UNSC में भारत की स्थायी सीट को अमेरिका, फ्रांस के साथ अब ब्रिटेन और ग्लोबल साउथ तथा C-10 का मिला समर्थन
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की 79 वी बैठक में सुरक्षा परिषद में सुधार व सदस्यों के विस्तार का मुद्दा मुख्य रहा|
इस बैठक में सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सीट को अमेरिका, फ्रांस के साथ ब्रिटेन और ग्लोबल साउथ तथा C-10 का भी समर्थन मिला है|
ग्लोबल साउथ के L-69 समूह सहित 10 प्रमुख देशों ने भारत की सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता का पुरजोर समर्थन किया है| इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस के साथ कई यूरोपीय, एशियाई और लैटिन अमेरिकी देश जैसे पुर्तगाल, मलेशिया, चिली, यूएई, ओमान और बहरीन शामिल है|
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की 79 वी बैठक में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाने का समर्थन किया| उन्होंने अफ्रीकी प्रतिनिधित्व, ब्राज़ील, जापान और जर्मनी को भी स्थायी सदस्य बनाने की बात कही|
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने कहा कि “सुरक्षा परिषद को और अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण बॉडी बनने के लिए बदलना होगा| यह ऐसा निकाय हो, जो कार्यवाही करने के लिए तैयार रहे, न कि राजनीति की वजह से पंगु बना रहे| UNSC में अफ्रीका को स्थायी प्रतिनिधित्व दिया जाए| इसके साथ ही भारत, जापान, ब्राजील और जर्मनी को भी स्थायी सदस्य बनाया जाना चाहिए| इसके साथ ही निर्वाचित सदस्यों के लिए और अधिक सीटे बढ़ानी चाहिए|”
इसके पहले अमेरिका और फ्रांस ने भी भारत को UNSC में स्थायी सदस्य के रूप में शामिल करने का समर्थन किया था|
G-4-
G-4 चार देशों का समूह है-
भारत
ब्राज़ील
जर्मनी
जापान
गठन- 2005
G-4 देश UNSC के स्थायी सदस्य बनने के इच्छुक हैं|
G-4 देश UNSC की स्थायी सदस्यता के लिये एक-दूसरे का समर्थन करते हैं|
G-4 राष्ट्र पारंपरिक रूप से उच्च स्तरीय संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सत्र के दौरान मिलते हैं|
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर, जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयर-डॉक, जापान के विदेश मंत्री योको कामिकावा और ब्राजील के विदेश मंत्री मौरो विएरा ने 23 सितंबर (भारत में 24 सितंबर) को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र के मौके पर मुलाकात की|
G-4 के सदस्य देशों ने भी संयुक्त वक्तव्य के जरिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तत्काल सुधार और स्थायी सदस्यता की मांग की है|
L-69-
यह विकासशील देशों का एक समूह है, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी और व्यापक सुधार को प्राप्त करने के सामान्य उद्देश्य से एकजुट है|
सदस्य- इसमें एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, कैरिबियन और प्रशांत (छोटे द्वीप विकासशील राज्यो) से 42 विकासशील देश (भारत सहित) शामिल हैं।
26 सितंबर 2024 को बैठक में L-69 समूह ने भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार पर बल दिया है|
C- 10-
C-10 समूह के देशों ने भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार पर बल दिया है|
यह अफ्रीकन यूनियन (AU) की 10 सदस्यीय समिति है|
यह दस अफ्रीकी राज्यों का एक समूह, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एजुल्विनी सर्वसम्मति का समर्थन करता है।
सुरक्षा परिषद सुधार पर अफ्रीकी संघ (AU) की आम स्थिति को एजुल्विनी सर्वसम्मति के रूप में जाना जाता है|
गठन- 2008
सदस्य- अल्जीरिया, इक्वेटोरियल गिनी, कांगो गणराज्य, केन्या, लीबिया, नामीबिया, सेनेगल, सिएरा लियोन, युगांडा और जांबिया|
AU (अफ्रीकन संघ)-
अफ्रीकी संघ (AU) एक महाद्वीपीय संघ है, जिसमें अफ्रीका महाद्वीप के 55 देश शामिल हैं|
गठन- 26 मई 2001 को अदीस अबाबा, इथियोपिया तथा 9 जुलाई 2002 को दक्षिण अफ्रीका में लॉन्च किया गया
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