सी.पी. राधाकृष्णन देश के नए उपराष्ट्रपति बन गए हैं। उन्होंने INDIA Bloc के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को पराजित किया है|
सी.पी. राधाकृष्णन को 452 वोट मिले है, वहीं सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले हैं|
इस चुनाव में टोटल वोट 767 पड़े थे, जिसमें से वैलिड वोटों की संख्या 752 थी और इनवैलिड वोट 15 रहे|
संविधान के भाग 5, में अनुच्छेद 63 से 70 तक उपराष्ट्रपति के बारे में उल्लेख है|
उपराष्ट्रपति का पद देश का दूसरा सर्वोच्च पद है|
आधिकारिक क्रम में उपराष्ट्रपति पद राष्ट्रपति पद के बाद आता है|
यह पद अमेरिका के उपराष्ट्रपति की तर्ज पर बनाया गया है|
अनुच्छेद 63 पद का प्रावधान-
भारत का एक उपराष्ट्रपति होगा|
योग्यता [अनुच्छेद 66 (3)]-
भारत का नागरिक हो|
35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो|
राज्यसभा सदस्य बनने की योग्यता रखता हो
अनुच्छेद 66 (4)- भारत सरकार या राज्य सरकार या स्थानीय या अन्य प्राधिकारी के अधीन लाभ के पद न हो|
अनुच्छेद 66 (2)- संसद या राज्य विधानमंडल का सदस्य न हो
निर्वाचन विधि [66(1)] -
एकल संक्रमणीय आनुपातिक प्रतिनिधित्व मतदान प्रणाली द्वारा गुप्त रूप से
निर्वाचक मंडल [अनु- 66 (1)]
संसद के दोनों सदनों के सभी (निर्वाचित व मनोनीत) सदस्य शामिल होते हैं|
उपराष्ट्रपति के नामांकन के लिए आवश्यकता-
20 प्रस्तावक
20 अनुमोदक होने चाहिए
शपथ (अनु 69)-
उपराष्ट्रपति पद ग्रहण करने से पहले राष्ट्रपति या उनके द्वारा नियुक्त व्यक्ति के समक्ष शपथ लेता है|
संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा व निष्ठा की
कर्तव्य पालन की
पदाविधि या कार्यकाल (अनुच्छेद 67)
पद ग्रहण करने की तिथि से 5 वर्ष तक
त्यागपत्र- राष्ट्रपति को अपने हस्ताक्षर सहित लेख के द्वारा|
उपराष्ट्रपति नये उत्तराधिकारी के पद ग्रहण करने तक अपने पद पर बना रहता है, चाहे कार्यकाल पूरा हो गया|
पद से हटाना (अनु 67)-
राज्यसभा के तत्कालीन सदस्यों के बहुमत से पारित संकल्प के द्वारा, जिस पर लोकसभा की सहमति हो, उपराष्ट्रपति को हटाया जा सकता है|
लेकिन ऐसा संकल्प लाने से 14 दिन पूर्व उपराष्ट्रपति को सूचना देनी होगी|
Note- उपराष्ट्रपति को पद से हटाने के आधार क्या है इस बात पर सविधान मौन है|
Note- उपराष्ट्रपति की मृत्यु, त्यागपत्र या पद से हटाए जाने या अन्य कारण से पद रिक्त होने पर यथाशीघ्र निर्वाचन किया जाएगा (अनु- 68)
Note- कोई व्यक्ति कितनी बार उपराष्ट्रपति बन सकता है, इस बात पर सविधान मौन है|
चुनाव संबंधी विवाद [अनुच्छेद- 71]
उपराष्ट्रपति के चुनाव से संबंधित सभी विवादों की जांच व निर्णय S.C द्वारा किए जाते हैं, तथा S.C का निर्णय अंतिम होता है|
S.C यदि किसी व्यक्ति के उपराष्ट्रपति पद पर निर्वाचन को अवैध ठहरा दे, तो इस दौरान किया गया कार्य अवैध नहीं होगा|
उपराष्ट्रपति के निर्वाचन से संबंधित विधि संसद बनाएगी|
उपराष्ट्रपति के चुनाव को निर्वाचन मंडल के अपूर्ण होने के आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती है|
उपराष्ट्रपति के कार्य-
अनुच्छेद 64 व 89- उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है|
अनुच्छेद 65- राष्ट्रपति पद रिक्त होने पर कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करेगा|
Note- जब उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है तो वह राज्यसभा का सभापति नहीं रहेगा|
वेतन भत्ते-
उपराष्ट्रपति को वेतन अनुच्छेद 97 के अंतर्गत सभापति के रूप में मिलता है|
जब कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है तो वेतन राष्ट्रपति के रूप में मिलता है|
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