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हॉब्स की आलोचना/ Criticism of Hobbes || By Nirban P K Yadav Sir || In Hindi

 हॉब्स की आलोचना-

  • कौली/ काउले ने हॉब्स को ‘मेलस्बरी का शैतान’ कहा है|

  • रूसो “हॉब्स का सबसे बड़ा दोष यह है कि एकदम निरकुंश शासन स्थापित करता है|”

  • मुर्रे “हॉब्स की जीवनी लिखने वाले को एक ही समर्थक मिला, जबकि उसके शत्रु अनेक थे|”

  • कलेरेंडन ने थॉमस हॉब्स के विलासी सिद्धांतों का खंडन किया है| कलेरेंडन का कहना है कि “थॉमस हॉब्स को इंग्लैंड की विधियों और प्रथाओं का भी कोई ज्ञान नहीं था|”

  • व्हाइट हॉल ने लेवियाथन को घातक विचारों से उसी प्रकार पूर्ण पाया, जिस प्रकार एक तरह का सर्प विष से पूर्ण होता है|

  • ब्रमहिल ने लेवियाथन का उपहास करते हुए लेवियाथन को ‘सीधे कुत्ते का खेल’ कहा है, जो सभी को चिंगारियां और लपटों के समर्पित कर देगा|

  • केटलिन “थॉमस हॉब्स के बुरे दर्शन का अधिकांश भाग उसके बुरे मनोविज्ञान के कारण है|” 

  • जॉन लॉक “क्या प्राकृतिक अवस्था में रहने वाले व्यक्ति इतने मूर्ख थे कि वे लोमड़ी तथा जंगली बिल्लियों की शरारत से तो बचने की फिक्र करते थे, लेकिन उस अवस्था में संतुष्ट थे, अपने आप को सुरक्षित अनुभव करते थे, जब शेर उन्हें निगले जा रहा हो|”

  • गूच “लेवियाथन केवल अतिमानवीय आधार का पुलिसमैन है, जो अपने हाथ में दंड लिए हैं, उसका राज्य अनिवार्य बुराई है, दबाव का यंत्र है, स्वतंत्र विकासोन्मुख सभ्यता की प्राप्ति का अपरिहार्य साधन नहीं है|”

  • थॉमस हॉब्स ने राज्य व सरकार में अंतर नहीं किया है| विलोबी के अनुसार ‘राज्य और सरकार में अंतर न मानना थॉमस हॉब्स की सबसे बड़ी भूल है|”



थॉमस हॉब्स से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य-

  • फ्रांसीसी लेखक जोसेफ वायलातो ने थॉमस हॉब्स को सर्वाधिकारवाद का प्रथम सिद्धांतकार कहा है|

  • वोलिन “थॉमस हॉब्स का लेवियाथन नश्वर ईश्वर (mortal god), तथा मानवीय शक्तियों में महानतम है|”

  • थॉमस हॉब्स का आणविक समाज व्यक्तिवाद पर आधारित है, यानी प्रत्येक व्यक्ति अणु की तरह महत्वपूर्ण व स्वतंत्र है|

  • कार्ल मार्क्स ने कहा कि “थॉमस हॉब्स हम सबका पिता है|” (गति सिद्धांत के संबंध में)

  • सी बी मैक्सफ़र्सन “थॉमस हॉब्स शक्ति राजनीति का विज्ञान पेश करने वाला प्रथम व्यक्ति है|”

  • थॉमस हॉब्स का मानना है कि मनुष्य न तो सामाजिक प्राणी है और ना ही राजनीतिक|

  • सिबली का मत है कि हॉब्स को आधुनिक राष्ट्रीय राज्य का श्रेष्ठतम दार्शनिक माना जा सकता है|

  • सी बी मैक्सफ़र्सन ने थॉमस हॉब्स की विचारधारा को स्वत्व बोध या स्वत्वात्मक व्यक्तिवाद कहा है|

  • टेलर के अनुसार थॉमस हॉब्स का सिद्धांत मानव पद्धति से नहीं, प्राकृतिक नियमों से जनित है|

  • रूसो का मत है कि हॉब्स का सिद्धांत आत्म विरोधी व उद्वेगजनक है|

  • जी एस काव्का (kavka) के अनुसार थॉमस हॉब्स एक पक्का अहमदवादी है|

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