कौटिल्य के अनुसार संधि के प्रकार-
हीन संधि- यह कमजोर राजा द्वारा बलवान राजा के साथ अपनी सुरक्षा और हित संवर्धन के लिए की जाती थी|
अमिष संधि- इसके तहत पराजित राजा विजयी राजा के सामने अपनी सेना व धन के साथ समर्पण कर देता था|
पुरुषान्तर संधि- इस संधि के तहत पराजित राजा अपने सेनापति तथा राजकुमार को विजयी राजा को सौंप देता था|
उपग्रह संधि- इस संधि के तहत एक धनराशि निश्चित कर दी जाती थी तथा पराजित राजा किश्तवार धन विजयी राजा को देता था|
मित्र संधि- यह दो मित्र राजाओं के बीच परस्पर हित पूर्ति के लिए की जाती थी|
भूमि संधि- यह दो राज्यों के बीच भूमि प्राप्त करने के लिए किया गया समझौता या संधि है|
विषम संधि- यह दो राज्यों के बीच दो अलग-अलग कार्यो के लिए संधि होती थी, इसमें एक राजा हीन का तथा दूसरा राजा भूमि संधि का कार्य करता था|
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