मिल के प्रतिनिध्यात्मक शासन संबंधी विचार-
मिल ने प्रतिनिधि शासन संबंधी विचारों का वर्णन अपने ग्रंथ कंसीडरेशन ऑफ रिप्रेजेंटेटिव गवर्नमेंट (1861) में दिए है|
बहुसंख्यको के प्रति मिल का अविश्वास इसी लेख में है|
मिल ने लोकतंत्र को व्यवहार व सिद्धांत दोनों दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ शासन माना है|
मिल “लोकतंत्र प्रगति के लिए जरूरी है, इसमें बुद्धि व क्षमता का विकास होता है| अन्य किसी भी शासन प्रणाली की अपेक्षा लोकतंत्र उत्तम एवं उच्च कोटि के राष्ट्रीय चरित्र का विकास करता है|”
इसलिए मिल के लोकतंत्र को विकासात्मक लोकतंत्र कहा जाता है|
मिल के मत में वैसे तो प्रत्यक्ष प्रजातंत्र सच्चा प्रजातंत्र है, लेकिन यह आधुनिक विशाल राज्यों में संभव नहीं है| अतः मिल की दृष्टि से सर्वोत्तम शासन अप्रत्यक्ष या प्रतिनिधि प्रजातंत्र है|
इस तरह मिल प्रत्यक्ष लोकतंत्र के बजाय प्रतिनिधि लोकतंत्र का समर्थक है|
मिल ने प्रतिनिधि शासन व्यवस्था के निम्न लक्षण बताए हैं-
वे लोग, जिनके लिए ऐसी सरकार का निर्माण किया जाए, ऐसी सरकार को स्वीकार करने के इच्छुक हो या इतने अनिच्छुक न हो कि इसकी स्थापना में बाधा पैदा करें|
ऐसी सरकार के स्थायित्व के लिए वे लोग सब कुछ करने के इच्छुक हैं|
ऐसी सरकार की शर्तों को पूरा करने के लिए वे लोग तैयार रहें|
मिल के अनुसार प्रतिनिध्यात्मक सरकार के प्रमुख तत्व निम्न है-
संपूर्ण या जनता के बड़े भाग का सरकार के कार्यों में सहयोग
संपूर्ण या जनता के बड़े भाग के पास सरकार का नियंत्रण
समय-समय पर लोगों के द्वारा प्रतिनिधि चुनना
अंतिम शक्ति जनता में निहित होना
सरकार के अंगों के कार्यों का निश्चित बंटवारा
एक संगठित विरोधी दल
आनुपातिक प्रतिनिधित्व
सार्वजनिक एवं खुला मतदान
निष्पक्ष न्यायपालिका
अल्पसंख्यकों की रक्षा
मिल के अनुसार प्रतिनिधि सरकार ‘सहभागिता व सक्षमता सिद्धांत’ पर आधारित होती है|
सहभागिता-
प्रतिनिधि लोकतंत्र में लोग शासन कार्यों में भागीदारी निभाते हैं|
सहभागिता में वृद्धि के लिए मिल ने आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली का समर्थन किया है|
Note- आनुपातिक प्रतिनिधित्व सिद्धांत सर्वप्रथम लंदन के वकील थामस हेयर ने दिया था| हेयर ने यह सिद्धांत अपनी पुस्तक A Treatise on the Election of Representatives Parliamentary and Municipal 1859 में दिया था|
सक्षमता-
इसमें नागरिकों के गुणों, कौशलों व योग्यताओं का पूर्ण उपयोग होता है|
प्रतिनिधि सरकार के अस्तित्व के लिए मिल ने उदारवादी समाज के निर्माण पर बल दिया है| सेबाइन के शब्दों में “व्यक्ति और सरकार के बीच उदारवादी समाज के निर्माण की सूझ वास्तव में मिल की अपनी खोज थी|”
मिल कार्यपालिका की निरंकुशता पर अंकुश रखने के लिए सतर्क व्यवस्थापिका चाहते हैं, जो कार्यपालिका के कार्यों की आलोचना करें तथा आवश्यकता पड़ने पर कार्यपालिका को भंग कर दे| तथा कार्यपालिका व्यवस्थापिका के प्रति उत्तरदायी होगी|
मिल के अनुसार प्रतिनिधि लोकतंत्र इसलिए श्रेष्ठ है, कि अन्य किसी शासन व्यवस्था की अपेक्षा इसमें नैतिक व बौद्धिक विकास की अधिक संभावना रहती है|
प्रतिनिधि सरकार के कार्य-
मिल ने प्रतिनिधि सरकार के निम्न कार्य बताएं-
व्यक्तियों के विकास के कार्य करें|
ऐसे कानून का निर्माण करें, जिससे व्यक्ति के चरित्र का विकास हो|
कानून का निर्माण कम से कम करें|
प्रतिनिधि सभा सरकार पर नियंत्रण रखें|
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