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अरस्तु का सर्वोत्तम आदर्श राज्य/ Aristotle's ideal state || By Nirban P K Yadav Sir

 अरस्तु का सर्वोत्तम आदर्श राज्य (The Best Ideal State)-

  • अरस्तु ने पॉलिटिक्स की सातवीं व आठवीं पुस्तक में आदर्श राज्य का वर्णन किया है|

  • अरस्तु सर्वोत्तम आदर्श राज्य में आदर्श को व्यवहारिकता के साथ मिश्रित कर देता है|

  • अरस्तु के अनुसार सर्वोत्तम सविधान या राज्य तो मध्यम वर्ग को प्रधानता देने वाला संयत प्रजातंत्र (Polity) है, लेकिन इसका विकास सभी जगह संभव नहीं है| अतः अरस्तु सर्वोत्तम आदर्श राज्य की संकल्पना प्रस्तुत करता है|

  • अरस्तु आदर्श राज्य में कुछ विशेष परिस्थितियों का होना आवश्यक मानता है| सेबाइन के शब्दों में “अरस्तु आदर्श राज्य पर ही नहीं, बल्कि राज्य के आदर्शों पर पुस्तक लिखता है|”

  • प्लेटो का लॉज का उपादर्श राज्य तथा अरस्तु का आदर्श राज्य काफी मिलता-जुलता है| जैसे सेबाइन ने  कहा है कि “अरस्तु जिसे आदर्श राज्य मानता है, वह प्लेटो का उपादर्श या द्वितीय सर्वश्रेष्ठ राज्य है|”

  • प्रोफेसर हरमन “अरस्तु अपना संबंध काल्पनिक राज्य के विस्तृत निर्माण के बजाय अच्छे राज्य के आदर्शों से अधिक रखा है|”

  • सिनक्लेयर “राज्य के विषय में प्लेटो जहां (लॉज) छोड़ता है, अरस्तु वहां से प्रारंभ करता है|”


अरस्तु के सर्वोत्तम राज्य की विशेषताएं-

  1. जनसंख्या- प्लेटो की तरह अरस्तु जनसंख्या निर्धारित तो नहीं करता है, वह जनसंख्या के बारे में कहता है कि जनसंख्या न बहुत अधिक और न ही बहुत कम होनी चाहिए|


  1. प्रदेश/ भूमि- राज्य का क्षेत्र आवश्यकतानुसार होना चाहिए न तो अधिक बड़ा और न अधिक छोटा| भूमि समुद्र के पास होनी चाहिए| भूमि इतनी छोटी हो कि जिसे ऊंचे स्थान से देखी जा सके| भूमि ऐसे स्थान पर हो जहां स्थल और जल दोनों भागों से पहुंचा जा सके| भूमि दो भागों में बटी हुई हो-

  1. सार्वजनिक भूमि- पूजा गृह एवं राज्य उपयोगी भूमि|

  2. व्यक्तिगत भूमि- शेष भूमि


  1. जनता का चरित्र- आदर्श राज्य के नागरिकों का चरित्र यूनानी विशेषताओं के अनुरूप हो, जिसमें उत्तरी जातियों का साहस और एशियन लोगों के विवेक का मिश्रण हो|


  1. राज्य में आवश्यक वर्ग- अरस्तु के आदर्श राज्य में 6 प्रकार की आवश्यकताएं प्रमुख है तथा इन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए 6 वर्ग प्रमुख हैं-

 

आवश्यकता

वर्ग


1.भोजन

कृषक

नागरिक नहीं है|

2. कला-कौशल

शिल्पी

नागरिक नहीं है|

3. शस्त्र  

योद्धा

नागरिक है|

4.संपत्ति

संपत्तिशाली वर्ग

नागरिक है|

5. देव-पूजा

पुरोहित

नागरिक है|

6 सार्वजनिक हित

प्रशासक

नागरिक है|

 

  • Note- अरस्तु का सामाजिक वर्गीकरण आयु के अनुसार-

  1. युवावस्था- योद्धा

  2. प्रौढ़ावस्था- शासन कार्य

  3. वृद्धावस्था- देव पूजा अर्थात पुरोहित का कार्य 


  • अथार्त एक व्यक्ति ही विभिन्न अवस्था में विभिन्न कार्य करेगा|


  1. शिक्षा- राज्य का उद्देश्य शुभ जीवन की प्राप्ति है, जो शिक्षा के द्वारा ही प्राप्त हो सकता है| अरस्तु 0- 21 वर्ष की शिक्षा योजना बताता है|


  1. अन्य विशेषताएं-    

  • बाह्य आक्रमण से बचाव के लिए रक्षा के अच्छे साधन होने चाहिए|

  • पानी, सड़कों, किलो की राज्य में व्यवस्था हो|

  • आदर्श राज्य में शासन की 3 संस्थाएं हो-

  1. लोकप्रिय सभा- समस्त नागरिकों की सभा|

  2. मजिस्ट्रेटो की संस्था|

  3. न्यायपालिका|

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