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कौटिल्य का जीवन परिचय/ Biography of Kautilya || By Nirban PK Yadav Sir || In Hindi

    कौटिल्य का जीवन परिचय

    • कौटिल्य एक यथार्थवादी विचारक है|

    • कौटिल्य का वास्तविक नाम विष्णुगुप्त था, इसे चाणक्य भी कहते हैं|

    • विशाखदंत ने मुद्राराक्षस में चाणक्य को कौटिल्य और विष्णुगुप्त कहा है|

    • डॉ पांडुरंग वामन काणे कृत ‘धर्म शास्त्र का इतिहास’ में बताया है कि कौटिल्य, चाणक्य, विष्णुगुप्त एक ही व्यक्ति के नाम थे| 

    • कौटिल्य ई. पूर्व तीसरी सदी के आचार्य थे|

    • इनका जन्म तक्षशिला में हुआ था|

    • इनके जन्म के संबंध में मतभेद हैं| बौद्ध ग्रंथ इनकी जन्मभूमि तक्षशिला मानते हैं, जैन ग्रंथों के अनुसार इनकी जन्मभूमि मैसूर राज्य का श्रवणबेलगोला है, कुछ विद्वान इनका जन्म स्थान नेपाल का तराई प्रदेश मानते हैं

    • यह तक्षशिला विश्वविद्यालय में शिक्षक थे|


    वैसे- चाणक्य इनके पिता का नाम था, कुठिल नामक गोत्र होने के कारण कौटिल्य कहलाए|



    राजनीति में आने के कारण- 

    • कौटिल्य की व्यवहारिक राजनीति व राजवैभव में कोई रुचि नहीं थी, लेकिन परिस्थितियों ने व्यावहारिक राजनीति में भाग लेने के लिए बाध्य किया और भारतीय राजनीति के महत्वपूर्ण विद्वान बन गए|

    • राजनीति में आने के दो कारण-

    1. तत्कालीन मगध साम्राज्य के सम्राट घनानंद द्वारा कौटिल्य का अपमान|

    2. भारत पर यूनानी सिकंदर का आक्रमण| सिकंदर के आक्रमण से बचने के लिए भारत को एक शक्तिशाली साम्राज्य बनाना|


    इन्हीं परिस्थितियोंवश इन्होंने मगध साम्राज्य या नंद वंश का नाश किया तथा चंद्रगुप्त मौर्य को शासक बनाकर मौर्य वंश की नीव रखी, और स्वयं प्रधानमंत्री बन गए|
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