रचनाएं-
Plato's dialogue (1834)
The system of Logic (1843)
Some unsettled questions in political economy
The Principle of Political economy (1848)
Enfranchisement Of women 1853
On the improvement in the Administration of India 1858
A treatise On Liberty या On Liberty 1859
Thoughts on Parliamentary Reforms 1859
Consideration of representative government (1861)
Utilitarianism (उपयोगितावाद) (1863)
Examination of Hamilton’s Philosophy (1865)
Auguste Comte And Positivism
Subjection of women (1869)
Autobiography
Three Essays on Religion 1874
Letters
The System of Logic (1843)-
न्यायिक अनुसंधान पर लिखा गया ग्रंथ है|
इस पुस्तक में मिल ने लॉक के अनुभववाद, ह्यूम के सहयोगी मनोविज्ञान तथा न्यूटन के भौतिकशास्त्र को शामिल किया है|
The Principle of Political Economy 1848-
1868 में इसका चतुर्थ संस्करण आया, जिसमें कल्याणकारी अर्थशास्त्र का समर्थन किया गया है|
Note- 1848 में कार्ल मार्क्स का कम्युनिस्ट मेनिफेस्टो भी आया था|
On Liberty (1859)-
राजनीति शास्त्र पर लिखित महत्वपूर्ण कृति है|
On Liberty को अपनी पत्नी हैरियट टेलर को समर्पित करते हुए मिल लिखता है कि “मेरे लेखों में जो भी सर्वोत्तम है, उसकी वह प्रेरक थी और आंशिक रूप में उसकी लेखिका भी थी| वह मेरी मित्र और पत्नी थी जिसकी सत्यं और शिव की उत्कृष्ट भावना मेरी सबसे प्रबल प्रेरणा रही थी, जिसकी प्रशंसा ही मेरा प्रथम पुरस्कार है|”
On Liberty पुस्तक में स्वतंत्रता संबंधी विचार तथा हानि के सिद्धांत का उल्लेख किया गया है|
Consideration of Representative Government (1861)-
इस पुस्तक में प्रतिनिधि सरकार, आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली का वर्णन है|
The Subjection of Women (1869)-
इसको मिल ने अपनी सौतेली बेटी हेलेन टेलर के सहयोग से लिखा था|
इसमें मिल ने महिला मताधिकार का समर्थन किया है|
मिल की रचनाओं के संबंध में मैक्सी ने लिखा है कि “अपने आचार शास्त्र एवं राजनीति संबंधी विचारों में मिल में हमें एक संघर्ष दिखाई देता है और यह संघर्ष है- उसकी बौद्धिक सामग्री, जो उसने उन उपयोगितावादी गुरुजनों से विरासत में प्राप्त की थी, जिनके लिए उसने ह्रदय में प्रेम था और जिस पर वह खुले मस्तिष्क तथा संवेदनात्मक पर्यवेक्षण के कारण पहुंचा था|”
अध्ययन पद्धतियों का वर्गीकरण-
मिल ने चार प्रकार की अध्ययन पद्धतियां बताई हैं-
रासायनिक अध्ययन पद्धति
ज्यामितिक अध्ययन पद्धति
भौतिक अध्ययन पद्धति
ऐतिहासिक अध्ययन पद्धति
मिल के अनुसार रासायनिक पद्धति केवल रसायनशास्त्र के लिए उपयोगी है| ज्यामितिक अध्ययन पद्धति का भी प्रयोग राजनीतिशास्त्र में नहीं किया जा सकता क्योंकि यह निगमनात्मक है| अतः मिल के अनुसार भौतिक एवं ऐतिहासिक पद्धतियों का प्रयोग ही राजनीतिशास्त्र में किया जा सकता है|
भौतिक पद्धति निगमनात्मक व आगमनात्मक दोनों का मिश्रण है तथा ऐतिहासिक अध्ययन पद्धति आगमनात्मक होती है|
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