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अरस्तू के अनुसार ज्ञान की तीन श्रेणियां /Three categories of knowledge according to Aristotle || By Nirban P K Yadav | In Hindi

 ज्ञान की तीन श्रेणियां-

  • अरस्तु ने ज्ञान व मानव गतिविधियों की तीन श्रेणियां बताई हैं-

  1. सैद्धांतिक ज्ञान (Theoria/ Thinking)

  • इसमें सिद्धांत निर्माण आता है, इसमें साध्य के बारे में सोचा जाता है तथा तर्क के आधार पर अंतिम सत्य का पता किया जाता है| 

  • धर्मशास्त्र (Theology), गणित व भौतिक विज्ञान विषय सैद्धांतिक ज्ञान में सम्मिलित हैं|

  • अरस्तु इसे प्रथम दर्शन (First Philosophy) कहता है| 


  1. उत्पादक ज्ञान (Poiesis/ Making)- 

  • इसमें ज्ञान का निर्माण किया जाता है| अलंकारशास्त्र व साहित्य का ज्ञान इसमें होता है|

  • अलंकार शास्त्र में वाक् कला, भाषण कला व तर्क कला का अध्ययन किया जाता है|

  • एक अच्छा वक्ता में अपने श्रोताओं को प्रभावित करने के लिए तीन अलग-अलग क्षेत्र का ज्ञान होना चाहिए, जो निम्न है-

  1. Logos- श्रोताओं से तार्किक अपील 

  2. Ethos- वक्ता की विश्वसनीयता

  3. Pathos- श्रोताओं से भावनात्मक अपील


  • इन तीनों को अलंकारिक त्रिकोण (Rhetorical Triangle) कहा जाता है| 


  1. व्यवहारिक ज्ञान (Praxis/ Doing)- 

  • इसमें सिद्धांत या साध्य को व्यवहार में ढाला जाता है| इसमें नीति शास्त्र व राजनीति विषय सम्मिलित है |

  • व्यवहारिक ज्ञान ही सर्वोच्च ज्ञान है 

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