बेंथम की रचनाएं-
बेंथम एक महान लेखक था| उसने नीतिशास्त्र, धर्मशास्त्र, मनोविज्ञान, तर्कशास्त्र, अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र आदि विषयों पर ग्रंथों की रचना की है|
मेरी पी.मैक के अनुसार 1770 से 1832 तक बेंथम प्रतिदिन 15 बड़े पृष्ठ लिखता था|
बेंथम के लेखों की पांडुलिपिया जो 148 बक्सों में बंद है, आज भी लंदन विश्वविद्यालय और ब्रिटिश म्यूजियम में सुरक्षित है|
बेंथम की प्रमुख रचनाएं निम्न है-
Fragments on government (1776)
(शासन पर विचार)
इस पुस्तक में प्रसिद्ध विधिशास्त्री ब्लैकस्टोन की कानूनी टीका (Commentaries of English Law) की आलोचना की है|
इस पुस्तक का प्रकाशन बिना लेखक के नाम से हुआ था|
A defence of usury (1787)
An introduction to the principles of morals and legislation (1789)
यह बेंथम की सर्वोत्कृष्ट कृति मानी जाती है|
Discourses on civil and panel legislation (1802)
A theory of punishment and rewards (1811)
A treatise On judicial evidence (1813)
Easy on political tactics (1791)
Principles of international law
Constitutional code (1830)
Rationale of Evidence (1827)-
यह बेंथम की अंतिम पुस्तक थी, जिसका संपादन जे एस मिल ने किया|
Westminster Review- यह उपयोगितावाद से संबंधित समाचार पत्र था, जिसको बेंथम ने जेम्स मिल के साथ मिलकर निकाला था|
बेंथम ने अपनी कृतियों में कानून, संप्रभुता, न्याय प्रक्रिया, दंड, अधिकार, संसदीय सरकार आदि पर उपयोगितावाद पर आधारित विभिन्न रोचक तथ्य प्रस्तुत किए हैं|
वेपर के अनुसार “बेंथम की कृतियां महत्वपूर्ण, सरल तथा मनोरंजक है|”
वैज्ञानिक औचित्य की दृष्टि से बेंथम ने विकास को आवश्यक समझा है तथा विकास को वह नवीन शब्द (New Lingo) की संज्ञा देता है|
मिस ड्यूमोंट (Dument) ने बेंथम की पुस्तकों का फ्रेंच भाषा में अनुवाद किया, जिसके कारण बेंथम के विचार पुर्तगाल, स्पेन, दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप और रूस तक प्रचारित हुए|
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