अरस्तु की रचनाएं-
फॉस्टर “अरस्तु की महानता उसके जीवन में नहीं, किंतु उसकी रचनाओं में प्रदर्शित होती है|”
कैटलिन “अरस्तु विद्या का सर्वश्रेष्ठ एवं प्रथम विश्वकोशी था|”
अरस्तु ने कला, खगोलशास्त्र. जीव विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, रसायन शास्त्र, संवैधानिक इतिहास, ज्ञान शास्त्र, नीति शास्त्र, बौद्धिक इतिहास, भाषा, कानून, तर्क, गणित, यांत्रिकी, पराभौतिकी, प्राकृतिक इतिहास, शरीर शास्त्र, राजनीति शास्त्र, मनोविज्ञान और प्राणी विज्ञान पर रचनाएं लिखी| तथा गति, स्थान और काल पर व्यापक शोध कार्य किया|
डायगनिस लार्टियस ने अरस्तु की रचनाओं की संख्या 400 बताई है |
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने अरस्तु के समूचे ग्रंथ संग्रह को 3500 पृष्ठ व 12 भागों में प्रकाशन किया है|
प्रमुख ग्रंथ-
राजनीति पर- Politics, The Constitution
साहित्य पर- Eademus or Soul, Protepicus, Poetics, Rhetoric
तर्कशास्त्र व दर्शन पर- Physics, De Anima (मनोविज्ञान से सम्बंधित), The Prior Metaphysics, Categories, Interpretation, The Posterior Analytics, TheTopics
भौतिक विज्ञान पर- Meteorology
शरीर विज्ञान पर- Histories of Animals
नीति शास्त्र पर- Nicomachus Ethics, उडेनियन एथिक्स या ऑन द सोल
The Politics-
इसका मुख्य विषय नगर- राज्य (पोलिस) है|
इसमें राज्य के उदय और स्वभाव, आदर्श राज्य और उसके संविधान और नागरिकता इत्यादि पर विचार किया गया है|
The Constitution-
इसमें 158 संविधानो का तुलनात्मक अध्ययन है| संविधानो में प्रमुखत: एथेंस का संविधान है| वर्तमान में एकमात्र एथेंस का संविधान ही उपलब्ध है|
Nicomachus Ethics व उडेनियन एथिक्स-
Nicomachus Ethics में मानव आत्मा के अध्ययन पर जोर दिया गया है| आत्मा की अमरता उडेनियन एथिक्स का केंद्र है| अरस्तु ने आत्मा को प्राकृतिक और शरीर से अलग बताया है और यह विश्वास प्रकट किया है कि मृतकों का अस्तित्व जीवितो से बेहतर होता है|
इन दोनों कृतियों में व्यक्तिगत खुशी पर विचार किया है, जबकि द पॉलिटिक्स में राज्य को खुशी का स्त्रोत बताया है|
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