जीवन परिचय-
जन्म-
15 फरवरी 1748
लंदन में एक धनी वकील परिवार में हुआ|
15 वर्ष की आयु में सन 1763 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के क्वींस महाविद्यालय से स्नातक की, जिसके पश्चात लिकन्स इन (Lincoln’s Inn) से बेरिस्ट्री की उपाधि ली तथा 1772 से वकालात शुरु कर दी|
बेंथम ने 1790 में फ्रांस में न्यायिक प्रतिष्ठान की स्थापना के लिए एक नई योजना (A New Plan for the Organisation of the Judicial Establishment) तैयार की थी, इसलिए 1792 में फ्रांस की राष्ट्रीय संसद ने बेंथम को ‘फ्रांसीसी नागरिक’ की उपाधि प्रदान की|
जेम्स मिल बेंथम का प्रमुख शिष्य था| महान अर्थशास्त्री रिकार्डों भी बेंथम का अनुयायी था| बेंथम ने रिकार्डों के बारे में कहा है कि “मैं मिल का आध्यात्मिक पिता था और मिल रिकार्डो का आध्यात्मिक पिता था, इस प्रकार रिकार्डो मेरा अध्यात्मिक पोत्र था|”
बेंथम को उपयोगितावाद का जनक माना जाता है|
बेंथम व्यक्तिवाद व उदारवाद का समर्थक, सुधारवादी विधिवेता तथा यथार्थवादी विचारक था|
बेंथम की प्रसिद्धि इंग्लैंड के बजाय दूसरे देशों में ज्यादा और शीघ्र फैली| हैजलिट “उसका नाम इंग्लैंड में कम, यूरोप में अधिकतर तथा चिली के मैदानों एवं मैक्सिको की खानों में अधिकतम हुआ है|”
6 जून 1832 को बेंथम की मृत्यु हो गयी| इसकी मृत्यु पर डॉयल ने कहा कि “इसके शिष्य समूह ने एक पितामह और एक अध्यात्मिक नेता के रूप में उसका सम्मान किया| उसकी एक देवता के रूप में प्रतिष्ठा हुई|”
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