डेविड ईस्टन: सिद्धांत एक अवधारणात्मक रूपरेखा-
पुस्तक-
The Political System 1953
A Framework of Political Analysis 1965
Varieties of Political Theory 1965
A System Analysis of Political Life 1965
डेविड ईस्टन ने राजविज्ञान में एक अनुभव-अभिमुख सामान्य सिद्धांत के निर्माण पर बल दिया, इस कारण इन्हें राजनीतिक विज्ञान का टालकोट पार्सन्स माना जाता है|
डेविड ईस्टन “सिद्धांत के अभाव में स्वयं अमेरिकी राजविज्ञानी स्वतंत्र पैदा होता है, किंतु अति तथ्यवादी अतीत से बंधा होने के कारण वह सर्वत्र बंदी है|”
डेविड ईस्टन ने सिद्धांत निर्माण के लिए अवधारणात्मक विचारबंध या वैचारिक रूपरेखा (Conceptual framework) का विचार दिया है|
अवधारणात्मक विचारबंध में अवधारणाएं या प्रत्यय (Concepts) एवं प्रारूप (Models) मिले होते हैं, जिसका उद्देश्य सिद्धांत का निर्माण करना होता है|
डेविड ईस्टन “सिद्धांत एक संवर्गों (Categories) का प्रखर आनुभाविक संगति लिए एक ऐसा तर्कपूर्ण एकीकृत सेट है, जो कि राजनीतिक जीवन का विश्लेषण एक राजनीतिक व्यवहार व्यवस्था के रूप में करना संभव बनाता है|”
अवधारणात्मक विचारबंध-
डेविड ईस्टन के अनुसार आधुनिक राजविज्ञानी का लक्ष्य एक व्यवस्थित सिद्धांत का निर्माण होना चाहिए|
ईस्टन सिद्धांत को दो रूप में ग्रहण करता है-
मूर्त व्यवस्थाओं के विश्लेषण के लिए- इस अर्थ में वह सिद्धांत की सहायता से वास्तविक राजनीति की सततता या निरंतरता का अध्ययन करता है, अर्थात राज्यव्यवस्थाएं स्थिर और बदलते हुए पर्यावरण में अपने आप को एक लंबे समय तक कैसे बनाए रखती है? का अध्ययन|
अमूर्त विश्लेषण के लिए- इस अर्थ में वह सिद्धांत को यथार्थ राजव्यवस्था की शाब्दिक या प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति मानता है, जिसका उद्देश्य व्यवस्था की जीवन-प्रक्रियाओं का विवेचन करना है| ईस्टन इसे अवधारणात्मक विचारबंध या विश्लेषण की संरचना कहता है|
Social Plugin