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जॉन लॉक का मूल्यांकन/ Evaluation of John Locke || By Nirban P K Yadav Sir || In Hindi

     जॉन लॉक का मूल्यांकन

    1. लॉक की त्रुटियां- लॉक के दर्शन की निम्न त्रुटियां हैं-

    1. ड्राइवर के शब्दों मेंलॉक फ्रांसीसी दार्शनिक डेकार्टे का दार्शनिक दृष्टिकोण, वैज्ञानिकों की प्रयोगात्मक पद्धति, तथा शैफ्टसबरी और व्यवहारिक राजनीति से ग्रहण की गई उपयोगितावादी अनुभूतिवाद को एक क्रियाशील धारणा में समन्वित करने की चेष्टा कर रहा था| इस प्रयत्न में उसके दर्शन में जटिलता और असंगति का समावेश हो गया|”

    2. लॉक मानव के एक पक्ष (सकारात्मक पक्ष) को ही प्रधानता देता है|

    3. लॉक समाज की प्रधानता और व्यक्ति की प्रधानता में सामंजस्य नहीं कर पाता है|

    4. समाज और राज्य के बीच अंतर स्पष्ट करने में लॉक असमर्थ है| 



    1. प्राकृतिक अधिकारों के सिद्धांत का जनक-  

    • जॉन लॉक को प्राकृतिक अधिकार सिद्धांत का जनक माना जाता है| इस सिद्धांत के अनुसार अधिकार प्रकृति की देन है| अधिकार राज्य या विधि की देन नहीं है| अधिकारों का अस्तित्व राज्य से पूर्व था|

    • बेंथम लॉक के प्राकृतिक अधिकार सिद्धांत का आलोचक है| बेंथम ने प्राकृतिक अधिकारों को अलंकृत या कोरी बकवास कहा है, क्योंकि राज्य व सरकार से पूर्व अधिकार काल्पनिक बकवास है|


    1. लॉक का महत्व और प्रभाव- उपरोक्त कमियों के बावजूद भी लॉक के सिद्धांत का महत्व निम्न है-

    1. फ्रांस (1789) व अमेरिका (1776) की जनक्रांतियो पर लॉक का प्रभाव पड़ा है| प्रो.सेबाइन के अनुसार “लॉक के दर्शन का सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि उसने अमेरिका और फ्रांस में 18 वीं शताब्दी के अंत में होने वाली क्रांतियों के लिए विचार-पृष्ठभूमि तैयार की थी|”

    2. लॉक ने ‘बहुमत के शासन’ पर बल दिया है|

    3. कार्यपालिका को व्यवस्थापिका के अधीन करके संवैधानिक शासन का समर्थन करता है|

    4. लॉक के अनुभववाद का प्रभाव बर्कले, ह्यूम और मांटेस्क्यू पर पड़ा|

    5. लॉक इंग्लैंड की गौरवपूर्ण क्रांति के चिंतक हैं| अधिकतर विचारक लॉक को गौरवपूर्ण क्रांति का समर्थक मानते हैं, वहीं अमेरिकी विचारक रिचर्ड एशक्राफ्ट लॉक को इस क्रांति का समर्थक नहीं मानता| 

    6. लॉक पूंजीवादी दर्शन के प्रणेता माने जाते हैं| 

    7. लॉक अनुभववाद के पिता माने जाते हैं| 

    8. लॉक सीमित सरकार व सीमित संप्रभुता के प्रणेता माने जाते हैं|

    9. जॉन रॉल्स ने जॉन लॉक के सामाजिक समझौते सिद्धांत के आधार पर अपने न्याय के सिद्धांत का प्रतिपादन किया तथा रॉबर्ट नॉजिक ने भी लॉक के सामाजिक समझौते के अनुरूप सरकार को एक ट्रस्ट माना है|



    लॉक से संबंधित कुछ अन्य तथ्य-

    • सी बी मैकफ़र्सन ने जॉन लॉक को स्वत्वमूलक व्यक्तिवादी, बुर्जुआ तानाशाही का प्रवक्ता व पूंजीवादी भावना का प्रतिनिधि कहा है|


    स्वत्वमूलक व्यक्तिवाद का तात्पर्य है कि- संपत्ति, लाभ, पद, सम्मान आदि का समाज में बंटवारा ‘योग्यता व क्षमता’ के आधार पर होना चाहिए| स्वत्वमूलक व्यक्तिवाद आवश्यकता आधारित समाजवाद की बजाय, योग्यता आधारित उदारवाद का समर्थक है|

    सी बी मैकफ़र्सन ने अपनी पुस्तक The Political Theory of Possessive Individualism: Hobbes to locke 1962 ‘(स्वत्वमूलक व्यक्तिवाद का राजनीतिक सिद्धांत: हॉब्स से लॉक’) पुस्तक में थॉमस हॉब्स व लॉक को स्वत्वमूलक व्यक्तिवाद व पूंजीवाद का समर्थक कहा है|


    • वुड ने लॉक को कृषि पूंजीवाद का प्रवक्ता कहा है|

    • बट्रेंड रसैल ने कहा है कि “जॉन लॉक के उत्तराधिकारी, प्रथम बर्कले व ह्यूम है, दितीय वे फ्रेंच दार्शनिक है, जो रूसो के स्कूल से नहीं हैं, तृतीय बेंथम व आमूल परिवर्तनवादी दार्शनिक हैं, चतुर्थ प्रमुख यूरोपीय भूखंड का दर्शन, कार्ल मार्क्स और उनके शिष्य हैं|”

    • स्वयं लॉक ने बार-बार ट्रस्ट शब्द का प्रयोग किया है, न कि समझौते का| 

    • लास्की का मत है कि “लॉक का राज्य संप्रभु नहीं है, क्योंकि इस राज्य का अर्थ उस समुदाय से है जिसका निर्माण व्यक्ति उसी समुदाय के साथ समझौता करके पूरा हो सकता है|”

    • लास्की के अनुसार लॉक ने राज्य को एक विशाल मर्यादित अर्थभार वाली कंपनी माना है|

    • बार्कर के अनुसार लॉक के सिद्धांत में अंतिम शक्ति प्राकृतिक कानून ही है, जो अनिश्चित और नैतिक गुणों की पोषक है|

    • लॉक का मत है कि हॉब्स के व्यक्ति के मस्तिष्क की कोठरी (Closet) का प्रत्येक दरवाजा हिंसक मृत्यु के भय से टूट पड़ा था|

    • सिबली के मत में लॉक का व्यक्ति काफी सीमा तक बौद्धिक दृष्टि से जिज्ञासु है और मूलतः अर्धसामाजिक है|

    • प्लेमेनात्ज के अनुसार लॉक हमारे युग के महान उदारवादियों में प्रथम है|

    • वाहन के अनुसार लॉक का संप्रभुता से संबंधित कोई सिद्धांत है ही नहीं, नागरिक सरकार का वास्तविक  शासक व्यक्ति है|

    • बार्कर के अनुसार लॉक के सामने संप्रभुता की प्रकृति का कोई चित्र नहीं है|

    • पीटर लॉसलेट “लॉक न तो व्हिग है और ना ही गौरवपूर्ण क्रांति का समर्थक है|

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