिकंदर ने अरस्तु के भतीजे कैलिस्टनीज की हत्या करा दी थी, जिससे लिसियम में सिकंदर विरोधी वातावरण उत्पन्न हो गया था|
323 ईसा पूर्व में सिकंदर की मृत्यु हो गई| सिकंदर ने चिरोनिया के युद्ध (338 ईसा पूर्व) में विजय के बाद एथेंस पर नियंत्रण स्थापित कर लिया था, इसलिए एथेंसवासी सिकंदर से नाराज थे|
सिकंदर की मृत्यु के बाद अरस्तु को एथेंसवासी विरोधियों के षड्यंत्र (विरोधी एथेंसवासी अरस्तु पर देवों का अपमान अभियोग लगाने की तैयारी में थे) का सामना करना पड़ा, इसलिए वह एथेंस से भागकर कैलियस (chelies) चला गया|
323 ईसा पूर्व में लिसियम या एथेंस से भागते हुए अरस्तु ने कहा कि “मैं एथेंस वासियों को दर्शन के विरुद्ध दूसरी बार अपराध करने का अवसर नहीं दूंगा|”
अरस्तु की प्रमुख दिलचस्पी मानव व्यवहार, राजनीतिक संस्थाओं, संविधान, राजनीतिक स्थिरता के कारकों में थी|
जहां प्लेटो आदर्शवादी और मूलगामी थे, जबकि अरस्तु वास्तविकतावादी और उदार थे|
विवाह- अरस्तु का विवाह 344 ईसा पूर्व हर्मियस या हिप्पीयस की बहन या भतीजी पिथियास से हुआ|
अरस्तु ने राजनीति शास्त्र को नीति शास्त्र से पृथक कर उसे स्वतंत्र रूप प्रदान किया|
डनिंग “राजनीतिक सिद्धांतों के इतिहास में अरस्तु का सर्वप्रमुख महत्व इस तथ्य में है कि उसने राजनीति को एक स्वतंत्र विज्ञान का स्वरूप प्रदान किया है|”
डनिंग “पश्चिमी जगत में राजनीति विज्ञान अरस्तु से ही प्रारंभ होता है|”
फॉस्टर “मानव इतिहास में संभवत अरस्तु की बौद्धिक उच्चता के समान कोई दूसरा नहीं है|”
दांते ने अरस्तु को बुद्धिमान वैज्ञानिकों का गुरु कहा है|
कैटलिन “कन्फ्यूशियस के बाद अरस्तु सामान्य ज्ञान और मध्यम मार्ग का सबसे बड़ा प्रतिपादक है|”
कैटलिन ने अरस्तु को विद्या का महानतम और प्रथम सर्वज्ञानी कहा है|
द्यूरान्त “अरस्तु को वैज्ञानिक दिमाग विकसित करने का हर मौका मिला, जिससे विज्ञान के जन्मदाता बन सके|”
हैकर “यदि प्लेटो प्रथम राजनीतिक दार्शनिक होने का दावा कर सकते हैं, तो बिना शक के अरस्तु प्रथम राजनीतिक वैज्ञानिक है|”
मृत्यु- 322 ईसा पूर्व में कैलियस (chelies) में अरस्तु की मृत्यु हो गई|
डायगनिस लार्टियस का कहना है कि इस वृद्ध दार्शनिक ने एकदम निराश होकर विषपान द्वारा आत्महत्या कर ली थी|
अरस्तु द्वारा राजनीतिशास्त्र को सर्वोच्च विज्ञान या परम विद्या कहने का कारण-
अरस्तु के अनुसार राजनीति शास्त्र का सरोकार मानव जीवन के साध्य से है, जबकि अन्य विज्ञान इसके लिए केवल उपयुक्त साधन प्रदान करते हैं|
मनुष्य सदजीवन की प्राप्ति के लिए राजनीतिक समुदाय के रूप में रहते हैं वे सदजीवन की प्राप्ति के लिए जो-जो करते हैं, जो-जो नियम, संस्थाएं और संगठन बनाते हैं, उन सब का अध्ययन राजनीति शास्त्र के विचार क्षेत्र में आता है|
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