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प्राकृतिक अधिकार संबंधी हॉब्स के विचार/ Hobbes' views on natural rights || By Nirban PK Yadav Sir

 प्राकृतिक अधिकार संबंधी हॉब्स के विचार-

  • हॉब्स ने अपने ग्रंथ लेवियाथन के 14वे अध्याय में इसका प्रतिपादन किया है|

  • प्राकृतिक अवस्था में प्राप्त अधिकार को हॉब्स ने प्राकृतिक अधिकार कहा है|

  • प्राकृतिक अवस्था में मनुष्य को एक प्राकृतिक अधिकार प्राप्त था वह था- जीवन रक्षा या आत्मरक्षा की स्वतंत्रता|

  • मनुष्य को अपने जीवन की रक्षा के लिए किसी व्यक्ति को मारने व लूटने की स्वतंत्रता थी|

  • टी एच हेक्सले ने इसे शेर का अधिकार (Tiger’s Right) कहा है|

  • डेनिंग “हॉब्स का मत है कि प्राकृतिक अधिकार प्रत्येक व्यक्ति को प्राप्त उस स्वतंत्रता का प्रतीक है, जो उसे अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए सभी संभव कार्य करने का अधिकार देती है|”


  • Note- आत्मरक्षा की स्वतंत्रता का अधिकार हॉब्स ने ह्यूगो ग्रोशियस से लिया है| ह्यूगो ग्रोशियस ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘The Law of War and Peace’ (1625) में कहा है कि सभी व्यक्तियों को सुरक्षा का अधिकार है

Note- हॉब्स के प्राकृतिक अधिकार संघर्ष, हिंसा, अव्यवस्था, अराजकता को जन्म देते हैं| 


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