प्लेटो व अरस्तु की तुलना-
फास्टर “प्लेटो का चिंतन अरस्तु पर इतना छाया हुआ है कि उसके अलावा शायद ही कोई ऐसा महान दार्शनिक हुआ हो जिस पर किसी दूसरे विचारक का चिंतन इस हद तक हावी हो, पर इस बात का मतलब यह नहीं है कि अरस्तु प्लेटो की हर बात से सहमत था|”
फ्रेडरिक सेलेगल “हम या तो प्लेटों के अनुयायी हो सकते हैं या अरस्तु के|” इसका अभिप्राय है कि दोनों महान विचारक दो ऐसी प्रथक विचारधाराओं का प्रतिनिधित्व करते हैं जो एक-दूसरे से बिलकुल भिन्न और विपरीत हैं|
मैक्सी “राजनीतिक चिंतन में जहां प्लेटो आदर्शवादियों, कल्पनावादियों, क्रांतिकारियों तथा स्वप्नलोकवादियों का जनक है, वहां अरस्तु यथार्थवादियों, विज्ञानवादियों, व्यवहारवादियों तथा उपयोगितावादियों का जनक है|”
विल ड्यूरान्त “दर्शन के प्रति झुकाव तथा स्नेह के कारण हमारे महत्वकांक्षी नवयुवक (अरस्तु) के मन में अपने आध्यात्मिक पिता के विरुद्ध एक प्रकार का विरोधाभास जागृत हो गया था और वह यह संकेत करने लगा था कि प्लेटो के साथ विवेक का अवसान न होगा, जबकि प्लेटो अपने शिष्य के विषय में कहने लगा था कि अरस्तु गधे के उस बच्चे की तरह है, जो अपनी मां का दूध पी लेने के बाद उसे लात मार देता है|”
फास्टर “अरस्तु सबसे बड़ा प्लेटोवादी है और प्लेटो का जितना गहरा प्रभाव उसके ऊपर पड़ा है उतना उसके अतिरिक्त शायद किसी भी दूसरे विचारक पर किसी दूसरे का प्रभाव नहीं पड़ा है|”
सेबाइन “अरस्तु के दार्शनिक लेखन का प्रत्येक पृष्ठ प्लेटों के साथ उसके संबंध का साक्षी है|”
डनिंग “प्लेटो के द्वारा जिन विचारों को सुझाव, संकेत या दृष्टांत के रूप में विकसित किया गया है, उन्हीं की विवेचना करने का कार्य अरस्तु ने किया है|”
बार्कर “पॉलिटिक्स में पूर्ण रूप से नई बात उतनी ही कम है जितनी मैग्नाकार्टा में है| इसमें कुछ भी नया नहीं है, दोनों का उद्देश्य पूर्ववर्ती विकास को संहिताबद्ध करना है| दूसरे शब्दों में ‘पॉलिटिक्स’ मुख्य रूप से ‘लॉज’ के विचारों का अनुसरण मात्र है|”
प्लेटो तथा अरस्तु के विचारों में समान तत्व-
प्लेटो तथा अरस्तु के विचारों में निम्न समान तत्व है-
दोनों यूनानी परिस्थितियों की उपज हैं|
दोनों के राजनीतिक विचारों का आधार नगर-राज्य है|
दोनों राज्य नियंत्रित शिक्षा पर बल देते हैं तथा शिक्षा के द्वारा नागरिकों के चरित्र को उन्नत करने पर बल देते हैं|
दोनों ही शारीरिक श्रम करने वालों की उपेक्षा करते हैं|
नैतिक जीवन में दोनों की गहरी आस्था है|
दोनों ही विचारको ने लोकतंत्र की कटु आलोचना की है|
दोनों ही विचारक कुलीनतंत्र के समर्थक हैं|
प्लेटो और अरस्तू के विचारों में असमान तत्व-
मैक्सी ने लिखा है कि “जहां प्लेटो अपनी कल्पना को उड़ान भरने देता है, वहां अरस्तु व्यवहारिक एवं सुस्त हैं, जहां प्लेटो बहुभाषी हैं, अरस्तु तथ्यगत है|”
प्लेटो तथा अरस्तु के विचारों में निम्न असमान तत्व है-
प्लेटो कल्पनावादी है, अरस्तु यथार्थवादी है| फ्रेडरिक पॉलक के अनुसार “प्लेटो गुब्बारे में बैठकर नए प्रदेश में घूमता हुआ कभी-कभी निहारिका के आवरण को चीर कर किसी दृश्य को अत्यंत स्पष्टता से देख सकता ,है किंतु अरस्तु एक श्रमजीवी उपनिवेशवादी की भांति उस क्षेत्र में जाता है और मार्ग का निर्माण करता है|”
प्लेटो की पद्धति निगमनात्मक है, अरस्तु की पद्धति आगमनात्मक है|
प्लेटो अतिमानव की खोज करता है, अरस्तु अतिविज्ञान का अन्वेषक है|
प्लेटो क्रांतिकारी हैं, अरस्तु रूढ़िवादी हैं|
प्लेटो दार्शनिक राजा की संप्रभुता में आस्था रखता है, अरस्तु कानून की प्रभुता का समर्थक है|
प्लेटो एक तत्ववादी है राज्य की एकता का समर्थक है, अरस्तु विविधता का समर्थक है|
प्लेटो राजनीति को नीतिशास्त्र का अंग मानता है, लेकिन अरस्तू ने राजनीतिक विचारों को नैतिक विचारों से पृथक करने का प्रयास किया है|
प्लेटो राज्य को व्यक्ति का वृहद रूप मानता है, जबकि अरस्तु इसे परिवार का वृहद रूप मानता है|
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