Ad Code

जॉन लॉक का स्त्री संबंधी विचार/ संप्रभुता संबंधी विचार / सहमति संबंधी विचार || John Locke's views on woman / views on sovereignty / views on consent || By Nirban P K Yadav Sir || In Hindi

     स्त्री संबंधी विचार-

    • जहां हॉब्स पितृसत्तात्मकता की ओर झुके हुए हैं, वही लॉक स्त्री को ज्यादा अधिकार व समानता का दर्जा देते हैं| 

    • बटलर ने लिखा है कि “स्त्रियों की ओर हमदर्दी रखने के कारण लॉक को आरंभिक स्त्रीवादी माना गया है, जो पितृसत्ता का दुश्मन है|



    संप्रभुता संबंधी विचार-

    • जॉन लॉक सीमित संप्रभुता के समर्थक हैं| 

    • लॉक संप्रभुता के लिए All Supreme Power (सर्वोच्च सत्ता) शब्द का प्रयोग करते हैं|

    • लॉक प्रभुसत्ता के दो प्रकार बताता है-

    1. निन्द्रित प्रभुसत्ता- समुदाय या नागरिक समाज के पास

    2. जाग्रत प्रभुसत्ता- राजा के पास


    • बार्कर का मत है कि लॉक के राजनीतिक सिद्धांत में कम से कम 4 संप्रभु हैं-

    1. लोगों का समुदाय

    2. विधायिका

    3. समुदाय द्वारा नियुक्त प्रतिनिधियों की संस्था

    4. कार्यपालिका द्वारा अपनी शक्तियों का किसी एक व्यक्ति में निहित कर देना|



    सहमति संबंधी विचार-

    • लॉक के मत में समझौते द्वारा निर्मित नागरिक समाज व सरकार जन सहमति पर आधारित है| 

    • लॉक दो प्रकार की सहमति बताता है-

    1. प्रत्यक्ष सहमति-

    • यह राज्य या नागरिक समाज के निर्माण के समय दी गई सहमति है तथा उसके बाद व्यस्क होने पर लोग नागरिक समाज में शामिल होने के लिए नागरिक समाज के प्रति निष्ठा की शपथ लेते हैं| 


    1. अप्रत्यक्ष सहमति-

    • राज्य की संपत्ति, पदाधिकार व कानूनों के प्रति लोगों की वफादारी अप्रत्यक्ष सहमति है, जिसमें शपथ या घोषणा की आवश्यकता नहीं होती है|

    Close Menu