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धर्म संबंधी लॉक के विचार/ क्रांति के अधिकार संबंधी लॉक के विचार / Locke's views on religion / Locke's views on the right to revolution || By Nirban PK Yadav Sir

     धर्म संबंधी लॉक के विचार-

    • लॉक ने अपने ग्रंथ ‘Letters On Toleration’ में धर्म संबंधी विचारों का उल्लेख किया है| लॉक धर्म के मामलों में ‘साहिष्गुणता’ का समर्थन करता है|

    • लॉक के मत में धर्म व्यैक्तिक वस्तु है, जिससे राज्य का तब तक कोई मतलब नहीं है जब तक धार्मिक गिरोह अव्यवस्था उत्पन्न न करें|

    • राज्य को धार्मिक मामलों में अनुचित हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए|

    • लॉक के धार्मिक विचार आधुनिक धर्मनिरपेक्ष अवधारणा से साम्यता रखते हैं| 



    क्रांति के अधिकार संबंधी लॉक के विचार-

    • लॉक छीनने (Usurpation) को विजय (Conquest) जैसा ही मानता है और यही विचार उसके क्रांति सिद्धांत की कुंजी है|

    • लॉक “विजय विदेशियों से छीनना है और छीनना घरेलू विजय है|”

    • लॉक के मत में यदि राजा किसी का कुछ छीनता है, तो उसकी आज्ञा माने जाने का अधिकार स्वत: निरस्त हो जाता है|

    • लॉक के मत में यदि सरकार के तीनों अंग छीना-झपटी और अत्याचार का समर्थन करते हैं; तो वह सरकार ही नहीं है और राजनीतिक समाज उससे लड़ने के लिए स्वतंत्र है| 

    • इस प्रकार जब सरकार समझौते के अनुसार अपने उद्देश्य पूरे नहीं कर पाती है, तो लॉक जनता को सरकार के विरुद्ध विद्रोह और क्रांति का अधिकार देता है|


    • लॉक क्रांति करने के निम्न कारण बताता है-

    1. यदि सरकार को जन सहमति न प्राप्त हो|

    2. वह अपने न्यास या ट्रस्ट के विरुद्ध आचरण करें|

    3. वह वैधानिक शासन के स्थान पर निरंकुश आचरण करें|

    4. अपनी मर्यादाओं का पालन न करें, तो जनता को क्रांति करने का अधिकार है|


    • क्रांति करने पर केवल सरकार भंग होती है या बदलती है नागरिक समाज या राज्य बना रहता है|

    • लॉक क्रांति को Appeal to Heaven (स्वर्ग से अपील) यानी विरोध का अधिकार कहता है|

    • राजनीतिक समाज स्थायी है, क्योंकि यह समाज केवल विदेशी आक्रमण की स्थिति को छोड़कर कभी नष्ट नहीं होता है| 


    • लॉक क्रांति के अधिकार पर दो प्रतिबंध/ शर्तें लगाता है-

    1. जब तक सरकार अपने कर्तव्यों को पूरा करती है, तब तक क्रांति नहीं करनी चाहिए|

    2. केवल बहुसंख्यक लोग ही सरकार को पलट सकते हैं|


    Note- क्रांति पर बल देने के कारण लॉक को ‘क्रांतियों का दार्शनिक’ भी कहा जाता है|


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