जीवन परिचय-
जन्म-
5 अप्रैल 1588 ईसवी
इंग्लैंड के दक्षिण तट पर स्थित मेल्सबरी नगर (वेस्टपोर्ट) में
हॉब्स के जन्म के समय इंग्लैंड और स्पेन के मध्य ‘आर्मेडा का युद्ध’ हो रहा था| भय से उत्पन्न मनोवैज्ञानिक माहौल में हॉब्स की मां ने समय पूर्व बच्चे को जन्म दिया था|
इस संबंध में हॉब्स का कथन है कि “आर्मेडा युद्ध के वर्ष में उनकी जननी ने 2 जुड़वाओ को जन्म दिया भय तथा उनको|”
बाल्यकाल से हॉब्स अध्ययनशील एवं अनुशासित स्वभाव का था, किंतु डरपोक था|
हॉब्स की प्रारंभिक शिक्षा मेल्सबरी में हुई| ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से उसने स्नातक की उपाधि ग्रहण की|
1608 में इंग्लैंड के केवेंडिश नामक एक संभ्रांत कुल के विलियम केवेंडिश का शिक्षक नियुक्त हुआ|
1628 में हॉब्स सर क्लिंटन के पुत्र का अध्यापक नियुक्त हुआ|
इंग्लैंड के गृहयुद्ध के समय हॉब्स इंग्लैंड से भागकर फ्रांस चला गया क्योंकि उन्होंने राजतंत्र केसमर्थन में लिखा था तथा वहां उसने चार्ल्स द्वितीय को गणित की शिक्षा प्रदान की|
फ्रांस में ही अपना सुप्रसिद्ध ग्रंथ लेवियाथान लिखा था, जिसका प्रकाशन 1651 में हुआ था|
1652 ईसवी में इंग्लैंड वापस आ गया|
1679 ईसवी में करीब 91वर्ष की आयु में हॉब्स की मृत्यु हो गई |
हॉब्स ने राज्यशास्त्र, समाजशास्त्र, गणित, दर्शनशास्त्र आदि का गहन अध्ययन किया|
जन्म-
5 अप्रैल 1588 ईसवी
इंग्लैंड के दक्षिण तट पर स्थित मेल्सबरी नगर (वेस्टपोर्ट) में
हॉब्स के जन्म के समय इंग्लैंड और स्पेन के मध्य ‘आर्मेडा का युद्ध’ हो रहा था| भय से उत्पन्न मनोवैज्ञानिक माहौल में हॉब्स की मां ने समय पूर्व बच्चे को जन्म दिया था|
इस संबंध में हॉब्स का कथन है कि “आर्मेडा युद्ध के वर्ष में उनकी जननी ने 2 जुड़वाओ को जन्म दिया भय तथा उनको|”
बाल्यकाल से हॉब्स अध्ययनशील एवं अनुशासित स्वभाव का था, किंतु डरपोक था|
हॉब्स की प्रारंभिक शिक्षा मेल्सबरी में हुई| ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से उसने स्नातक की उपाधि ग्रहण की|
1608 में इंग्लैंड के केवेंडिश नामक एक संभ्रांत कुल के विलियम केवेंडिश का शिक्षक नियुक्त हुआ|
1628 में हॉब्स सर क्लिंटन के पुत्र का अध्यापक नियुक्त हुआ|
इंग्लैंड के गृहयुद्ध के समय हॉब्स इंग्लैंड से भागकर फ्रांस चला गया क्योंकि उन्होंने राजतंत्र केसमर्थन में लिखा था तथा वहां उसने चार्ल्स द्वितीय को गणित की शिक्षा प्रदान की|
फ्रांस में ही अपना सुप्रसिद्ध ग्रंथ लेवियाथान लिखा था, जिसका प्रकाशन 1651 में हुआ था|
1652 ईसवी में इंग्लैंड वापस आ गया|
1679 ईसवी में करीब 91वर्ष की आयु में हॉब्स की मृत्यु हो गई |
हॉब्स ने राज्यशास्त्र, समाजशास्त्र, गणित, दर्शनशास्त्र आदि का गहन अध्ययन किया|
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