गांधीजी के कथन-
“सृष्टि में एकमात्र सत्य की ही सत्ता है|”
“बिना अहिंसा के सत्य की खोज नामुमकिन है|”
“सत्याग्रह, सत्ता प्राप्त करने के लिए नहीं होता, बल्कि सत्ता को शुद्ध करने और उसका सदुपयोग करने के लिए होता है|”
“मैं अर्थविद्या और नीतिविद्या में कोई भेद नहीं करता|”
“स्वराज्य ब्रिटिश संसद का उपहार नहीं होगा, यह भारत की पूर्ण अभिव्यक्ति की घोषणा होगा|”
“मैं मिट्टी के एक कण से नई कांग्रेस खड़ी कर सकता हूं|”
“अहिंसा के साथ सत्याग्रह को मिला दे तो विश्व आपके कदमों में होगा|”
“मैं राजनीतिज्ञों में संत तथा संतों में राजनीतिज्ञ हूं|”
“अधिकांश धार्मिक व्यक्तियों, जिनसे मैं मिला हूं छदम वेश में राजनीतिक है, मैं राजनीति का चोला ओढ़े धार्मिक व्यक्ति हूँ|”
“गांधीवाद जैसी कोई चीज नहीं है|”
“मुझे मेरे दोस्तों चापलूसो, अनुयायियों से बचाना|”
“मैं कोलंबस और स्टीवेंसन की जाति का हूं, जो भयंकर से भयंकर कठिनाइयों के सामने भी आशावान बने रहते थे|”
गांधीजी से प्रभावित व्यक्ति-
मार्टिन लूथर किंग जूनियर
नेल्सन मंडेला
माइकल शूमाकर
अमेरिकी विचारक नोम चोम्स्की
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