जीवन परिचय-
जन्म-
5 मई 1818 ई. में
पश्चिमी जर्मनी/ प्रशा के राइनलैंड के एक नगर ट्रीविज में, यहूदी परिवार में हुआ|
पिता- हर्चेल मार्क्स, जो वकील थे|
जब कार्ल मार्क्स 6 वर्ष के थे, तब इनके पिता ने यहूदी मत का त्याग करके ईसाई धर्म में दीक्षा ले ली| इस धर्म परिवर्तन का कार्ल मार्क्स पर प्रभाव पड़ा है| इसी कारण कार्ल मार्क्स धार्मिक चेतना का विरोधी था तथा यहूदियों की कटु आलोचना की है और अंततः धर्म को अफीम और उत्पादन शक्तियों के अनुरूप मतवाद की संज्ञा दी है
सन 1835 में कार्ल मार्क्स को न्यायशास्त्र (कानून) के अध्ययन के लिए बोन विश्वविद्यालय भेजा गया| यही पर कार्ल मार्क्स एक उच्च परिवार की लड़की जेनी वान वेस्टफेलेन के प्रेम में पड़ गए|
लेकिन 1836 में कानून का अध्ययन छोड़ बर्लिन विश्वविद्यालय में दर्शन, अर्थशास्त्र व इतिहास का अध्ययन शुरू कर दिया| यहां पर मार्क्स हीगल के दर्शनशास्त्र से प्रभावित हुआ|
बर्लिन विश्वविद्यालय में कार्ल मार्क्स यंग हिगेलियन्स नामक संगठन का सदस्य बन गया|
सन 1841 में जेना विश्वविद्यालय से डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी की उपाधि प्राप्त की| डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी थीसिस का शीर्षक “ग्रीक विचारक एपीक्यूरस व डेमोक्रिटस की दार्शनिक व्यवस्था का तुलनात्मक अध्ययन था|
1842 में ‘रेहनिश टाइम्स’ का संपादक बन गया|
कार्ल मार्क्स 1843 में समाजवाद के अध्ययन के लिए पेरिस चला गया|
पेरिस में रहकर कार्ल मार्क्स ने हीगल के दर्शनशास्त्र के विरोध में रचित अपने आलोचनात्मक निबंध में लिखा कि जर्मनी की मुक्ति में सर्वहारा वर्ग जीवन रक्त का कार्य करेगा|
इस कारण फ्रांस की सरकार ने कार्ल मार्क्स को पेरिस से निष्कासित कर दिया| यहां से वह बूर्सेल्स गया तथा साम्यवादी लीग का सदस्य बन गया|
पेरिस और बूसेल्स के प्रवास-काल में मार्क्स का संपर्क अनेक विद्वानों से हुआ| जो निम्न है- आदर्श साम्यवादी केबेट, दार्शनिक अराजकतावादी प्रोधां, साम्यवादी अराजकतावादी बैकुनिन, क्रांतिकारी कवि हीन, क्रांतिकारी देशभक्त मैजिनी का मंत्री वुल्फ, फ्रेडरिक एंजिल्स|
फ्रेडरिक एंजिल्स कपड़े के एक उद्योगपति का पुत्र था, जिनके कारखाने इंग्लैंड व जर्मनी दोनों में थे तथा कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंजिलस 1844 में मिले थे और दोनो घनिष्ठ मित्र बन गए|
इसमें कार्ल मार्क्स सिद्धांत निर्माता और एंजिल्स उसका प्रचारक व संगठन कर्ता था| इन दोनों की मित्रता को 19 वी सदी की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण साहित्यक मित्रता कहा जाता है|
एंजिल्स ने मार्क्स की आर्थिक कठिनाइयों में सहयोग किया| कार्ल मार्क्स ने भी एंजिल्स के ऋण को स्वीकार करते हुए अपने समाजवादी सिद्धांत को हमारा सिद्धांत (Our theory) की संज्ञा दी है|
बूर्सेल्स में मार्क्स और एंजिल्स ने मिलकर 1848 में साम्यवादी लीग के प्रचार के लिए सुप्रसिद्ध ग्रंथ Communist Manifesto तैयार किया|
1849 में कार्ल मार्क्स लंदन बस गया तथा मृत्यु तक वही रहा| कार्ल मार्क्स का अधिकांश जीवन दरिद्रता में बीता|
1864 में प्रथम समाजवादी अंतर्राष्ट्रीय संघ स्थापित हुआ| उसकी प्रमुख प्रेरणा मार्क्स से मिली थी|
1883 में कार्ल मार्क्स की मृत्यु हो गयी|
एंजेल्स ने मार्क्स की मृत्यु को सर्वहारा वर्ग का सबसे बड़ा नुकसान कहा है| इनकी मृत्यु पर एंजेल्स ने लिखा कि “मानव जाति एक रत्न से वंचित हो गई है और वह भी हमारे युग के महानतम रत्न से|”
कार्ल मार्क्स ने अपना अधिकांश समय एक निर्वासित व्यक्ति के रूप में व्यतीत किया तथा अंतिम समय में वह किसी भी देश का औपचारिक नागरिक नहीं था|
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