प्लेटो के दर्शन का आलोचनात्मक मूल्यांकन-
प्लेटो साम्राज्य विस्तार का विरोधी, प्रजातंत्र का आलोचक, दास प्रथा की उपेक्षा करने वाला, व्यापारवाद का शत्रु तथा स्पार्टा के सैनिकवाद का समर्थक था|
नेटलशिप “राजनीतिक चिंतन के संपूर्ण इतिहास में और किसी विचारक की इतनी प्रशंसा, पूजा और आलोचना नहीं हुई जितनी की प्लेटों की|”
नेटलशिप “रिपब्लिक को न सिर्फ एक दार्शनिक रचना, बल्कि सामाजिक एवं राजनीतिक सुधारों संबंधी रचना भी माना जा सकता है|”
थॉर्सन “जहां प्लेटो के भारी संख्या में प्रशंसक थे, वही उनके आलोचक भी बहुत थे| उनके सबसे हाल के आलोचक बीसवीं सदी के उदारपंथी परंपरा में पाए जाते हैं|”
रिपब्लिक में सामाजिक न्याय के संदर्भ में जीवन के स्वरूप, मानवीय स्वभाव, राजनीतिक संगठन, संविधान, उचित किस्म के शासकों और ज्ञान के अर्थ जैसी समस्याओं पर विचार किया गया है|
प्लेटो के अनुसार राजनीतिक समुदाय को अपने नागरिकों की भलाई पर विचार करना चाहिए|
प्लेटो के मत में राजनीतिक नेताओं को औसत आदमी को अच्छाई के विचार में प्रशिक्षित करना था|
प्लेटो के मत में शिक्षा या यूजेनिम्स व्यक्ति की क्षमता को प्रदर्शित करती है और अच्छे व्यक्तियों के गुणों को बाद की पीढ़ी में पहुंचाती है| लेकिन कार्ल पॉपर आलोचना करते हुए कहते हैं कि “यूजेनिम्स का उद्देश्य यह दर्शाना था कि कम लोग ज्यादा लोगों से बेहतर है| इस प्रकार इसमें जातीयता की झलक मिलती है|”
प्लेटो प्रथम व्यक्ति थे, जिन्होंने स्त्रियों को शासक बनने की इजाजत दी थी तथा प्लेटो ने पहली बार स्त्रियों की शक्ति को समाज के विकास में लगाकर यौन भेदभाव का विरोध किया|
प्लेटो के दर्शन की आलोचनाएं-
अरस्तु- प्लेटो का शिष्य अरस्तु प्लेटो के दर्शन का सबसे पहला और महत्वपूर्ण आलोचक था| अरस्तु ने प्लेटो के राज्य की अत्यधिक एकता, संपत्ति व परिवार के साम्यवाद की, प्लेटों के राज्य सिद्धांत की आलोचना की है|
कार्ल पॉपर- कार्ल पॉपर ने अपनी पुस्तक ‘Open society and its enemies’ में प्लेटों को खुले समाज का शत्रु और बंद समाज का समर्थक कहा है| तथा प्लेटों को सर्वाधिकारवाद का दार्शनिक प्रणेता कहा है|
क्रॉसमैन भी प्लेटो का आलोचक रहा है, इनकी पुस्तक प्लेटो टुडे (Plato today) है| क्रॉसमैंन ने कहा है कि “प्लेटो हमारे व अपने दोनों ही समय के लिए गलत था|”
क्रॉसमैन “प्लेटो का आदर्श राज्य तर्कपूर्ण रूप से सामान्य व्यक्तियों का लोकतंत्र नहीं है, बल्कि सुसंस्कृत लोगों के अनुवांशिक वर्ग का कुलीनतंत्र है, जो पितृसम्मत उदारता से मेहनतकश लोगों के प्रति चिंता प्रकट करते हैं|”
जे जे चैपमैन “प्लेटो एंद्रजालिको का राजकुमार है|”
मैक्सी “प्लेटो पहला काल्पनिक (Utopian) विचारक था|”
बार्कर “प्लेटो का दार्शनिक शासक प्रबुद्ध निरंकुशतावादी या विवेकशील अधिनायकवादी है|”
फ्रांसीसी विचारक वाल्टेयर और जर्मन विचारक फ्रेडरिक विल्हेम नीत्शे ने प्लेटोवाद को ईसाईवाद का बौद्धिक पहलू बताया है|
टॉयनबी ने प्लेटो को प्रतिक्रियावादी, अमानवीय व संकुचित दृष्टि वाला बताया है|
इसाह बर्लिन ने अपनी रचना Historical Inevitability(1954) मे प्लेटो के इतिहासवाद की आलोचना की है तथा प्लेटो को इच्छा की स्वतंत्रता, बहुलवाद व व्यक्तिवाद का विरोधी बताया है| इनके अनुसार प्लेटो व्यक्ति के अखंड मुक्ति का अधिकार स्वीकार नहीं करता है|
विंस्पायर प्लेटो की योजना को प्रतिक्रियावादी, तानाशाह द्वारा बल प्रयोग की योजना बताता है|
सिनक्लेयर “मानव जाति का प्लेटो द्वारा मूल्यांकन अविश्वसनीय रूप से निम्न और उतने ही अविश्वसनीय रूप से उच्च है| निम्न की बुद्धिमता और अन्य की मूर्खता के बीच मानव जाति कभी भी इतनी पूज्य या इतनी तिरस्कृत न थी|”
कार्ल पॉपर “मेरा विश्वास है कि प्लेटो का राजनीतिक कार्यक्रम निरंकुशता की तुलना में नैतिक रूप से बेहतर होने के बजाय मूल रूप से उससे मिलता-जुलता है| मेरा विश्वास है कि इस विचार के प्रति आपत्तियां प्लेटो को पूज्य बनाने के गहन और पुरातन पूर्वाग्रहों पर आधारित है|”
फिटे “प्लेटो नागरिकों की खुशी और आत्मविकास के लिए अनुसंधान कर रहे थे, लेकिन वास्तव में वे एक छोटे से दल की रक्षा में लगे हुए थे, जो विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग का मात्र 1 फ़ीसदी था|”
हन्ना आरेण्ट “प्लेटो फासीवाद का दार्शनिक प्रेरक है|”
कार्ल पॉपर
कार्ल पॉपर प्रसिद्ध ऑस्ट्रीयाई-ब्रिटिश दार्शनिक व प्रोफेसर हैं| कार्ल पॉपर ने अपनी पुस्तक ‘Open society and its enemies’ 1945 में प्लेटो, हेगेल, कार्ल मार्क्स को खुले समाज का शत्रु बताया है|
कार्ल पॉपर ने संपूर्ण क्रांतिकारी परिवर्तनों (Radical changes) की बजाय धीमे खंडश: विकासवादी परिवर्तनों (Piecemeal social engineering) की सलाह दी है|
कार्ल पॉपर “पश्चिमी चिंतन या तो प्लेटोवादी रहा है या प्लेटो विरोधी लेकिन शायद ही कभी गैर प्लेटोवादी रहा हो|”
प्लेटो के दर्शन का महत्व-
बेंजामिन जावेट प्लेटो को दर्शनशास्त्र, राजनीति शास्त्र और आदर्शवाद का जनक कहते हैं|
मैक्सी “लगभग 24 शताब्दियों बीत जाने के बाद भी प्लेटो की रचनाएं वर्तमान समय में भी पूर्ण सम्मान व आदर्श के साथ पढ़ी जाती हैं, किसी विचारक की महता का इससे अधिक प्रबल प्रमाण नहीं मिल सकता है|”
रसैल “प्लेटो का आदर्श राज्य वर्तमान कल्पना प्रधान राज्यों के समान काल्पनिक नहीं था, उसका उद्देश्य उसे वास्तविक रूप में स्थापित करना था|”
इमरसन “प्लेटो दर्शन है व दर्शन प्लेटो है, क्योंकि विचारशील लोगों द्वारा जो कुछ लिखा जा रहा है और चर्चा में है वह सब प्लेटो से ही आ रहा है| हमारी पुस्तकों को छोड़ बाकि सभी पुस्तकें जला दीजिए कोई हर्ज नहीं है|”
निस्बेट “प्लेटो के चिंतन का झुकाव समुदाय के कल्याण और विकास की ओर था| व्यक्ति विरोधी होने के बावजूद भी उन्होंने न्याय, संरक्षण, आजादी, अनिश्चितता और अज्ञान के संदर्भ में व्यक्ति का जोरदार समर्थन किया|”
व्हाइट हेड “संपूर्ण यूरोपीय दार्शनिक परंपरा और कुछ नहीं है, प्लेटो और अरस्तू की रचनाओं के फुटनोट मात्र है|”
प्लेटो से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य/ कथन-
उच्च शिक्षा (20-35 वर्ष की शिक्षा) के प्रथम भाग को ‘Quadrivium’ कहा गया व द्वितीय भाग को ‘Trivium’ कहा गया है|
एलेनचोस (Elenchos)- द्वंद्वात्मक पद्धति में प्रश्नोत्तरी के माध्यम से अवधारणाओं का जो स्पष्टीकरण किया जाता था, उसे एलेनचोस कहा जाता था|
Ideal Typology State (नैतिक दृष्टि से उत्कृष्ट राज्य)- प्लेटो आदर्श राज्य के लिए इस शब्द का प्रयोग करता है|
प्रोफेसर डनिंग ने प्लेटो के आदर्श राज्य को कोरी कल्पना कहा है तथा आदर्श राज्य को ‘Romance’ नाम दिया है|
सेबाइन “आदर्श राज्य प्लेटो की सर्वाधिक मूल्यवान खोज है|”
बार्कर “रिपब्लिक का आदर्श राज्य ऐसा राज्य है जिसका कहीं अस्तित्व ही नहीं है|”
मेकलवेन “प्लेटो ने लोकतंत्र की अतिवादी प्रवृत्ति से घृणा की है ना कि सामान्य लोकतंत्र से|”
कैटलिन के अनुसार प्लेटो, मार्क्सवादी साम्यवादी नहीं है|
सेबाइन के अनुसार “प्लेटो ने अक्षमता को लोकतांत्रिक राज्यों का विशेष गुण माना है|”
बार्कर के अनुसार “न्याय प्लेटो के विचार का मूल आधार रहा है|”
मैक्सी “यदि प्लेटो आज जीवित होता तो लालो (साम्यवादी विचारधारा) से भी अधिक लाल (साम्यवादी) होता|
लियो स्ट्रास “आदर्शवाद रिपब्लिक की सबसे बड़ी आलोचना है|”
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